09.09.2025
मातृ मृत्यु दर (एमएमआर)
में
2021-2023 के दौरान प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर 18 से 30 मौतों की चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।
परिभाषा:
एमएमआर गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के कारण प्रति 100,000 जीवित जन्मों पर मातृ मृत्यु की संख्या को मापता है।
हाल की प्रवृत्ति
भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2019-21 में घटकर प्रति लाख जीवित जन्मों पर 93 हो गया, जो 2018-20 में 97 और 2017-2019 में 103 था।
वर्तमान रुझान और क्षेत्रीय असमानताएँ
भारत में मातृ मृत्यु दर में समग्र गिरावट के बावजूद, कुछ राज्यों में मातृ मृत्यु दर चिंताजनक रूप से ऊँची बनी हुई है। सबसे ज़्यादा मातृ मृत्यु दर के आँकड़े निम्नलिखित राज्यों में दर्ज किए गए:
मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण
भारत में प्रमुख कारक :
उच्च जोखिम वाले क्षेत्र : निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों में , जिनमें भारत के कुछ हिस्से भी शामिल हैं, 90% से अधिक मातृ मृत्यु होती हैं।
सरकारी पहल
निष्कर्ष:
मातृ मृत्यु दर को कम करना सामाजिक प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। एकीकृत स्वास्थ्य सेवा पहुँच, सामुदायिक सहभागिता और समन्वित सार्वजनिक नीतियाँ सुरक्षित मातृत्व का मार्ग प्रशस्त करेंगी, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को स्वस्थ बनाने और सतत राष्ट्रीय विकास में योगदान मिलेगा।