
कैंसर का बढ़ता प्रभाव
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कैंसर का बढ़ता प्रभाव
मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन: 2,3 (स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी)
संदर्भ:
- दुनियाभर में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ‘ग्लोबल कैंसर आब्जर्वेटरी’(ग्लोबोकोन) के अनुसार जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के चलते दुनियाभर में 2040 तक कैंसर के मामले प्रतिवर्ष 2.84 करोड़ तक बढ़ सकते हैं। ये मामले वर्ष 2020 के मुकाबले 47 फीसद अधिक हो सकते हैं। वर्ष 2020 में दुनियाभर में कैंसर के करीब 1.93 करोड़ नए मामले आए थे और लगभग एक करोड़ लोगों की इससे मौत हुई थी।
- विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार कैंसर मरीजों की संख्या वैश्वीकरण और बढ़ती अर्थव्यवस्था से जुड़े जोखिमों के चलते बढ़ सकती है।
कैंसर क्या होता है:
- कोशिकाओं का अनियंत्रित रूप से बढ़ना कैंसर कहलाता है।
- शरीर में एक या एक से अधिक कोशिकाओ के जीन में परिवर्तन की स्थिति कैंसर कहलाती है।
- जीन (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) के टुकड़े हर कोशिका के अंदर होते हैं। जीन कोशिका में वृद्धि एवं विभाजन के लिए उत्तरदायी होते हैं। लेकिन जब ये जीन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो कोशिका कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
- कैंसर का अध्ययन विज्ञान की ‘ऑन्कोलॉजी’ शाखा में किया जाता है।
- देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर, हरियाणा में स्थित है।
कैंसर के प्रकार:
शारीरिक लक्षणों के आधार पर कैंसर अनेक प्रकार के होते हैं:
- कार्सिनोमा – यह ऐसा कैंसर है जो त्वचा या ऊतकों में शुरू होकर शरीर अन्य अंगों को प्रभावित करता है।
- सार्कोमा – सार्कोमा हड्डियों, मांसपेशियों, उपास्थि और रक्त वाहिकाओं जैसे संयोजी ऊतकों का एक कैंसर है।
- ल्यूकेमिया – ल्यूकेमिया अस्थि मज्जा का एक कैंसर है, जो रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है।
- लिम्फोमा और मायलोमा प्रतिरक्षा प्रणाली के कैंसर हैं।
कैंसर के लक्षण:
- त्वचा संबंधी घावों का जल्दी न भरना।
- शरीर के किसी भाग से असामान्य रक्तस्राव होना।
- शारीरिक वजन में तेज़ी से कमी आना।
- धीरे-धीरे भूख में कमी आना।
- भोजन निगलने में परेशानी होना।
कैंसर से बचाव हेतु उपाय:
- नियमित शारीरिक व्यायाम एवं योगाभ्यास करना।
- शारीरिक वजन को नियंत्रण में रखना।
- दैनिक कार्यों में सक्रिय रहना।
- नियमित स्वास्थ्य संबंधी जांच कराना।
- शरीर में होने वाले परिवर्तनों एवं लक्षणों के प्रति जागरूक रहना।
- सुरक्षित यौन संबंधों को अपनाना।
- पर्यावरणीय कार्सिनोजेन तत्त्वों के जोखिम से बचाव करना।
- धूम्रपान और शराब का उपभोग ना करना।
- मसालेदार, तली हुई, संरक्षित और जंक फूड का उपयोग करना।
कैंसर के उपचार हेतु प्रयुक्त थेरेपी:
सीएआर टी-सेल थेरेपी-
एक प्रकार के उपचार में रोगी की टी कोशिकाओं (एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका) को प्रयोगशाला में बदल दिया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं से जुड़कर उन्हें मार सकें।
भारत में कैंसर के मामले:
- स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर भारत में पांच सबसे अधिक होने वाले कैंसर हैं।
‘वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट’ के अनुसार-
- भारत में 2018 में कैंसर के लगभग 11.6 लाख मामले आए, जिनमें से 7,84,800 लोगों की मौत हो गई थी।
‘इंटरनेशनल एजेंसी फार रिसर्च आन कैंसर’ संस्था (डबल्यूएचओ) रिपोर्ट-
- प्रत्येक दस भारतीय में से एक को कैंसर होता है जबकि प्रत्येक पंद्रह में एक व्यक्ति की कैंसर से मौत होती है।
- दुनिया के बीस फीसद कैंसर मरीज भारत में हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की ताजा रिपोर्ट-
- भारत में आगामी पांच वर्षों में कैंसर के 12 फीसदी तक मामले बढ़ जाएंगे
- वर्ष 2025 तक कैंसर मरीजों की संख्या 15.69 लाख के पार हो जाएगी।
- पुरुषों में फेफड़ों, मुंह, पेट और श्वासनली में कैंसर सबसे आम है, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के अनुसार-
- देश में 2018 में कैंसर मरीजों की संख्या 13,25,232 थी, जो 2019 में बढ़ कर 13,58,415 और 2020 में 13,92,179 तक पहुंच गई।
- 2018-2020 में दो वर्षों में कैंसर के मामलों में लगभग 67 हजार की वृद्धि हुई।
- देश में पिछले दो वर्षों के भीतर कैंसर से मौत के मामले बढ़े हैं। इससे अनुमानित मृत्यु दर 2020 में 7,70,230 थी, जो 2021 में बढ़ कर 7,89,202 और 2022 में 8,08,558 हो गई।
