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वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)

25.10.2023

 

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)

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खबरों में क्यों?

 हाल ही में, मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 191 तक पहुंच गया, जो दिल्ली के 84 से भी बदतर था।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • SAFAR ऐप के अनुसार,मुंबई के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर "खराब" श्रेणी में जा रहा है।
  • मुंबई में वायु प्रदूषण के शीर्ष स्रोतों में से एक के रूप में निर्माण धूल की पहचान की गई है।

इसका प्रमुख कारण:

  • शहर के प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे स्थानीय, क्षेत्रीय और मौसम संबंधी प्रमुख कारण हैं। जलवायु परिवर्तन और हवा के बदलते पैटर्न ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।
  • जलवायु परिवर्तन, ला नीना में गिरावट - समुद्र की सतह का ठंडा होना - और हवा के बदलते पैटर्न के कारण मुंबई की हवा में पार्टिकुलेट मैटर में अचानक वृद्धि हुई है।
  • विशेषज्ञ धूल प्रदूषण का कारण पश्चिमी घाट से आने वाली ठंडी हवा को तट के किनारे गर्म हवा से टकराने के लिए मानते हैं।
  • मुंबई वायु प्रदूषण शमन योजना (बीएमसी) द्वारा 'निर्माण स्थल और निर्माण मलबे से उत्पन्न होने वाली धूल' को वायु प्रदूषण के शीर्ष पांच स्रोतों में से एक के रूप में पहचाना गया है।
  • अन्य चार में: सड़क की धूल और उसका विस्थापन; ठोस अपशिष्ट और कूड़े को खुले में जलाना; रेस्तरां, ढाबों , बेकरियों और सड़क किनारे भोजनालयों में अशुद्ध ईंधन का उपयोग ; और उद्योगों की एक श्रृंखला जिसमें रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) संयंत्रों और कास्टिंग यार्ड संयंत्रों का उपयोग करने वाले कारक शामिल हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के बारे में:

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) एक संख्या है जिसका उपयोग सरकारी एजेंसियां वायु प्रदूषण के स्तर को मापने और वायु प्रदूषण के बारे आबादी तक जानकारी पहुंचाने के लिए करती हैं।
  • वायु गुणवत्ता सूचकांक की छह श्रेणियां हैं।
  • एक्यूआई की गणना आठ प्रमुख वायु प्रदूषकों (PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, और Pb) के लिये की जाती है।
  • जिसके लिए अल्पकालिक (24 घंटे तक) राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक निर्धारित हैं।
  • जैसे-जैसे AQI बढ़ता है, इसका मतलब है कि आबादी का एक बड़ा प्रतिशत गंभीर प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों का अनुभव करेगा।
  • वायु गुणवत्ता सूचकांक की माप के लिए एक वायु मॉनिटर और एक निर्दिष्ट औसत अवधि में वायु प्रदूषक सांद्रता की आवश्यकता होती है।
  • भारत और अधिकांश एशियाई देशों में प्रदूषण के स्रोत असंख्य हैं और अधूरे समझे गए हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक की श्रेणी:

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक की छह श्रेणियां हैं।
  • प्रत्येक श्रेणी को एक विवरणक, एक रंग कोड और एक मानकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार दिया गया है।
  • इनमें से प्रत्येक श्रेणी का निर्णय वायु प्रदूषकों के परिवेशीय सांद्रता मूल्यों और उनके संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के आधार पर किया जाता है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक की छह श्रेणियां:

1.अच्छा

  • AQI पैमाने के अनुसार, 0 और 50 के बीच वायु गुणवत्ता जांच को "अच्छा माना जाता है।

2.संतोषजनक

  • 51 और 100 के बीच "संतोषजनक" माना जाता है।

3. मध्यम प्रदूषित

  • 101 और 200 को "मध्यम" प्रदूषित माना जाता है।

4.खराब

  • 201 और 300 के बीच को "खराब" माना जाता है।

5.बहुत खराब

  • 300 से 400 को  को बहुत खराब माना जाता है।

6.गंभीर

  • 401 से 450 को गंभीर स्वास्थ्य खतरा माना जाता है।

 

वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) पोर्टल के बारे में:

  • इसका संचालन भारत मौसम विभाग द्वारा किया जाता है।
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा महानगरों के किसी स्थान-विशिष्ट के समग्र प्रदूषण स्तर और वायु गुणवत्ता को मापने के लिये शुरू की गई एक राष्ट्रीय पहल है।
  • इसके द्वारा मौसम के सभी मापदंडों जैसे- तापमान, वर्षा, आर्द्रता, हवा की गति एवं दिशा, पराबैंगनी किरणों और सौर विकिरण आदि की निगरानी करता है।
  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने SAFAR को इसके कार्यान्वयन में उच्च गुणवत्ता नियंत्रण और मानकों को बनाए रखने के आधार पर एक प्रोटोटाइप गतिविधि के रूप में मान्यता दी है।

स्रोत: India Today

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