05.12.2025
पीएम-वाणी योजना
प्रसंग
संसद में हाल ही में दिए गए अपडेट (नवंबर 2025) में, सरकार ने PM-WANI नेटवर्क के तेज़ी से विस्तार पर ज़ोर दिया, और पूरे भारत में 3.9 लाख से ज़्यादा Wi-Fi हॉटस्पॉट को सफलतापूर्वक लगाने की बात कही।
योजना के बारे में पूरा नाम:
प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफ़ेस (PM-WANI)।
मंत्रालय: दूरसंचार विभाग (DoT), संचार मंत्रालय। स्थापना: 9 दिसंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित ।
उद्देश्य:
- नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन्स पॉलिसी (NDCP) 2018 को सपोर्ट करने के लिए देश में वायरलेस इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना ।
- पब्लिक Wi-Fi हॉटस्पॉट का डीसेंट्रलाइज़्ड नेटवर्क बनाकर डिजिटल एक्सेस को डेमोक्रेटाइज़ करना।
संरचनात्मक ढांचा (पारिस्थितिकी तंत्र)
यह स्कीम एक कॉम्प्रिहेंसिव चार-टियर आर्किटेक्चर पर काम करती है:
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO): छोटी एंटिटी (जैसे लोकल किराना स्टोर, चाय की दुकानें) जो Wi-Fi एक्सेस पॉइंट बनाती हैं और उन्हें मेंटेन करती हैं। उन्हें लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन फीस की ज़रूरत नहीं होती।
- पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA): एग्रीगेटर जो PDOs के लिए ऑथराइज़ेशन और अकाउंटिंग का काम करते हैं।
- ऐप प्रोवाइडर: ऐसी एंटिटी जो यूज़र्स को रजिस्टर करने, WANI-कम्प्लायंट हॉटस्पॉट खोजने और खुद को ऑथेंटिकेट करने के लिए एप्लिकेशन डेवलप करती हैं।
- सेंट्रल रजिस्ट्री: इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) मेंटेन करता है, यह सभी ऐप प्रोवाइडर्स, PDOAs और PDOs की डिटेल्स रिकॉर्ड करता है।
प्रमुख विशेषताऐं व्यापार करने में आसानी:
- कोई लाइसेंस फीस नहीं: लोकल एंटरप्रेन्योर सरकार को लाइसेंस फीस या रजिस्ट्रेशन चार्ज दिए बिना हॉटस्पॉट लगा सकते हैं।
- सिंपल इंफ्रास्ट्रक्चर: PDOs को कस्टमर्स को सर्विस देने के लिए रेगुलर फाइबर-टू-द-होम (FTTH) ब्रॉडबैंड कनेक्शन इस्तेमाल करने की इजाज़त है, जिससे ऑपरेशनल कॉस्ट काफी कम हो जाती है।
कनेक्टिविटी और उपयोगिता:
- रोमिंग कैपेबिलिटीज़: यूज़र्स अलग-अलग एग्रीगेटर्स (PDOAs) से मैनेज किए जाने वाले हॉटस्पॉट के बीच आसानी से स्विच कर सकते हैं, जिससे मोबाइल रोमिंग जैसी लगातार कनेक्टिविटी पक्की होती है।
- मोबाइल डेटा ऑफ़लोड: यह फ्रेमवर्क टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को इन Wi-Fi नेटवर्क पर मोबाइल डेटा ट्रैफ़िक ऑफ़लोड करने की सुविधा देता है, जिससे मोबाइल टावरों पर भीड़ कम होती है और कॉल क्वालिटी बेहतर होती है।
उपभोक्ता संरक्षण और वहनीयता:
- प्राइवेसी: ऐप प्रोवाइडर यूज़र्स को प्रमोशनल कंटेंट भेज सकते हैं, लेकिन प्राइवेसी पक्का करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल के तहत यूज़र की साफ़ मंज़ूरी ज़रूरी है।
- प्राइस कैपिंग: छोटे ऑपरेटरों के लिए वायबिलिटी पक्का करने के लिए, TRAI ने यह ज़रूरी किया है कि PDOs को बेची जाने वाली बैंडविड्थ (200 Mbps तक) की कीमत रिटेल कंज्यूमर टैरिफ से दोगुने से ज़्यादा नहीं हो सकती।
महत्व
- डिजिटल डिवाइड को कम करना: यह ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में सस्ता इंटरनेट एक्सेस देता है, जहाँ पारंपरिक टावर-बेस्ड कनेक्टिविटी महंगी या ठीक-ठाक नहीं होती।
- गिग इकॉनमी को बढ़ावा देना: यह माइक्रो-एंटरप्रेन्योर्स (PDOs) का एक नया ग्रुप बनाता है, जिससे छोटे बिज़नेस मालिक इंटरनेट एक्सेस बेचकर एक्स्ट्रा इनकम कर सकते हैं।
- डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना: मज़बूत लास्ट-माइल कनेक्टिविटी से दूर-दराज के इलाकों में ई-गवर्नेंस, डिजिटल पेमेंट, टेलीमेडिसिन और ऑनलाइन एजुकेशन की पहुंच तेज़ हो रही है।
निष्कर्ष
PM-WANI भारत के डिजिटल लक्ष्यों के लिए एक फ़ोर्स मल्टीप्लायर का काम करता है। लाइसेंसिंग की रुकावटों को हटाकर और लोकल कम्युनिटी की ताकत का फ़ायदा उठाकर, यह छोटे दुकानदारों को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर में बदल देता है, जिससे यह पक्का होता है कि हाई-स्पीड कनेक्टिविटी लग्ज़री के बजाय एक पब्लिक गुड बन जाए।