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लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक 2023

18.12.2023

लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक 2023

  प्रीलिम्स के लिए: विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सुगमता के बारे में (LEADS) रिपोर्ट, 2023, महत्वपूर्ण बिंदु, LEADS 2023 रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष, विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स सुगमता के बारे में रिपोर्ट, महत्व

          

खबरों में क्यों:

हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने लॉजिस्टिक्स ईज़ अक्रोस डिफरेंट स्टेट (LEADS) रिपोर्ट,2023" जारी की है।

 

महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • श्री पीयूष गोयल  के अनुसार,2047 तक भारत को 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक 10 गुना वृद्धि तक ले जाने के हमारे प्रयास में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  • पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप), जीएसटी जैसे डिजिटल सुधार वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर रैंकिंग को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • 23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने भी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अनुरूप होने के लिए अपने राज्य लॉजिस्टिक पुलिस को अधिसूचित किया है।
  • इसके अलावा, 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने लॉजिस्टिक्स को उद्योग का दर्जा दिया है।
  • आर्थिक थिंक टैंक एनसीएईआर की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंत्री ने बताया कि देश की लॉजिस्टिक लागत 7.8 फीसदी से 8.9 फीसदी के बीच अनुमानित है।

 

लॉजिस्टिक्स ईज़ अक्रोस डिफरेंट स्टेट (LEADS) रिपोर्ट, 2023 के बारे में:

  • LEADS 2023 रिपोर्ट का 5वां संस्करण, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
  • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न सुधारों की बढ़ी हुई समग्र हितधारक धारणा और प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
  • इस रिपोर्ट में राज्यों को उनके लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के आधार पर रैंक किया गया है।
  • LEADS 2023 का उद्देश्य और धारणा-आधारित डेटा का एकीकरण लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक समग्र रूपरेखा सुनिश्चित करता है।
  • यह रिपोर्ट अखिल भारतीय प्राथमिक सर्वेक्षण पर आधारित है, जो मई और जुलाई 2023 के बीच आयोजित किया गया था।
    • इसमें इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य संघों द्वारा सहायता प्राप्त 750 से अधिक हितधारक परामर्शों ने इस व्यापक मूल्यांकन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और गुजरात उन 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से हैं जिन्हें फिर से "अचीवर्स" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • पिछले वर्ष अचीवर्स श्रेणी में राज्यों की संख्या 15 थी,परंतु हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को "आकांक्षी" की श्रेणी में चले जाने के बाद यह संख्या 13 रह गई।

LEADS 2023 रिपोर्ट का प्रमुख निष्कर्ष:

तटीय समूह:

  • अचीवर्स: आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु
  • फास्ट मूवर्स: केरल, महाराष्ट्र
  • आकांक्षी: गोवा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल

स्थलरुद्ध समूह:

  • अचीवर्स: हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश
  • फास्ट मूवर्स: मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड
  • आकांक्षी: बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड

उत्तर-पूर्व समूह:

  • अचीवर्स: असम, सिक्किम, त्रिपुरा
  • फास्ट मूवर्स: अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड
  • आकांक्षी: मणिपुर, मेघालय, मिजोरम

केंद्र शासित प्रदेश:

  • अचीवर्स: चंडीगढ़, दिल्ली
  • फास्ट मूवर्स: अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, पुडुचेरी
  • आकांक्षी: दमन और दीव/ दादरा एवं नगर हवेली, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख

लॉजिस्टिक्स ईज़ अक्रोस डिफरेंट स्टेट रिपोर्ट के बारे में:

  • यह एक वार्षिक रिपोर्ट है।
  • इस  रिपोर्ट को पहली बार 2018 में जारी किया गया था।
  • इस रिपोर्ट की परिकल्पना 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) की तर्ज पर किया गया था।
  • यह रिपोर्ट सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे, सेवाओं और मानव संसाधनों का आकलन करने के लिए एक स्वदेशी डेटा-संचालित सूचकांक है।
  • यह रिपोर्ट पूरी तरह से धारणा-आधारित सर्वेक्षणों पर निर्भर करती, साथ ही यह रिपोर्ट धारणा के साथ-साथ निष्पक्षता दोनों को शामिल करता है जिससे इस अभ्यास की मजबूती और व्यापकता बढ़ती है।

महत्व:

  • यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में और क्रांतिकारी सुधार के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो हमें विकसित भारत के हमारे दृष्टिकोण की ओर ले जाता है।
  • यह रिपोर्ट रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान करके लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में हितधारकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है।
  • यह रिपोर्ट निर्यात और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सेवाओं की दक्षता का संकेतक है।
  • इससे बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रिया-संबंधी सुधारों के मूल्यांकन में निष्पक्षता आती है।

 

                                                                     स्रोत: द हिंदू

 

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