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भारत: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

02.06.2025

 

भारत: दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था


 प्रसंग:
 2025 की शुरुआत में, नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है (नाममात्र GDP के अनुसार)।

समाचार से जुड़ी जानकारी:

  • भारत का GDP $4.2 ट्रिलियन को पार कर गया है, जो जापान से अधिक है।
     
  • यह सेवा क्षेत्र, सुधारों और डिजिटल टूल्स से प्रेरित है।
     
  • भारत जल्द ही $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है।
     
  • रैंकिंग नाममात्र GDP पर आधारित है, प्रति व्यक्ति आय पर नहीं।
     

GDP क्या है (सकल घरेलू उत्पाद):
 GDP का अर्थ है—किसी निर्धारित अवधि में देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य। "अंतिम" से आशय है उपभोग के लिए तैयार वस्तुएं, न कि आगे उत्पादन के लिए।

GDP वृद्धि के मुख्य चालक:
 GDP चार प्रकार के व्यय से संचालित होता है:

  1. निजी उपभोग: घरों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर खर्च (Private Final Consumption Expenditure – PFCE)।
     
  2. सरकारी खर्च: सरकारी कार्यों जैसे वेतन, सेवाओं आदि पर खर्च (Government Final Consumption Expenditure – GFCE)।
     
  3. निवेश: बुनियादी ढांचे, मशीनों आदि पर खर्च, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ती है (Gross Fixed Capital Formation)।
     
  4. शुद्ध निर्यात: निर्यात – आयात का अंतर।
     

GDP का सूत्र:
 GDP = निजी उपभोग + निवेश + सरकारी खर्च + (निर्यात − आयात)

भारतीय GDP की विशेषताएँ:

  • सेवा क्षेत्र 50% से अधिक योगदान देता है।
     
  • डिजिटल ढांचे जैसे UPI और ONDC ने विकास को गति दी।
     
  • सरकार ने PLI और गति शक्ति जैसी योजनाएँ शुरू कीं।
     
  • आर्थिक आकार बढ़ा है, लेकिन चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं।
     
  • दृष्टिकोण समावेशी और टिकाऊ विकास का है।
     
  • आर्थिक वृद्धि को सामाजिक प्रगति से जोड़ना जरूरी है।
     

चुनौतियाँ:

  • युवाओं में बेरोजगारी दर 15–18% है।
     उदाहरण: पढ़े-लिखे स्नातकों को नौकरी नहीं मिल रही।
     
  • प्रति व्यक्ति आय लगभग $2,000 है।
     उदाहरण: जापान की प्रति व्यक्ति आय $34,000 है।
     
  • असमानता बढ़ रही है; शीर्ष 1% के पास 40% संपत्ति है।
     उदाहरण: शहरी–ग्रामीण क्षेत्रों में आय का भारी अंतर।
     
  • कृषि संकट: कम उत्पादकता और आय।
     उदाहरण: 45% कार्यबल कृषि में है, लेकिन GDP में योगदान मात्र 18%।
     

आगे की राह:

  • MSME और स्टार्टअप्स के माध्यम से रोजगार सृजन।
     उदाहरण: स्थानीय उद्योगों में स्किल-आधारित नियुक्ति।
     
  • ग्रामीण निवेश बढ़ाना, विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य में।
     उदाहरण: ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, स्कूल ढांचे में सुधार।
     
  • श्रम कानून सुधारों से विनिर्माण को प्रोत्साहन।
     उदाहरण: वस्त्र उद्योगों के लिए व्यापार सुगमता बढ़ाना।
     
  • नवाचार को बढ़ावा देने हेतु R&D खर्च में वृद्धि।
     उदाहरण: GDP का 1% से अधिक अनुसंधान पर खर्च, जैसे विकसित देशों में होता है।
     

निष्कर्ष:
 भारत की आर्थिक स्थिति तेजी से बढ़ी है, लेकिन असली सफलता लोगों के जीवन में सुधार लाने में है। वैश्विक नेतृत्व बनाए रखने के लिए भारत को आर्थिक विकास के साथ सामाजिक न्याय, गुणवत्तापूर्ण नौकरियाँ और नवाचार को जोड़ना होगा।

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