17.10.2025
संदर्भ:
अक्टूबर 2025 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में एलजी इंडिया के ऐतिहासिक आईपीओ लिस्टिंग के दौरान, प्रबंध निदेशक होंग जू जियोन - एक दक्षिण कोरियाई कार्यकारी - ने अपना पूरा भाषण धाराप्रवाह हिंदी में दिया, जिसकी शुरुआत "नमस्ते" से हुई। भाषाई और सांस्कृतिक सहानुभूति के इस भाव ने पूरे देश का ध्यान खींचा और नेतृत्व के विभिन्न संस्कृतियों से जुड़ाव को नए सिरे से परिभाषित किया।
कार्यक्रम के बारे में
किस्सा:
जियोन ने अंग्रेजी या कोरियाई भाषा के बजाय हिंदी में बोलना चुना, जो भारत की संस्कृति के प्रति सम्मान और हितधारकों के साथ भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक था। उनके संबोधन में एनएसई के अधिकारियों, भारत सरकार और एलजी के सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हुई।
व्यावसायिक प्रभाव:
एलजी इंडिया का ₹11,600 करोड़ का आईपीओ 2008 के बाद से सबसे अधिक सब्सक्राइब्ड पेशकशों में से एक बन गया, जिसके शेयरों में लिस्टिंग के बाद 50% से अधिक की वृद्धि हुई - जिससे कंपनी का मूल्यांकन उसकी दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स से अधिक हो गया।
प्रतिक्रियाएँ:
बिज़नेस लीडर्स और दर्शकों ने जियोन के इस कदम का स्वागत कॉर्पोरेट भारत में एक दुर्लभ सांस्कृतिक संवेदनशीलता के रूप में किया, जिसने विनम्रता और व्यक्तिगत प्रयास को उजागर किया। इस क्षण की व्यापक रूप से "सौम्य" और भारतीय तरीके से किए गए वैश्विक नेतृत्व का एक उदाहरण बताया गया।
महत्व और नैतिक अंतर्दृष्टि
नेतृत्व में व्यापक पाठ
निष्कर्ष:
एलजी इंडिया के आईपीओ लिस्टिंग के अवसर पर हांग जू जियोन का हिंदी संबोधन सिर्फ़ एक मार्केटिंग संकेत से कहीं बढ़कर था—इसमें सांस्कृतिक विनम्रता और सहानुभूति पर आधारित नेतृत्व का भाव समाहित था। व्यावसायिकता को स्थानीय लोकाचार के सम्मान के साथ जोड़कर, जियोन ने दर्शाया कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर आधारित अनुकूलनशील नेतृत्व, वैश्वीकृत दुनिया में सफलता की आधारशिला है।