सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत की अग्रणी भूमिका

 

सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत की अग्रणी भूमिका

 

GS-3: भारतीय अर्थव्यवस्था

(IAS/UPPCS)

11/05/2024

स्रोत: The Economic Time

न्यूज़ में क्यों:

वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक "एम्बर" ने हाल ही में एक नई रिपोर्ट "ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू (GER) 2024" जारी की है।

भारत-विशिष्ट निष्कर्ष:

  • इस रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत ने वर्ष 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पछाड़कर तीसरा स्थान हासिल किया है।  
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुसार, भारत में बिजली उत्पादन में सौर ऊर्जा का योगदान 2015 में 0.5 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 5.8 प्रतिशत हो गया।

वैश्विक निष्कर्ष:

  • "शुद्ध शून्य उत्सर्जन" परिदृश्य में, 2030 तक सौर ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन का 22 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
  • नवीकरणीय ऊर्जा ने 2023 में वैश्विक बिजली का लगभग 30% उत्पादन किया।
  • 2023 में वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन 2015 की तुलना में छह गुना अधिक था।
  • वैश्विक बिजली में सौर ऊर्जा का हिस्सा लगभग 5.5% है, जो लगातार 19वें वर्ष तक दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजली स्रोत बना हुआ है।
  • शीर्ष चार सौर ऊर्जा विकास वाले देशों- चीन (+156 TWh), संयुक्त राज्य अमेरिका (+33 TWh), ब्राज़ील (+22 TWh) और भारत(+18 TWh) ने मिलकर 2023 में 75 प्रतिशत वृद्धि हासिल की है।

महत्त्व:

  • सौर ऊर्जा क्षेत्र में बिजली उत्पादन बढ़त हासिल करने में न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • तेजी से विद्युतीकृत अर्थव्यवस्था में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने और आर्थिक विकास को उत्सर्जन से अलग करने के लिए भी सौर ऊर्जा उत्पादन में बढ़त हासिल करना भारत के लिए अति महत्वपूर्ण है।
  • सौर ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में सौर उद्योग की वृद्धि नए रोजगारों का सृजन करेगी। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। अगर भारत में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकेगा, तो इससे जीडीपी दर भी बढ़ेगी। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, तापन और प्रकाश तीनों के लिए हो सकता है।

भारत में सौर ऊर्जा परिदृश्य:

  • वर्तमान में भारत की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 70 गीगावाट तक पहुंच गई है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी वैश्विक स्थिति रपट 2023 के अनुसार विश्व में सोलर पैनल उपलब्ध कराने में भारत पांचवें नंबर पर है।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट आफ सोलर एनर्जी’ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 748 गीगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता है।
  • इसे ‘सोलर पैनल’ की मदद से बिजली में बदल कर बढ़ती ऊर्जा की मांग को पूरा किया जा सकता है।
  • राजस्थान का भादला सोलर पार्क सबसे बड़ा है। इसकी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2.25 गीगावाट है।
  • कर्नाटक के पाबागाड़ा सोलर पार्क की क्षमता 2.05 गीगावाट है।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा 2022 के अनुसार जनवरी से अक्तूबर 2022 के दौरान विभिन्न सौर पार्कों में 832 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं चालू की गई हैं।
  • वर्ष 2022 में गुजरात का मोढेरा भारत का पहला सोलर ग्राम बना।
  • सितंबर 2023 में मध्यप्रदेश का सांची देश का पहला सोलर नगर बन गया।
  • 2018 में दीव देश का पहला सोलर द्वीप बन गया था।
  • अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के 2021 के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2000 से भारत में ऊर्जा का उपभोग दोगुनी गति से बढ़ रहा है। लगभग दो दशक में 90 करोड़ नागरिकों को बिजली का कनेक्शन मिल चुका है, जो भविष्य में भारत की ऊर्जा मांग को हर साल 5-6 फीसद बढ़ा रहा है।
  • गौरतलब है कि भारत में 80 फीसद ऊर्जा की आवश्यकता कोयला, तेल और ठोस बायोमास से पूरी होती है।

सौर ऊर्जा के विकास में चुनौतियां:

