
वैश्विक दासता सूचकांक, 2023
वैश्विक दासता सूचकांक, 2023
मुख्य परीक्षा:सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2
(सरकार के नीतिगत मुद्दे)
चर्चा में:
- हाल ही में वैश्विक दासता सूचकांक, 2023 रिपोर्ट को जारी किया गया है।
इस रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष:
- इस रिपोर्ट द्वारा 160 देशों में जारी "आधुनिक दासता" में रह रहे लोगों का आकलन प्रस्तुत किया है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में किसी भी दिन, 50 मिलियन यानी 5 करोड़ से अधिक लोग "आधुनिक दासता " में रह रहे थे।
- आधुनिक दासता में रह रहे 50 मिलियन में से 28 मिलियन लोग जबरन श्रम और 22 मिलियन लोग जबरन विवाह से पीड़ित हैं।
- इन 50 मिलियन आधुनिक दासों में 12 मिलियन बच्चे हैं।
आधुनिक दासता का आशय क्या है?
- आधुनिक दासता का मतलब उन स्थितियों से है, जिसमें कोई व्यक्ति धमकी, हिंसा, जबरदस्ती, धोखे या शक्ति के दुरुपयोग के कारण न तो मना कर सकता है और न ही छोड़ सकता है।
- इस आधुनिक दासता में बलात मजदूरी, जबरन शादी, ऋण बंधन, यौन शोषण, मानव तस्करी, गुलामी जैसी प्रथाओं, जबरन या गुलामी वाली शादी, बच्चों की बिक्री और शोषण जैसी कई तरह के कार्य शामिल होते हैं।
वैश्विक दासता सूचकांक:
- यह वैश्विक दासता सूचकांक का पांचवां संस्करण है।
- इस सूचकांक को “वॉक फ्री” मानवाधिकार संगठन द्वारा जारी किया जाता है।
- इस रिपोर्ट में आधुनिक दासता से संबंधित आंकड़े अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), वॉक फ्री और प्रवासन के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन (IOM) से प्राप्त किए गए हैं।
- इसे निर्धारित करने के लिए, सूचकांक प्रति 1000 जनसंख्या पर आधुनिक गुलामी की घटनाओं की गणना करता है।
- यह माप पूरे देश में आधुनिक दासता के पैमाने की तुलना करने के लिए एक मानकीकृत तरीका प्रदान करता है।
अधिकतम दासता प्रसार वाले दस देश:
- उत्तर कोरिया, इरिट्रिया, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, तुर्की, ताजिकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, अफगानिस्तान और कुवैत।
सबसे कम दासता प्रसार वाले दस देश :
- स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, जर्मनी, नीदरलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, बेल्जियम, आयरलैंड, जापान और फिनलैंड।
आधुनिक दासता में रहने वाले लोगों की अधिकतम संख्या वाले दस देश:
- भारत, चीन, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, तुर्की, बांग्लादेश, संयुक्त राज्य अमेरिका।
- आधुनिक दासता में एशिया और प्रशांत के लोगों की संख्या सबसे अधिक है जो वर्तमान में 29.3 मिलियन है।
आधुनिक दासता में रहने वाले लोगों की अधिकतम संख्या वाले देशों में G20 देशों के 6 सदस्य हैं:
- भारत, चीन, रूस, इंडोनेशिया, तुर्की और अमेरिका।
विश्व में दासता के विरुद्ध उठाए गए कदम:
- संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी): एसडीजी के उपलक्ष्य 8.7 में आधुनिक दासता, तस्करी और बाल श्रम का अंत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया ने ‘मॉडर्न स्लेवरी एक्ट’ पारित किया, जिसमें उन कंपनियों के पास जिनकी प्रति वर्ष एयू $ 100 मिलियन से अधिक का समेकित राजस्व है, वे आधुनिक दासता को रोकने के लिए जो कार्रवाई कर रहे हैं, उसकी रिपोर्ट करना अनिवार्य किया गया है।
- लगभग 137 देशों ने संयुक्त राष्ट्र तस्करी प्रोटोकॉल के अनुरूप मानव तस्करी को अपराध बना दिया है।
भारत में दासता के विरुद्ध उठाए गए कदम:
संवैधानिक प्रावधान
- संविधान का अनुच्छेद 23: मानव तस्करी और बेगार और जबरन श्रम के किसी भी प्रकार को निषिद्ध करता है।
- संविधान का अनुच्छेद 24: चौदह वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को किसी कारखाने या खान में काम करने या किसी अन्य खतरनाक रोजगार में लगाने को निषिद्ध करता है।
- भारत ने बाल श्रम उन्मूलन, न्यूनतम आयु सम्मेलन, 1973 (संख्या 138) और बाल श्रम सम्मेलन, 1999 (संख्या 182) के सबसे खराब रूपों के उन्मूलन से संबंधित दो मौलिक ILO सम्मेलनों की पुष्टि की है।
- 1976 का बंधुआ मजदूरी उन्मूलन अधिनियम: यह अधिनियम बंधुआ मजदूरी और जबरन श्रम पर रोक लगाता है, और सतर्कता समितियों के गठन के लिए राज्य सरकारों की जिम्मेदारियों की पहचान करता है। इस अधिनियम को अनुबंध और प्रवासी श्रमिकों को शामिल करने के लिए 1985 में संशोधित किया गया था।
- बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय योजना: यह योजना बचाए गए व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
चिंताएं:
- स्पष्ट परिभाषा का अभाव: 'आधुनिक दासता' की कोई स्पष्ट अंतर्राष्ट्रीय कानूनी परिभाषा नहीं है, जिसके कारण कई बार अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर सहायता पहुँचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- रैंकिंग पद्धति: सूचकांक में मौजूद आँकड़े गुणात्मक विश्लेषण की उपेक्षा करते हैं।
- इस तरह से देशों की रैंकिंग गरीब देशों के लिए अपमानजनक होता है।
आगे की राह:
- उचित कार्यवाही और कानूनों के माध्यम से सरकारों और संस्थाओं द्वारा आधुनिक दासता से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं के स्रोतों को रोका जा सकता है।
- जलवायु परिवर्तन स्थिरता योजनाओं में दासता विरोधी उपायों को शामिल करना चाहिए।
- अनिवार्य रूप से बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
- जबरन और बाल विवाह के नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
- कमजोर समुदायों को सशक्त बनाने के लिए जी20 देशों द्वारा मजबूत कानून बनाने और इनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- जबरन श्रम को रोकने के लिए लोगों की सार्वजनिक वस्तुओं एवं अच्छे कार्यों तक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू
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