02.06.2025
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
प्रसंग:
हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने व्यापार में सुगमता और नीति संवाद को मजबूत करने के लिए सरकार की पहलों के साथ साझेदारी की है।
समाचार से जुड़ी जानकारी:
- CII की स्थापना 1895 में हुई थी।
- यह एक गैर-सरकारी, गैर-वैधानिक, गैर-लाभकारी संगठन है।
- यह वैश्विक स्तर पर भारतीय उद्योगों को बढ़ावा देता है।
विशेषताएँ:
- यह सरकार और उद्योग के बीच सेतु का कार्य करता है।
- नीति सुझाव और सुधारों का प्रारूप तैयार करता है।
- प्रशिक्षण, इवेंट और बाज़ार विश्लेषण की सुविधा देता है।
- MSME, स्टार्टअप्स और स्थिरता प्रयासों को समर्थन देता है।
चुनौतियाँ:
- बड़े और छोटे उद्योगों के प्रतिनिधित्व में असंतुलन।
उदाहरण: नीतियों में बड़े कॉरपोरेट्स का दबदबा।
- क्षेत्रीय भागीदारी में असमानता।
उदाहरण: उत्तर-पूर्व भारत में उद्योगों की कम भागीदारी।
- नीति निर्माण में सीमित सीधी शक्ति।
उदाहरण: सलाहकार भूमिका, कार्यकारी नहीं।
आगे की राह:
- सभी क्षेत्रों से समावेशी औद्योगिक भागीदारी।
उदाहरण: टियर-2, टियर-3 शहरों के उद्योगों को प्रोत्साहन।
- व्यावसायिक संस्थानों से कौशल विकास साझेदारी।
उदाहरण: CII–NSDC सहयोग।
- MSMEs को नीति निर्माण में अधिक एकीकृत करना।
उदाहरण: विशेष CII-MSME परिषद की सिफारिशें।
निष्कर्ष:
CII भारत के औद्योगिक परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। समावेशी, कौशल-संपन्न और टिकाऊ उद्योग के माध्यम से, यह भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने में तेजी ला सकता है।