18.04.2024
कवच -टकराव रोधी प्रणाली
प्रारंभिक परीक्षा के लिए: कवच- टकराव रोधी प्रणाली के बारें में, महत्वपूर्ण बिन्दु, कवच की मुख्य विशेषताएं
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खबरों में क्यो ?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कवच-टकराव रोधी प्रणाली शुरू करने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गयी हैं।
महत्वपूर्ण बिन्दु :
- यह सुनवाई बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस की दुर्घटना के कुछ दिनों बाद दायर एक याचिका पर आधारित थी।
- यह सुनवाई जून जून 2023 में ओडिशा के बालासोर जिले में बहनागा बाजार स्टेशन के पास बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, और एक मालगाड़ी की दुर्घटना के कुछ दिनों बाद दायर एक याचिका पर आधारित थी।
कवच-टकराव रोधी प्रणाली के बारें में :
- कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है।
- इसको 2002 में अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा तीन भारतीय विक्रेताओं के सहयोग से विकसित किया गया था।
- भारतीय रेलवे के अनुसार यह एक लागत प्रभावी सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 (SIL-4) प्रमाणित तकनीक है।
- यह उच्च आवृत्ति रेडियो संचार का उपयोग करता है और टकराव को रोकने के लिए आंदोलन के निरंतर अद्यतन के सिद्धांत पर काम करता है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य ट्रेनों को लाल सिग्नल (जो खतरे का संकेत है) से गुजरने से रोकना और टकराव से बचाना है।
कवच की मुख्य विशेषताएं:
- यह मूवमेंट अथॉरिटी के निरंतर अद्यतन के सिद्धांत पर काम करता है।
- यह किसी भी प्रकार की दुर्घटना और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय रूप से एसओएस का उपयोग करता है।
- यदि ड्राइवर गति प्रतिबंधों के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय कर देता है।
- यह घने कोहरे जैसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों के दौरान ट्रेन संचालन में भी सहायता प्रदान करता है ।
स्रोत: द हिन्दू