16.08.2025
मिशन सुदर्शन चक्र
प्रसंग:
भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री ने मिशन सुदर्शन चक्र का अनावरण किया , जो एक स्वदेशी, बहुस्तरीय रक्षा पहल है जिसका उद्देश्य देश के सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों को संभावित खतरों से सुरक्षित रखना है।
मिशन सुदर्शन चक्र के बारे में:
- राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना है।
- भगवान कृष्ण के पौराणिक सुदर्शन चक्र से प्रेरित होकर, सांस्कृतिक प्रतीकवाद को रक्षा प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा गया है।
- रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में।
- प्रमुख बुनियादी ढांचे के चारों ओर एक उन्नत सुरक्षा कवच बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उद्देश्य:
- एक अनुसंधान-आधारित, स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली विकसित करना जो वायु, भूमि, समुद्र और साइबर क्षेत्रों से आने वाले खतरों का मुकाबला करने में सक्षम हो।
- आत्मनिर्भर भारत ढांचे
के तहत महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना ।
- प्रमुख बुनियादी ढांचे, शहरी केंद्रों और पवित्र स्थलों के लिए सक्रिय और एकीकृत सुरक्षा प्रदान करना।
प्रमुख विशेषताऐं:
- बहुस्तरीय रक्षा: निगरानी, अवरोधन और जवाबी हमले की क्षमताओं को जोड़ती है।
- व्यापक कवरेज: सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थानों की सुरक्षा करता है।
- उन्नत प्रौद्योगिकी: इसमें रडार प्रणाली, एआई-सक्षम ट्रैकिंग, साइबर सुरक्षा उपाय और भौतिक सुरक्षा उपकरण शामिल हैं।
- स्वदेशी विकास: पूर्णतः भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित।
- दीर्घकालिक योजना: प्रणाली विस्तार, आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि का लक्ष्य 2035 है।
महत्व:
- सामरिक निवारण: यह इजरायल के आयरन डोम के समान सुरक्षा प्रदान करता है, जो भारत के विशिष्ट खतरे के वातावरण के लिए अनुकूलित है।
- राष्ट्रीय संप्रभुता: विदेशी रक्षा प्रणालियों पर निर्भरता कम करती है।
- समग्र सुरक्षा: पारंपरिक, हाइब्रिड और साइबर खतरों से सुरक्षा प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
मिशन सुदर्शन चक्र भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है, महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, तथा उभरते खतरों के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करता है।