आइसीएमआर तथा नेशनल सेंटर फार डिजीज इन्फारमेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआईआर) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार-
- 2025 तक 7.6 लाख पुरुषों और 8.1 लाख महिलाओं को कैंसर हो सकता है।
- भारत में कैंसर के कुल मामलों का लगभग 27 फीसद तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है।
- देश के पूर्वोत्तर राज्यों में तंबाकू से जुड़े कैंसर के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं।
- भारत में कैंसर के सर्वाधिक मामले मिजोरम की राजधानी आइजल में सामने आए हैं, वहीं महिलाओं में अरुणाचल प्रदेश में प्रति लाख आबादी पर 219.8 मामले हैं।
भारत में कैंसर बढ़ने के प्रमुख कारण:
- विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार पुरुषों में होने वाले कैंसर के पचास फीसद मामले तंबाकू के कारण होते हैं।
- कैंसर के 20-30 फीसद मामले खानपान, प्रजनन और यौन व्यवहार आदि से जुड़े हैं।
- महामारी विज्ञान के अध्ययनों के आधार पर कैंसर के 70-90 फीसद मामले जीवनशैली में आए बड़े बदलावों के कारण बढ़ रहे हैं।
- कैंसर के लिए जंक फूड, शराब तथा तंबाकू का सेवन और खराब वायु गुणवत्ता आदि कई कारण जिम्मेदार हैं, जो शरीर की कोशिकाओं की संरचना में बदलाव का कारण बनते हैं।
- एक शोध में सामने आया कि शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण ब्लड कैंसर की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
कैंसर के निदान हेतु भारत सरकार की पहलें:
- हाल के वर्षों में सरकार ने कैंसर की चुनौती से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- इनमें कैंसर की रोकथाम, नियंत्रण, जांच और देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है।
- फरवरी 2018 में भारत सरकार द्वारा देश भर में आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना की घोषणा की गई थी।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में कैंसर उपचार हेतु सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के साथ कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी पैकेज कवर किए जाते हैं।
- सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित करने के उपाय किए जा रहे हैं।
- कैंसर के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है।
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के माध्यम से स्वस्थ भोजन को भी बढ़ावा दिया जाता है।
- 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 तृतीयक देखभाल कैंसर केंद्र को मंजूरी दी जा चुकी है।
- भारत में होने वाले कैंसरों में सर्वाइकल कैंसर दूसरे स्थान पर है। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत ने अपना पहला स्वदेशी विकसित टीका ‘सर्ववैक’ लॉन्च किया है।
- चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को 20 मार्च, 2020 को मंजूरी दी गई थी।
- सरकार ने कैंसर के उपचार को विकसित करने के लिए आयुर्वेद में अनुसंधान को बढ़ावा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास:
- वर्ष 2000 से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।
- इस साल विश्व कैंसर दिवस 2023 की थीम ”क्लोज द केयर गैप” है।
- वैश्विक स्तर पर कैंसर के खिलाफ कार्य करने के लिए संस्था यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल की स्थापना 1993 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में की गई थी।
निष्कर्ष:
- भारत में कैंसर के बढ़ते मामले देश के स्वास्थ्य ढांचे के लिए गंभीर चुनौती बन रहे हैं।
- कैंसर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भारत में वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती आबादी और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों के मामले बहुत तेजी से बढ़ेंगे।
- भारत सरकार कैंसर की रोकथाम और उपचार के लिए टीके, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा डिजिटल तकनीक का विस्तार, लिक्विड बायोप्सी से निदान, जीनोमिक प्रोफाइलिंग, जीन संपादन प्रौद्योगिकियों एवं कैंसर पर विभिन्न टीकों का विकास और अगली पीढ़ी के इम्युनोथैरेपी तथा सीएआरटी सेल थेरेपी का आदि की व्ययस्था कर चुकी है।
- कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पूरी दृढ़ इच्छा से कार्य करने की आवश्यकता है।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न:
कैंसर की रोकथाम हेतु भारत सरकार के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।