  • सौर ऊर्जा निश्चित तौर पर बहुउद्देशीय उपयोग वाली अक्षय ऊर्जा है, लेकिन इसके विकास में अनेक चुनौतियां मौजूद हैं।

सोलर पैनल का अभाव:

  • सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनल की जरूरत होती है। इसके लिए भारत को चीन, कंबोडिया, मलेशिया, थाईलैंड, विएतनाम पर निर्भर रहना पड़ता हैं। वर्ष 2022 में लगभग 2.5 अरब रुपए के सोलर सेल विदेशों से आयात किए हैं।
  • भारत में बने सोलर सेल महंगे और कम दक्षता वाले हैं, इसलिए इनका आयात करना पड़ता हैं।
  • भारत में बने सोलर सेल अन्य देशों की तुलना में महंगे हैं, क्योंकि सोलर सेल में इस्तेमाल होने वाले सिलिकान वेफर सेमीकंडक्टर से बनते हैं, जिनका भारत में काफी अभाव है।

सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहल:

  • ‘सूर्योदय योजना’: इसका उद्देश्य देश में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना है।
  • ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम’: फोटोवोल्टिक सेल सोलर पैनल को ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने, इनके आयात पर होने वाले विदेशी मुद्रा के खर्च को कम करना एक बड़ी चुनौती थी। इसलिए भारत सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम’ की शुरुआत की है।
  • ‘सोलर पावर बैंक’ योजना: इस योजना के तहत सरकार कई सौ हेक्टेयर भूमि पर सौर संयंत्र लगाती है।
  • राष्‍ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन: जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत यह मिशन 11 जनवरी 2010 में लांच किया गया था।

उद्देश्‍य:

  • जीवाश्म आधारित ऊर्जा विकल्‍पों के साथ सौर ऊर्जा को प्रतिस्पर्धी बनाना और सौर ऊर्जा के विकास एवं उपयोग को बढ़ावा देना।
  • घरेलू उत्‍पादन के माध्‍यम से देश में सौर ऊर्जा सृजन की लागत को कम करना।
  • अन्य कार्यक्रम:
  • वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए देश में निम्नलिखित योजनाएँ आरंभ की जा चुकी हैं:  सोलर पार्क, सोलर रूफटॉप योजना, सौर रक्षा योजना, नहर के बांधों तथा नहरों के ऊपर सीपीयू सोलर पीवी पॉवर प्‍लांट के लिए सौर योजना, सोलर पंप आदि

PRAYAS योजना:

PRAYAS: Pradhan Mantri Yojana for Augmenting Solar Manufacturing

  • इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है।
  • भारत सरकार ने देश की फोटोवोल्टिक क्षमता को बढ़ाने के लिये सोलर पैनल निर्माण उद्योग को 210 अरब रुपए की सरकारी सहायता देने की योजना बनाई है।

आगे की राह: 

  • भारत के वार्षिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (2023 में 1.18 गीगाटन) का लगभग आधा हिस्सा बिजली उत्पादन के साथ है, इसलिए स्वच्छ उत्पादन स्रोतों में संक्रमण में तेजी लाना अत्यावश्यक है ताकि देश अपने विकासात्मक और जलवायु दोनों लक्ष्यों को पूरा कर सके।
  • जलवायु परिवर्तन से लड़ने की अपनी राष्ट्रीय योजना के हिस्से के रूप में, भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50 प्रतिशत संचयी विद्युत स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्धता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार देश में कुल बंजर भूमि लगभग 5,57,665 वर्ग किलोमीटर है। इस भूमि का उपयोग सोलर पैनल लगाने में किया जा सकता है।
  • ‘काउंसिल आन एनर्जी एनवायरमेंट एंड वाटर’ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 25 करोड़ घरों की छतों पर 637 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए पिछले साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र के COP28 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, विश्व नेता 2030 तक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते किया ।

भारत 2030 तक नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना करने की योजना बनाने वाले कुछ देशों में से एक है। एम्बर के विश्लेषण के अनुसार, इस क्षमता लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत को वार्षिक क्षमता वृद्धि में उल्लेखनीय वृद्धि की आवश्यकता है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत वैश्विक पटल पर अग्रणी भूमिका निभाने में अग्रसर है, विवेचना कीजिए