21.04.2025
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी बरामदगी – न्यायिक विवाद
प्रारंभिक परीक्षा के लिए: वी.पी. धनखड़ की टिप्पणी , एनजेएसी (राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग) क्या है? |
संदर्भ :होली की रात (मार्च 2025) दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के दौरान कथित तौर पर जली हुई नकदी मिली थी। इस घटना ने न्यायिक जवाबदेही और आपराधिक जांच की कमी पर चिंता जताई।
वी.पी. धनखड़ की टिप्पणी
कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई :
उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाया कि कोई एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई, इसे कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा कि संज्ञेय अपराधों की रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए।
अंतिम प्राधिकार:
कोई भी वास्तविक कार्रवाई, जैसे कि किसी न्यायाधीश को हटाना, केवल संसद द्वारा ही की जा सकती है।
एनजेएसी (राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग) क्या है?
उद्देश्य:कॉलेजियम प्रणाली को प्रतिस्थापित करना तथा उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में पारदर्शिता लाना।
स्थापना:99वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2014, (एनजेएसी अधिनियम, 2014)
संरचना:
भारत के मुख्य न्यायाधीश (अध्यक्ष)
दो वरिष्ठतम एससी न्यायाधीश
केंद्रीय कानून मंत्री
दो प्रतिष्ठित व्यक्ति
एक नामित व्यक्ति एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/महिलाओं में से होना चाहिए
कार्य:
एससी और एचसी न्यायाधीशों की नियुक्तियों और स्थानांतरण की सिफारिश करना
सिफारिशों में ईमानदारी और क्षमता सुनिश्चित करना
संसद की भूमिका:
सुप्रीम कोर्ट का फैसला (2015)
मामला: SC एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ
परिणाम:
न्यायिक नियुक्तियों की पद्धति के रूप में कॉलेजियम प्रणाली को बहाल किया गया।