
‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’
‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’
यह टॉपिक पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित है
28 सितंबर, 2023
चर्चा में:
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने ‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’ जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वृद्ध लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’
प्रमुख बिंदु:
- ‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’ के अनुसार, जहाँ भारत में बुजुर्गों की आबादी में तेजी से वृद्धि हो रही है। वहीं, 15 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों की संख्या में गिरावट आ रही है।
- संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत साल 2046 तक, भारत में बुजुर्गों की संख्या 0-14 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या से अधिक हो जाएगी।
- ‘इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023’, के अनुसार भारत में प्रति 100 बच्चों पर 39 वृद्ध व्यक्ति हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में 2010 के बाद से बुजुर्गों की आबादी में तेज वृद्धि हुई है।
- देश में 15 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या में गिरावट को दर्शाया गया है। देश में वर्तमान में युवाओं का सबसे बड़ा समूह है।
- इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की आबादी बूढ़ी हो रही है।
- वैश्विक स्तर पर बात की जाए, तो 2022 में 7.9 अरब की आबादी में से लगभग 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। यह आबादी का लगभग 13.9 फीसदी हिस्सा है। 2050 तक वैश्विक आबादी में बुजुर्गों की संख्या बढ़कर लगभग 2.2 अरब यानी 22 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
2036 तक 22.7 करोड़ बुजुर्ग आबादी होने की संभावना
- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की 'इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023' के अनुसार, आज का अपेक्षाकृत युवा भारत आने वाले दशकों में तेजी से बूढ़ा होता समाज बन जाएगा।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में (1 जुलाई तक) 60 साल और उससे अधिक उम्र के 14.9 करोड़ लोग हैं, जो देश की आबादी का लगभग 10.5% हैं। लेकिन 2036 तक इसके बढ़कर 15% (लगभग 22.7 करोड़) होने का अनुमान है।
- 2050 तक वृद्ध व्यक्तियों की हिस्सेदारी 20.8% (34.7 करोड़) हो जाएगी। इससे हर पांच में से एक व्यक्ति बुजुर्ग हो जाएगा।
40 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग गरीबी की स्थिति में :
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 40 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग संपत्ति के मामले में गरीब हैं। लगभग 18.7 प्रतिशत बुजुर्गों के पास आय अर्जन का कोई साधन नहीं है।
- भारत में हर पांच में दो बुजुर्ग संपत्ति के लिहाज से गरीब श्रेणी में हैं। यह जम्मू-कश्मीर में 4.2 प्रतिशत और पंजाब में पांच प्रतिशत है जबकि लक्षद्वीप में 40.2 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 47 प्रतिशत है।
- बुजुर्गों में गरीबी का यह स्तर उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य:
- कुल आबादी में बुजुर्गों के राष्ट्रीय औसत से कम संख्या वाले 11 राज्य हैं। इनमें 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। 8.1% बुजुर्ग आबादी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। शीर्ष पांच राज्यों में असम (8.2%) तीसरे, झारखंड (8.4%) चौथे और राजस्थान व मध्य प्रदेश (8.5%) पांचवें स्थान पर हैं।
केरल सबसे बुजुर्ग राज्य:
- 60 वर्ष से अधिक उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। वहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है।
- सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।
भारत में बुजुर्गों की संख्या बढ़ने के कारण:
- भारत में बुजुर्गों की संख्या बढ़ने के तीन कारण हैं- घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि।
- बीते एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है।
- 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।
वृद्धों की देखभाल सरकार के प्रयास:
- भारतीय संविधान के अनुच्छे अनुच्छेद 41 के तहत राज्य सरकारें अपनी आर्थिक क्षमता के मुताबिक बुजुर्गों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के उपाय करती हैं ।
- इसके अलावा भारत सरकार मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (एमआईपीएए), 2002 के मुताबिक जनसंख्या की वृद्धावस्था संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए नीति और कार्यक्रमों का संचालन करती है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के बारे में :
- यह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) का एक सहायक अंग है।
- इसे वर्ष 1967 में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (Economic and Social Council- ECOSOC) द्वारा ट्रस्ट फंड के रूप में स्थापित किया गया था,
- यह वर्ष 1969 से परिचालन में है।
- इसे वर्ष 1987 में आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष नाम दिया गया, लेकिन वर्तमान में इसका संक्षिप्त नाम UNFPA (जनसंख्या गतिविधियों के लिये संयुक्त राष्ट्र कोष) भी चलन में है।
- यह स्वास्थ्य (SDG3), शिक्षा (SDG4) और लैंगिक समानता (SDG5) पर सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी काम करता है।
- संयुक्त राष्ट्र के बजट के समर्थन के बजाय, यह पूरी तरह से दाता सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र, फाउंडेशन और व्यक्तियों के स्वैच्छिक योगदान से संचालित होता है।
मुख्य परीक्षा प्रश्न
UN की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। विवेचना कीजिए।