
भारत बनाम इंडिया विवाद
भारत बनाम इंडिया विवाद
यह टॉपिक आईएएस/पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 भारतीय राजव्यवस्था से संबंधित है
09 सितंबर , 2023
चर्चा में:
- हाल ही में, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण में एक उल्लेखनीय बदलाव पेश किया गया है।
- इस निमंत्रण पत्र पर पारंपरिक 'प्रेसीडेंट ऑफ़ इंडिया' के बजाय, 'प्रेसीडेंट ऑफ़ भारत' शब्द लिखा हुआ है जिससे राजनीतिक दलों के मध्य देश का नाम इंडिया से भारत करने के कारण एक बड़े विवाद की स्थिति पैदा हो गयी है।
भारत नाम की उत्पत्ति:
- 'भारत' शब्द की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ें काफ़ी गहरी हैं इसका पता पौराणिक साहित्य और महाकाव्य महाभारत से लगाया जा सकता है।
- विष्णु पुराण में "भारत" का वर्णन दक्षिणी समुद्र और उत्तरी बर्फीले हिमालय पर्वत के बीच की भूमि के रूप में किया गया है।
- यह केवल राजनीतिक या भौगोलिक इकाई से अधिक धार्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक इकाई का प्रतीक है।
- वहीं भारत का नाम एक प्रसिद्ध प्राचीन राजा 'भरत' से जोड़ा जाता है।
- भारत को ऋग्वैदिक जनजातियों का पूर्वज माना जाता है, जो सभी उपमहाद्वीप के लोगों के पूर्वज का प्रतीक है।
- इंडिया शब्द की उत्पति INDUS (सिन्धु) शब्द से लिया गया है, जो उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग से बहने वाली एक नदी का नाम है।
- प्राचीन यूनानियों ने सिंधु नदी के पार रहने वाले लोगों को इंडो कहा, जिसका अर्थ है "सिंधु के लोग"
- बाद में, फारसियों और अरबों ने भी सिंधु भूमि को संदर्भित करने के लिए हिंद या हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल किया।
- यूरोपीय लोगों ने इन स्रोतों से इंडिया नाम अपनाया और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के बाद यह देश का आधिकारिक नाम बन गया।
इंडिया और भारत के संबंध में संविधान सभा की बहस:
- देश के नाम को लेकर यह बहस नई नहीं है। वर्ष 1949 में जब संविधान सभा द्वारा संविधान का निर्माण किया जा रहा था तब भी देश के नाम को लेकर मतभेद था।
- कुछ सदस्यों को लगा कि "इंडिया" शब्द औपनिवेशिक उत्पीड़न की याद दिलाता है और उन्होंने आधिकारिक दस्तावेज़ों में "भारत" को प्राथमिकता देने की मांग की।
- जबलपुर के सेठ गोविंद दास ने "भारत" को "इंडिया" से ऊपर रखने की वकालत की और इस बात पर बल दिया कि भारत केवल पूर्व अंग्रेज़ी अनुवाद था।
- "हरि विष्णु कामथ ने "भारत" के प्रयोग की मिसाल के रूप में आयरिश संविधान का उदाहरण दिया, जिसने स्वतंत्रता प्राप्त करने पर देश का नाम बदल दिया।
- हरगोविंद पंत ने तर्क दिया कि लोग "भारतवर्ष" नाम चाहते थे और उन्होंने विदेशी शासकों द्वारा दिये गए "भारत" शब्द को खारिज़ कर दिया।
इंडिया और भारत : संवैधानिक परिदृश्य
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद-1 में कहा गया है कि इंडिया यानी भारत बजाय 'राज्यों के समूह' के 'राज्यों का संघ' होगा।
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना 'हम भारत के लोग से शुरु होती है, लेकिन हिंदी संस्करण में इंडिया के बजाय "भारत" का उपयोग किया गया है, जो परस्परता का संकेत देता है।
- इसके अतिरिक्त, कुछ सरकारी संस्थानों, जैसे कि भारतीय रेलवे, और भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पहले से ही हिंदी संस्करण हैं जिनमें 'भारतीय' शामिल है।
- संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने सलाह दी कि इसके परम्परागत नाम (भारत) को रहने दिया जाये जबकि कुछ ने आधुनिक नाम (इंडिया) की वकालत की।
- इस तरह संविधान में इंडिया जो कि भारत है दोनों नामों को स्वीकार किया गया है।
संविधान संशोधन की आवश्यकता:
- भारत सरकार को देश का नाम इंडिया की जगह भारत करने के लिए संसद में विधेयक पेश करना होगा।
- सरकार को संविधान के भाग 1 के अनुच्छेद 1 में संशोधन करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा सदनों में विशेष बहुमत की आवश्यकता होगी।
- विशेष बहुमत प्राप्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट, जो कि संविधान का संरक्षक है, संविधान के मूल ढांचे में परिवर्तन होने या न होने की स्थिति में देश का नाम भारत करने का निर्णय देगी।
नाम बदलने के पीछे सर्वोच्च्य न्यायालय का तर्क:
- ‘संविधान के मूल ढांचे में परिवर्तन न हो’ के अंतर्गत सर्वोच्च्य न्यायालय वर्ष 2016 में तथा फिर वर्ष 2020 में 'इंडिया' का नाम बदलकर 'भारत' करने की याचिका को दो बार खारिज़ कर चुका है, क्योंकि "भारत" और "इंडिया" दोनों नाम का उल्लेख संविधान में है।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न
भारत बनाम इंडिया विवाद से संबंधित प्रमुख निहितार्थों की समीक्षा कीजिए।