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जीरो एफआईआर

03.04.2024

 

जीरो एफआईआर

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       

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 खबरों में क्यों?

             हाल ही में,तेलंगाना के सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर केटीआर के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।

 

महत्वपूर्ण बिन्दु :

  • पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 504 और 505 के तहत मामला दर्ज किया है।
  • बंजारा हिल्स पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में पूर्व मंत्री और भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव के खिलाफ जीरो एफआईआर मामला दर्ज किया है।
  • केटी रामाराव ने तेलंगाना भवन में सीएम रेवंत रेड्डी द्वारा बिल्डरों और व्यापारियों सहित जनता से 2,500 करोड़ रुपये वसूलने और इसे केंद्रीय स्तर पर पार्टी के आलाकमान को सौंपने के बारे में बयान दिया था।
  • साथ ही इनपर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया गया है।

 

जीरो एफआईआर  के बारें में :

  • जीरो एफआईआर के तहत पीड़ित व्यक्ति या उस व्यक्ति का कोई जानकार, रिश्तेदार या कोई चश्मदीद भी किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज करवा सकता है, इसे ही जीरो एफआईआर कहा जाता है।
  • जीरो एफआईआर के आधार पर पुलिस अपनी कार्यवाही या जांच शुरू कर देती है,बाद में वह केस संबंधित क्षेत्र के थाने में ट्रांसफर करवा दिया जाता है।
  • यह पहली जांच रिपोर्ट (एफआईआर) को संदर्भित करता है जो उस क्षेत्र की परवाह किए बिना दर्ज की जाती  है जहां अपराध हुआ है।
  • ऐसे मामले में पुलिस यह दावा नहीं कर सकती कि, उसका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
  • ज़ीरो FIR, जिसे किसी भी पुलिस स्टेशन द्वारा तब दर्ज किया जा सकता है जब उसे किसी संज्ञेय अपराध के संबंध में शिकायत मिलती है।
  • इस स्तर पर कोई नियमित FIR नंबर निर्दिष्ट नहीं किया जाता है।
  • इसे बाद में उस पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया जाता है जिसके पास वास्तविक क्षेत्राधिकार है ताकि जांच शुरू हो सके।
  • इसे 2012 में दिल्ली में क्रूर निर्भया सामूहिक बलात्कार की पृष्ठभूमि में गठित न्यायमूर्ति वर्मा समिति  की सिफारिश पर पेश किया गया था।
  • यह पुलिस पर जांच शुरू करने और अधिकार क्षेत्र के अभाव का बहाना किए बिना त्वरित कार्रवाई करने का कानूनी दायित्व डालता है।

 

जीरो एफआईआर का प्रमुख उद्देश्य:

  • जीरो एफआईआर का प्रमुख उद्देश्य हैं कि, पीड़ित को पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए दर-दर भटकना न पड़े।
  • यह प्रावधान पीड़ित को त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए है ताकि, एफआईआर दर्ज होने के बाद समय पर कार्रवाई की जा सके।

 

एफआईआर (First Information Report) के बारें में :

  • किसी (आपराधिक) घटना के संबंध में पुलिस के पास कार्यवाई के लिए दर्ज की गई सूचना को प्राथमिकी या प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) कहा जाता है।
  • प्रथम सूचना रिपोर्ट या एफआईआर एक लिखित प्रपत्र (डॉक्युमेन्ट) होता है।
  • यह ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस अधिकारी द्वारा पीड़ित व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कथित अपराध के लिए दी गई जानकारी है।
  • इसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 या किसी अन्य कानून में परिभाषित नहीं किया गया है।
  • पुलिस नियमों या नियमों में सीआरपीसी की धारा 154 के तहत दर्ज की गई जानकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के रूप में जाना जाता है।

                                       स्रोत: द हिंदू

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