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वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS)

20.11.2023

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS)                                                          

प्रीलिम्स के लिए:   ग्लोबल साउथ समिट की दूसरी आवाज़ों के बारे में, महत्वपूर्ण बिंदु,

मुख्य पेपर के लिए: 8 मंत्रिस्तरीय सत्र, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के बारे में, ग्लोबल साउथ के बारे में

खबरों में क्यों ?                         

हाल ही में भारत 2023 में वर्चुअल प्रारूप में दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट (VOGSS) की मेजबानी की।

महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ देशों के लिए दक्षिण नामक एक वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र का भी उद्घाटन किया।
    • ये ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकासशील देशों के विकासात्मक मुद्दे से जुड़े रिसर्च पर फोकस करेगा।
  • उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए 5 'सी' का भी आह्वान किया: परामर्श, सहयोग, संचार, रचनात्मकता और क्षमता निर्माण।
  • यहां ग्लोबल साउथ शब्द से आशय भौगोलिक नहीं बल्कि दुनिया के विकासशील और कम विकसित देशों से है।

दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के बारे में :

  • विकासशील देशों के बीच एकीकृत और प्रगतिशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, भारत द्वारा दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट की मेजबानी की गई।
  • इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों के भी समाधान पर चर्चा किया गया और अधिक समावेशी और प्रगतिशील विश्व व्यवस्था की दिशा में गति बनाए रखने के तरीकों पर चर्चा की गई।
  • उद्देश्य: इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और वैश्विक दक्षिण में सहयोग बढ़ाना है।
  • फोकस : भारत की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न जी20 बैठकों में प्राप्त परिणामों को साझा करने पर केंद्रित था।
  • इसे 10 सत्रों में संरचित किया गया था, उद्घाटन और समापन सत्र राज्य प्रमुख/सरकारी स्तर पर किए गए और 8 मंत्रिस्तरीय सत्र आयोजित किए गए।
    • इसके उद्घाटन सत्र का विषय - एक साथ, सबके विकास के लिए, सबके विश्वास के साथ रखा गया है।
    • इसके समापन सत्र का विषय - ग्लोबल साउथ: टुगेदर फॉर वन फ्यूचर रखा गया है।
  • VOGSS न केवल ग्लोबल साउथ के साथ G20 बैठकों के परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, बल्कि अधिक समावेशी और प्रतिनिधि विश्व व्यवस्था के लिए सामूहिक रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए एक स्थल के रूप में भी कार्य करता है।
  • इस समिट में लैटिन अमेरिका और केरिबियन देशों से लेकर, अफ्रीका, एशिया और पैसिफिक आइलैंड से करीब करीब 130 देशों ने भाग लिया है।

8 मंत्रिस्तरीय सत्र :

इस शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर आठ मंत्रिस्तरीय सत्र भी आयोजित किए गए :

  • "भारत और वैश्विक दक्षिण: बेहतर भविष्य के लिए एक साथ उभरना" विषय पर विदेश मंत्रियों का सत्र
  • "मानव संसाधनों को भविष्य के लिए तैयार करना" पर शिक्षा मंत्रियों का सत्र
  • "जन-केंद्रित विकास के वित्तपोषण" पर वित्त मंत्रियों का सत्र
  • "जलवायु लचीलेपन और जलवायु वित्त के लिए स्थायी समाधान" पर पर्यावरण मंत्रियों का सत्र
  • "वैश्विक दक्षिण और एक विकास" पर विदेश मंत्रियों का सत्र
  • "सतत विकास के लिए किफायती और समावेशी ऊर्जा संक्रमण" पर ऊर्जा मंत्रियों का सत्र
  • एक स्वास्थ्य के लिए वैश्विक दक्षिण से समाधान" पर स्वास्थ्य मंत्रियों का सत्र
  • "वैश्विक दक्षिण और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं" पर वाणिज्य/व्यापार मंत्रियों का सत्र।

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के बारे में :

  • वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता के दौरान जनवरी, 2023 में पहला VOGSS लॉन्च किया था।
  • जिसका उद्देश्य लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए विकास को भारत की G20 अध्यक्षता (2023) का फोकस बनाना था।
  • पहले VOGSS का विषय 'आवाज़ की एकता, उद्देश्य की एकता' था।
  • उस समय, शिखर सम्मेलन वर्चुअल प्रारूप में आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 10 सत्र थे।
  • इस सम्मेलन में भारत सहित ग्लोबल साउथ के 125 देशों के नेताओं और मंत्रियों की भागीदारी देखी गई।

ग्लोबल साउथ के बारे में :

  • ग्लोबल साउथ उन देशों को संदर्भित करता है जहां आर्थिक और औद्योगिक विकास का स्तर अपेक्षाकृत कम है, और आमतौर पर अधिक औद्योगिक देशों के दक्षिण में स्थित हैं।
  • इसका प्रयोग पहली बार 1969 में राजनीतिक कार्यकर्ता कार्ल ओग्लेस्बी द्वारा किया गया था।
  • हालाँकि, ग्लोबल साउथ को बनाने वाले राष्ट्रों की पारंपरिक सूची अस्पष्ट है, यह देखते हुए कि ये राष्ट्र अब आर्थिक विकास के एक बड़े स्पेक्ट्रम में फैले हुए हैं।
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