24.02.2025
बाथौसिम
प्रारंभिक परीक्षा के लिए: बाथौसिम के बारे में
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खबरों में क्यों?
हाल ही में, असम में बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) ने विभिन्न आवेदन पत्रों के धर्म कॉलम में 'बाथौइज़्म' को आधिकारिक विकल्प के रूप में शामिल किया है।
बाथौसिम के बारे में:
- यह असम की सबसे बड़ी मैदानी जनजाति बोडो की पारंपरिक आस्था है ।
- 'बाथौ' शब्द बोडो भाषा से लिया गया है , जहां 'बा' का अर्थ है 'पांच' और 'तू' का अर्थ है 'गहन दार्शनिक विचार'।
- आस्था प्रणाली पांच तत्वों पर आधारित है: बार (वायु), सैन (सूर्य), हा (पृथ्वी), ओर (अग्नि), और ओखरंग (आकाश)।
बाथौसिम की मान्यताएं:
- यह समुदाय सर्वोच्च देवता के रूप में ब्रवराई बाथौ की पूजा करता है । बोडो भाषा में, 'ब्रवराई' शब्द का अर्थ शक्ति या ज्ञान के मामले में 'सबसे बुजुर्ग' व्यक्ति से है।
- बाथौ आस्था सिजौ पौधे (यूफोरबिया स्प्लेंडेंस) पर केंद्रित है।
- बाथौ धर्म में, सिजौ पौधे का एक महत्वपूर्ण स्थान है और बोडो लोगों द्वारा अनादि काल से इसे जीवन या आत्मा के प्रतीक के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता रहा है।
- यह पौधा बोडो लोगों के सर्वोच्च देवता बाथौवराई का जीवित प्रतीक है।
- बोडो लोग सिजौ वृक्ष को एक ऊंचे वेदी पर लगाते हैं, जिसके चारों ओर बांस की बाड़ लगी होती है, जिसमें बांस के पांच टुकड़ों से बुने गए अठारह जोड़े खंभे होते हैं ।
- पांच बांस की पट्टियां बाथौ के पांच बंधनों का प्रतीक हैं, अर्थात (i) जन्म, (ii) विवाह या संतानोत्पत्ति, (iii) दुःख, (iv) खुशी और (v) मृत्यु।
स्रोत: डाउन टू अर्थ
बाथौइज़्म के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह असम राज्य में रहने वाले बोडो लोगों की पारंपरिक आस्था है।
2. यह ऊंची वेदी पर सिजौ के पेड़ लगाने में विश्वास रखता है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A.केवल 1
B.केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D.न तो 1 और न ही 2
उत्तर C