22.05.2025
पंचायत स्तर पर 'माइक्रोपिक्चर' प्राप्त करना
प्रसंग: डेटा शासन की चुनौतियाँ और विकेंद्रीकरण की आवश्यकता
- सरकारी डेटा तक सीमित पहुंच:
data.gov.in जैसे पोर्टलों पर डेटा उपलब्ध होने के बावजूद, खराब प्रारूप के कारण इसका प्रभावी उपयोग कठिन है।
- डेटा प्रणाली में सूक्ष्मता की कमी:
वर्तमान डिजिटल प्लेटफॉर्म केवल उच्च-स्तर के अधिकारियों के लिए डिज़ाइन हैं, जिससे ग्राम, ब्लॉक और ज़िला स्तर के अधिकारियों की जरूरतें पूरी नहीं होतीं।
- विश्लेषण और प्रस्तुति की कमजोरी:
डाटा विश्लेषण और विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स की कमी से प्रमाण-आधारित नीति निर्माण प्रभावित होता है।
पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) का महत्व और विशेषताएँ
- समग्र ढांचा:
PAI ग्राम पंचायतों के विकास का आकलन 435 संकेतकों और 9 SDG आधारित विषयों पर करता है।
- डेटा कवरेज की समस्या:
2.16 लाख ग्राम पंचायतों में से 11,000 को अमान्य डेटा के कारण हटा दिया गया।
उत्तर प्रदेश की केवल 40% पंचायतों ने सत्यापित डेटा दिया।
- क्रियावान डैशबोर्ड:
PAI प्लेटफ़ॉर्म सांसदों, विधायकों, और विभागों को क्षेत्रवार विश्लेषण प्रदान करता है।
रूपांतरण की संभावनाएँ और आगे की राह
- SDG वितरण को सशक्त बनाना:
"स्वस्थ पंचायत" जैसे स्पष्ट संकेतकों के माध्यम से जवाबदेही और परिणाम-आधारित कार्रवाई को बढ़ावा मिलता है।
- शैक्षणिक और नागरिक नेटवर्क की भागीदारी:
4,000+ उन्नत भारत अभियान संस्थान स्थानीय क्षमता निर्माण में मदद कर सकते हैं।
- संस्थागत ढांचे का निर्माण:
प्रशिक्षित विश्लेषकों की जरूरत है और शहरी निकायों के लिए भी एक समान सूचकांक विकसित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
PAI विकेंद्रीकृत शासन को सशक्त बनाता है, जिससे स्थानीय डेटा, विश्लेषण, और योजना निर्माण सुधरता है।
SDG लक्ष्यों की डिलीवरी, जवाबदेही, और जमीनी विकास हेतु डेटा गुणवत्ता, क्षमता निर्माण, और शहरी विस्तार अनिवार्य हैं।