08.12.2025
23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन
प्रसंग
23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त एनडीए साझेदारी की पुष्टि करते हुए एक संयुक्त बयान के साथ संपन्न हुआ ।
23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बारे में
यह क्या है?
सालाना समित भारत और रूस के बीच सबसे विकासशील लेवल की इंस्टीट्यूशनल बातचीत है, जिसमें प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति आपसी संबंधों का रिव्यू करते हैं और स्ट्रेटेजिक दिशाएं तय करते हैं। 2025 समित ने स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप (2000–2025) के 25 साल पूरे होने का जश्न मनाया।
जॉइंट चरण के मुख्य नतीजे:
- स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की पुष्टि: दोनों नेताओं ने समय की कसौटी पर खरी, साझेदार पर आधारित पार्टनरशिप के लिए अपना वादा दोहराया, जिसमें मुख्य हितों के लिए आपसी सम्मान और बहुध्रुवीय दुनिया के लिए एक साझा नज़रिए पर ज़ोर दिया गया ।
- कार्यक्रम 2030 अपनाया गया: 2030 तक व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, परमाणु और परमाणु ऊर्जा में सहयोग को गहराई तक करने के लिए एक बड़ा रोडमैप अपनाया गया।
क्षेत्र-विशिष्ट समझौता:
- व्यापार और भुगतान प्रणाली:
- 2030 तक USD 100 बिलियन के द्विपक्षीय व्यापार के लिए कोशिश करें ।
- नेशनल करेंसी का इस्तेमाल करके ट्रेड सेटलमेंट को और बेहतर बनाने, पेमेंट सिस्टम की इंटरऑपर डुअल पक्का करने और सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का फैसला।
- रक्षा एवं सैन्य-तकनीकी सहयोग:
- 'मेक इन इंडिया' के तहत जॉइंट आरएंडडी, को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन की ओर बदलाव ।
- रूस में बने इक्विपमेंट के लिए भारत में स्पेयर-पार्ट बनाने में मदद।
- INDRA-2025 और ट्रायलेटरल ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज में लगातार तेज़ी ।
- प्रमुख ऊर्जा सहयोग:
- तेल, गैस, LNG, पेट्रोकेमिकल्स, कोयला गैसीफिकेशन और लंबे समय तक फर्टिलाइजर यौगिकों में संबंध मजबूत करना।
- पेंडिंग इन्वेस्टमेंट मामलों को फास्ट-ट्रैक करने के लिए एग्रीमेंट।
- सहकारी गलियारे:
- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) , चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मैरीटाइम कॉरिडोर और उत्तरी सी रूट (आर्कटिक) के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का कमिटमेंट।
- असैन्य परमाणु एवं अंतरिक्ष सहयोग:
- कुडनकुलम एनपीपी यूनिट्स पर प्रगति और दूसरी न्यूक्लियर साइट पर चर्चा।
- न्यूक्लियर फ्यूल साइकिल, लोकलाइजेशन और यूनिट्स टेक्नोलॉजी में जॉइंट कोलेबोरेशन।
- इसरो-रोस्कोस्मोस के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान, स्वदेशी नेविगेशन और रॉकेट इंजन को कवर करने वाले सहयोग को बढ़ाया गया ।
- कुशल गतिविधियां:
- स्किल्ड मोबिलिटी एग्रीमेंट पर साइन: इससे भारतीय स्किल्ड वर्कर्स की रूस में रेगुलेटेड मोबिलिटी आसान होगी।
वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे:
- UNSC सपोर्ट: रूस ने भारत की परमानेंट UNSC सीट के लिए सपोर्ट फिर से कन्फर्म किया।
- बहुपक्षीय सहयोग: दोनों पक्षों ने G20, SCO, BRICS, आतंकवाद विरोधी और जलवायु परिवर्तन में सहयोग को मजबूत किया।
- आतंकवाद का मुकाबला: आतंकवाद की कड़ी निंदा, पहलगाम हमले (भारत) और क्रोकस सिटी हमले (रूस) का ज़िक्र ।
निष्कर्ष
23वें इंडिया-रूस साझेदारी सम्मेलन ने दोनों देशों के बीच साझेदारी की गहराई और मजबूती को और मजबूत किया। कार्यक्रम 2030 को प्रोत्साहन और रक्षा, ऊर्जा, न्यूक्लियर, समन्वय और कौशल गतिशीलता में नई एग्रीमेंट के साथ, यह साझेदारी रणनीतिक सहयोग के लिए एक लंबे समय का रास्ता तय करता है। दोनों देश अपेक्षित वैश्विक मुद्दों पर एकमत हैं, जिससे भौगोलिक-राजनीतिक माहौल में साझेदारी की अहमियत और पक्की होती है।