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बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024

05.12.2024

 

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

 

 प्रारंभिक परीक्षा के लिए: बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के बारे में, विधेयक की मुख्य विशेषताएं

 

खबरों में क्यों?

लोकसभा ने हाल ही में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

 

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के बारे में:

  • यह बैंकिंग क्षेत्र में प्रशासन में सुधार लाने तथा ग्राहक सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण परिवर्तन प्रस्तुत करता है।
  • विधेयक में पांच अधिनियमों में संशोधन का प्रावधान है: भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934; बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949; भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955; बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970; और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं:

  • प्रमुख प्रावधानों में बैंक खाताधारकों को अपने खातों के लिए अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित करने की अनुमति देना शामिल है, जिसमें क्रमिक या एक साथ नामांकन  का विकल्प भी शामिल है।
  • तथापि, लॉकर धारकों को लगातार नामांकन तक ही सीमित रखा जाएगा ।
  • विधेयक में निदेशक पद के लिए "पर्याप्त ब्याज" की परिभाषा में संशोधन का भी प्रस्ताव है , जिसके तहत सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्षों और पूर्णकालिक निदेशकों को छोड़कर) का कार्यकाल संविधान (सत्तानवेवें संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप 8 वर्ष से बढ़कर 10 वर्ष हो जाएगा।
  • यह विधेयक केन्द्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा देने की अनुमति देगा।
  • विधेयक में वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक के निर्णय में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता देने का भी प्रावधान है।
  • इसमें बैंकों के लिए विनियामक अनुपालन हेतु रिपोर्टिंग तिथियों को दूसरे और चौथे शुक्रवार के स्थान पर प्रत्येक माह की 15वीं और अंतिम तिथि निर्धारित करने का भी प्रस्ताव है ।
  • विधेयक में दावा न किए गए लाभांश, शेयर और ब्याज या बांडों के मोचन को निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPF) में स्थानांतरित करने का भी प्रावधान है, जिससे व्यक्तियों को कोष से स्थानांतरण या धन वापसी का दावा करने की अनुमति मिलेगी, जिससे निवेशकों के हितों की रक्षा होगी।

                                                                 स्रोतः इंडियन एक्सप्रेस

 

निम्नलिखित में से किस अधिनियम को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 द्वारा संशोधित करने का प्रस्ताव है?

A. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934

B. भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955

C.बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949

D. उपरोक्त सभी

 

उत्तर D

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