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इबोला वायरस

23.03.2024

 

 इबोला वायरस

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए: इबोला वायरस के बारे में, संचरण, लक्षण, उपचार

 

खबरों में क्यों ?                       

हाल ही में वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में इबोला के प्रजनन का एक नया तरीका खोजा है, जिससे इस वायरल बीमारी को रोकने के लिए दवाओं के संभावित लक्ष्य की पहचान की जा सकी है।

 

महत्वपूर्ण बिन्दु :

  • अध्ययन इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि, उप-सहारा अफ्रीका में ज्यादातर लोगों को प्रभावित करने वाला घातक वायरस यूबिकिटिन नामक मानव प्रोटीन के साथ कैसे संपर्क करता है।

 

इबोला वायरस के बारे में:

  • इबोला वायरस रोग (ईवीडी, या इबोला) मनुष्यों में एक दुर्लभ गंभीर बीमारी है।
  • इबोला एक प्रकार का वायरल रक्तस्रावी बुखार है जो इबोलावायरस जीनस के वायरस की कई प्रजातियों के कारण होता है।
  • यह इबोलावायरस जीनस के वायरस की कई प्रजातियों के कारण होता है, जिसको मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका में पाया जाता हैं।
  • इबोला वायरस को इबोला नाम इबोला नदी से मिला हुआ है, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के उन गांवों में से एक के पास है जहां यह बीमारी पहली बार सामने आई थी।
  • इबोला सर्दी, इन्फ्लूएंजा या खसरा जैसे आम वायरस जितना संक्रामक नहीं है।
  • इबोला मुख्य रूप से अफ़्रीकी महाद्वीप में होता है।
  • इस विमारी में मृत्यु दर 25 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक होती है।
  • मृत्यु आमतौर पर खून की कमी के बजाय तरल पदार्थ की हानि के कारण सदमे के परिणामस्वरूप होती है।

 

संचरण :

  • यह बंदर, चिंपाजी या चमगादड़ जैसे संक्रमित जानवर की त्वचा या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से लोगों में फैलता है ।
  • यह एक ही तरह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होता है।
  • इबोला वायरस हवा, पानी या भोजन से नहीं फैलता।
  • जिस व्यक्ति को इबोला है, लेकिन कोई लक्षण नहीं है, वह भी बीमारी नहीं फैला सकता है।

 

लक्षण :

  • इबोला के लक्षण वायरस से संक्रमित होने के 2 से 21 दिन बाद प्रकट हो सकते हैं।
  • इसके लक्षण फ्लू जैसे शुरू होते हैं लेकिन गंभीर उल्टी, रक्तस्राव और न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्क और तंत्रिका) समस्याओं में बदल सकते हैं ।

उपचार :

  • वर्तमान मे इबोला का कोई ज्ञात उपचार नहीं है।
  • अभी भी इसके प्रायोगिक टीकों और उपचारों का परीक्षण किया जा रहा है।
  • वर्तमान चिकित्सा में द्रव और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखना और रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए रक्त और प्लाज्मा का प्रशासन शामिल है।

 

                                                                स्रोतः टाइम्स ऑफ इंडिया