LATEST NEWS :
Mentorship Program For UPSC and UPPCS separate Batch in English & Hindi . Limited seats available . For more details kindly give us a call on 7388114444 , 7355556256.
asdas
Print Friendly and PDF

प्रमुख ख़रीफ़ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान

28.10.2023

प्रमुख ख़रीफ़ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान

प्रारंभिक परीक्षा के लिए: 2023-24 के लिए प्रमुख ख़रीफ़ फसलों का अनुमानित उत्पादन

(चावल, दालों का अनुमानित उत्पादन, खरीफ पोषक तत्व/मोटे अनाज

,गन्ना, तिलहन, कपास और जूट, खरीफ मौसम की प्रमुख फसलें)

खबरों में क्यों?

हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 2023-24 के लिए प्रमुख ख़रीफ़ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया है।  

महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • 2023-24 (खरीफ) के लिए यह पहला उत्पादन मूल्यांकन काफी हद तक पिछले 3 वर्षों की औसत उपज पर आधारित है और वास्तविक फसल काटने के प्रयोगों के आधार पर उपज अनुमान प्राप्त होने के बाद इसमें परिवर्तन हो सकता है।
  • फसल उत्पादन का अनुमान राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर निर्भर करता है और बाद में विभिन्न वैकल्पिक स्रोतों से जानकारी का उपयोग करके मान्य किया जाता है।
  • इन स्रोतों में क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप (सीडब्ल्यूडब्ल्यूजी) की रिपोर्ट, रिमोट सेंसिंग अनुमान, अर्थमितीय मॉडलिंग पर आधारित अनुमान, किसान सर्वेक्षणों से एकत्र किए गए इनपुट और फसल अनुमान में ऐतिहासिक रुझान शामिल हैं।

2023-24 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों का अनुमानित उत्पादन :

2023-24 के लिए प्रमुख खरीफ फसलों का कुल अनुमानित उत्पादन 148.56 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) अनुमान लगाया गया है,जो पिछले साल के 155.7 मिलियन टन से कम है।

चावल :

  • 2023-24 के लिए,चावल-1063.13 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन अनुमान लगाया गया है।
  • जो कि 3.7 प्रतिशत कम है। पिछले वर्ष के इसी सीज़न के दौरान 1,105.12 एलएमटी का आंकड़ा दर्ज किया गया था।
  • चावल का क्षेत्रफल पिछले वर्ष के अंतिम अनुमान से लगभग 2 लाख हेक्टेयर और औसत चावल क्षेत्र से लगभग 4.5 लाख हेक्टेयर अधिक होने का अनुमान है।
  • औसत ख़रीफ़ चावल उत्पादन की तुलना में इसका उत्पादन भी लगभग 1 लाख टन अधिक होने का अनुमान है।

खरीफ पोषक/मोटे अनाज :

  • 2023-24 के लिए, मक्का-224.82 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन अनुमानित है।
  • 2023-24 के लिए, खरीफ पोषक/मोटे अनाज का उत्पादन 351.37 एलएमटी होने का अनुमान है जो औसत मोटे अनाज उत्पादन 350.91 एलएमटी से थोड़ा अधिक है।
  • 2023-24 के दौरान श्री अन्ना का उत्पादन 126.55 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है।
  • ख़रीफ़ मक्का और ज्वार का क्षेत्र भी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने का अनुमान है और साथ ही इन फसलों का औसत क्षेत्र भी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने का अनुमान है।
  • खरीफ मक्का का उत्पादन 224.82 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि औसत उत्पादन 213.51 लाख मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 11 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है।

दालों का अनुमानित उत्पादन :

  • अरहर-34.21 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है,मूंग- 14.05 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है,उड़द- 15.05 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है।
  • जलवायु परिस्थितियों के कारण 2023-24 के लिए कुल खरीफ दालों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम होने का अनुमान है।
  • 2023-24 के दौरान कुल खरीफ दालों का उत्पादन 71.18 LMT होने का अनुमान है।
  • तुअर का उत्पादन 34.21 एलएमटी होने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन से थोड़ा ज्यादा है,जो पिछले साल 33.1 लाख टन था।
  • उड़द का रकबा 30.73 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है जो पिछले साल के 30.98 लाख हेक्टेयर के लगभग बराबर है।

गन्ना :

  • गन्ने का कुल उत्पादन 4347.93 एलएमटी अनुमानित है जो औसत गन्ना उत्पादन 4222.55 एलएमटी से अधिक है।

तिलहन :

  • 2023-24 के लिए तिलहन का उत्पादन 215.33 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है,जिसमे..
    • मूंगफली-78.29 लाख मीट्रिक टन
    • सोयाबीन-115.28 लाख मीट्रिक टन

कपास और जूट:

  • कपास-316.57 लाख गांठें (प्रत्येक 170 किलोग्राम की)
  • जूट एवं मेस्टा-91.91 लाख गांठें (प्रत्येक 180 किलोग्राम की)

खरीफ सीजन की प्रमुख फसलें :

  • भारतीय उपमहाद्वीप में जून-जुलाई में बुआई की जाने वाली फसलों को खरीफ की फसलें कहा जाता है। इन फसलों की कटाई अक्टूबर और नवंबर में माह में होती है।
  • खरीफ सीजन की प्रमुख नकदी फसलों में धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूँग, मूँगफली, गन्ना, सोयाबीन,शकरकन्‍द,भिण्डी,  उडद, तुअर, कुल्थी, हल्दी, जूट, सन,तिल, ग्‍वार,  कपास का नाम शामिल है, जो पतझड़ तक पककर तैयार हो जाती हैं।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक, रबी, खरीफ और जायद तीनों अरबी शब्द है।
  • खरीफ फसलों को ' मानसून की फसल' भी कहा जाता है क्योंकि इन्हें मानसून के मौसम में बोया या लगाया जाता है।

इसके अलावा, खरीफ फसलें गर्म और आर्द्र जलवायु वाले वर्षा-सिंचित क्षेत्रों में पनपते हैं, और उनकी वृद्धि और उपज वर्षा के पैटर्न पर बहुत अधिक निर्भर होती है।

Get a Callback