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राष्ट्रीय महत्व के स्मारक (एमएनआई)

28.03.2024

 

राष्ट्रीय महत्व के स्मारक (एमएनआई)

                                                  

 प्रीलिम्स के लिए: राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों (एमएनआई) के बारे में,महत्वपूर्ण बिन्दु,

 

खबरों में क्यों?

            

हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा 18 संरक्षित स्मारकों को सूची से हटाने का फैसला लिया गया है क्योंकि उनका "राष्ट्रीय महत्व" नहीं रह गया है।

 

महत्वपूर्ण बिन्दु :

  • 18 'खोये हुए' स्मारकों में उत्तर प्रदेश के नौ स्मारक शामिल हैं।
  • साथ ही दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के 2-2 स्मारक शामिल हैं। और अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के 1-1स्मारक शामिल हैं।
  • वर्तमान में, राष्ट्रीय महत्व के 3,693 स्मारक (एमएनआई) हैं।
  • संस्कृति मंत्रालय और न ही एएसआई द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है कि, वास्तव में 'लापता' या 'पता नहीं लगाने योग्य' का क्या मतलब है।

 

राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों (एमएनआई) के बारे में:

  • प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम (एएमएएसआर अधिनियम), 1958 (2010 में संशोधित), राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और अवशेषों की घोषणा और संरक्षण का प्रावधान करता है।
  • निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त विचारों/आपत्तियों पर विचार करने के बाद , केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करके प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर सकती है।
  • एक बार जब किसी स्मारक या साइट को एमएनआई घोषित कर दिया जाता है, तो उनकी सुरक्षा और रखरखाव की जिम्मेदारी संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की होती है।
  • एएसआई पूरे देश में एमएनआई के संरक्षण, संरक्षण और रखरखाव का कार्य करता है।
  • स्मारक के एक सौ मीटर के दायरे को ' निषिद्ध क्षेत्र' माना जाता है जहां निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध है।
  • इसके अलावा 200 मीटर (यानी, 100+200 मीटर) को ' विनियमित क्षेत्र' माना जाता है जहां निर्माण पर नियम हैं।
  • एएसआई के पास अधिनियम की धारा 35 के तहत उन स्मारकों को सूची से हटाने की भी शक्ति है, जिन्हें वह "राष्ट्रीय महत्व का नहीं रह गया है"।
  • जब कोई स्मारक सूची से हटा दिया जाता है, तो एएसआई इन स्मारकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं रह जाता है।
  • प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थलों की  सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश (745 स्मारक/स्थल) में है।

 

                                                 स्रोत: इंडिया  टुडे