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भारत में सड़क दुर्घटनाएँ रिपोर्ट, 2022

02.11.2023

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ रिपोर्ट, 2022

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खबरों में क्यों?

हाल ही में,केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारत में सड़क दुर्घटनाओं की वार्षिक रिपोर्ट का अनावरण किया गया है।     

महत्वपूर्ण बिन्दु:

2022 में, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में तमिलनाडु शीर्ष पर रहा, उसके बाद मध्य प्रदेश और सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा, उसके बाद तमिलनाडु रहा।

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ रिपोर्ट, 2022 :

  • यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (यूएनईएससीएपी) के तहत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) द्वारा प्रदान किए गए मानकीकृत प्रारूपों में कैलेंडर वर्ष के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त डेटा/जानकारी पर आधारित है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान चली गई और 4,43,366 लोग घायल हो गए। पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9%, मृत्यु में 9.4% और चोटों में 15.3% की वृद्धि हुई है।
  • रिपोर्ट इन दुर्घटनाओं में योगदान देने वाले कारकों को संबोधित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की तात्कालिकता पर जोर देती है, जिसमें तेज गति, लापरवाही से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों का अनुपालन न करना शामिल है।

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ रिपोर्ट, 2022 का प्रमुख निष्कर्ष:

  • रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर घंटे सड़क दुर्घटनाओं में 19 लोगों की मौत हुई है।
  • दुर्घटनाओं का क्षेत्र : राष्ट्रीय राजमार्गों में 32.9%, सड़क राजमार्गों में 23.1% और अन्य सड़कों पर 43.9% है ।
  • ग्रामीण बनाम शहरी मामले: लगभग 69% ग्रामीण क्षेत्रों में और लगभग 32% शहरी क्षेत्रों में हुआ।
  • आयु समूह : 66.5% युवा वयस्क (18-45 वर्ष की आयु)।
  • उपयोगकर्ताओं के प्रकार : 44.5% दोपहिया वाहनों के बाद 19.5% पैदल यात्री।
  • शामिल वाहन : दोपहिया वाहन लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष पर हैं और उसके बाद हल्के वाहन हैं।

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ रिपोर्ट, 2022 का महत्व :

  • भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022" प्रकाशन सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है।
  • यह सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं, उनके कारणों, स्थानों और सड़क उपयोगकर्ताओं की विभिन्न श्रेणियों पर उनके प्रभाव सहित गहराई से जानकारी प्रदान करता है।
  • यह रिपोर्ट उभरते रुझानों, चुनौतियों और मंत्रालय की सड़क सुरक्षा पहलों पर भी प्रकाश डालती है।

मंत्रालय की प्रमुख सड़क सुरक्षा पहल :

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग : मंत्रालय आधुनिक परिवहन प्रणालियों के कार्यान्वयन, सड़क सुरक्षा ऑडिट और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है।

वास्तविक समय डेटा विश्लेषण : सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और स्वचालित वाहन निरीक्षण केंद्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) जैसी पहल भी चल रही हैं।

मंत्रालय सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार, सड़क बुनियादी ढांचे, वाहन मानकों, यातायात नियमों को लागू करने और दुर्घटना की रोकथाम में प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विभिन्न पहलुओं पर भी काम कर रहा है।

बहु-आयामी रणनीति : मंत्रालय ने विभिन्न संगठनों के साथ-साथ हितधारकों के साथ मिलकर शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल सहित सभी 4ई पर ध्यान केंद्रित करते हुए सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह : भारत सरकार का सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 11 से 17 जनवरी 2023 तक  "स्वच्छता पखवाड़ा" मनाया,इसके तहत सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया।

इस पहल का उद्देश्य सभी के हित में सुरक्षित सड़कों की आवश्यकता का प्रचार- प्रसार करना था।

अन्य पहल : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1998,राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2000,सड़क मार्ग द्वारा वाहन अधिनियम, 2007,मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019।

सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के उपाय :

  • स्पीड-डिटेक्शन डिवाइस।
  • पारदर्शी मशीनरी।
  • सख्त नियम और भारी जुर्माना।
  • वाहन सुरक्षा मानक।
  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण।
  • पब्लिक की भूमिका।

Source:Hindustan times

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