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विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट

21.11.2023

      विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट

प्रीलिम्स के लिए: विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट के बारे में, महत्वपूर्ण बिंदु, रिपोर्ट तैयार

 मुख्य पेपर के लिए: विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट का निष्कर्ष, रिपोर्ट में भारत

खबरों में क्यों ?

हाल ही में इंटरनेशनल एनर्जी एसोसिएशन द्वारा विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट जारी की गई।

महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • 15 नवंबर, 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने सेकंड एडिशन ऑफ़ द वर्ल्ड एनर्जी एम्प्लॉयमेंट (WEE 2023) रिपोर्ट जारी किया।
  • जिसमें बताया गया कि वैश्विक स्तर पर 2021 में पहली बार स्वच्छ ऊर्जा नौकरियों ने जीवाश्म ईंधन नौकरियों को पीछे छोड़ दिया।
  • स्वच्छ ऊर्जा नौकरियाँ अब सभी ऊर्जा क्षेत्र की नौकरियों में से आधे से अधिक का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  • देश में पिछले तीन वर्षों में चौथी सबसे अधिक संख्या में नई स्वच्छ ऊर्जा नौकरियां पैदा हुईं।

विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट के बारे में :

  • यह वार्षिक रिपोर्ट क्षेत्र, ईंधन, प्रौद्योगिकी और मूल्य श्रृंखला के आधार पर ऊर्जा क्षेत्र के रोजगार को दर्शाती है।
  • विश्व ऊर्जा रोजगार रिपोर्ट 2023 में तांबा, कोबाल्ट, निकल और लिथियम सहित चयनित महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण के लिए पहली बार रोजगार डेटा शामिल है।
  • 2023 की रिपोर्ट IEA परिदृश्यों में 2030 के दृष्टिकोण के मुकाबले ऊर्जा रोजगार की जरूरतों को मापती है, प्रमुख नीतिय की रूपरेखा तैयार करती है जो देशों को ऊर्जा संक्रमण के दौरान कुशल ऊर्जा कार्यबल विकसित करने और बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।

विश्व ऊर्जा रोजगार 2023 रिपोर्ट का निष्कर्ष :

  • ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक रोजगार 2022 में महामारी-पूर्व स्तर से 3.4 मिलियन बढ़कर 67 मिलियन हो गया।
  • “स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों ने इसी अवधि में वैश्विक स्तर पर 4.7 मिलियन नौकरियां जोड़ीं और 35 मिलियन तक पहुंच गईं।
  • 2020 में छंटनी के बाद जीवाश्म ईंधन नौकरियों में अधिक धीरे-धीरे सुधार हुआ और महामारी-पूर्व रोजगार स्तर से लगभग 1.3 मिलियन नीचे, 32 मिलियन पर बना हुआ है।
  • 2019 के पूर्व-महामारी स्तर की तुलना में भारत में स्वच्छ ऊर्जा के साथ-साथ जीवाश्म ईंधन क्षेत्रों में नौकरी की वृद्धि सकारात्मक रही ।
  • रिपोर्ट में ऊर्जा उद्योग के पांच प्रमुख क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है, जिससे महामारी के बाद अधिकतम रोजगार सृजन हुआ।
    • ये क्षेत्र सौर पीवी, पवन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और बैटरी विनिर्माण, ताप पंप और महत्वपूर्ण खनिज थे।
  • इन पांच क्षेत्रों ने लगभग 9 मिलियन श्रमिकों को रोजगार दिया है।
  • सभी क्षेत्रों में से , सोलर पीवी लगभग 4 मिलियन नौकरियों के साथ सबसे बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है।
  • दूसरी ओर, ईवी और उनकी बैटरियों का विनिर्माण विकास का सबसे बड़ा स्रोत था।
    • EV और बैटरियों में सबसे तेज वृद्धि देखी गई, 2019 के बाद से 1 मिलियन से अधिक नौकरियां जुड़ीं।
  • 2019 के बाद से 2.6 मिलियन नौकरियों की वृद्धि के साथ, निर्माण और विनिर्माण वर्तमान ऊर्जा नौकरियों में आधे से अधिक का योगदान देता है।
  • ऊर्जा क्षेत्र उच्च कुशल श्रमिकों की मांग करता है; व्यापक अर्थव्यवस्था में 27% की तुलना में 36% ऊर्जा नौकरियाँ उच्च- कुशल व्यवसायों में हैं।

रिपोर्ट में भारत :

  • स्वच्छ ऊर्जा नौकरियों ने पिछले तीन वर्षों में वैश्विक ऊर्जा नौकरियों में वृद्धि को बढ़ावा दिया, लेकिन भारत, इंडोनेशिया और मध्य पूर्व सहित कुछ क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन रोजगार में वृद्धि देखी गई।
  • विशेष रूप से भारत ने 2019-22 के दौरान चौथी सबसे अधिक संख्या में नई स्वच्छ ऊर्जा नौकरियां भी पैदा कीं।
  • चीन और एशिया-प्रशांत क्षेत्रों के बाद भारत विश्व स्तर पर ऊर्जा श्रमिकों की संख्या में तीसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट तैयार की गई:

  • यह रिपोर्ट IEA के स्थिरता, प्रौद्योगिकी और आउटलुक निदेशालय के विश्व ऊर्जा आउटलुक डिवीजन द्वारा तैयार की गई थी।

जिसमे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO), आर्थिक अनुसंधान संस्थान (ERI) और राष्ट्रीय श्रम सांख्यिकी के डेटा का उपयोग किया गया।

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