बिहार राजनीतिक संकट

बिहार राजनीतिक संकट

GS-II: भारतीय राजव्यवस्था

(यूपीएससी/राज्य पीएससी-बिहार राज्य विशेष)

प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

नीतीश कुमार, नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री, बिहार के राज्यपाल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) यानी भाजपा, इंडिया महागठबंधन, बिहार गठबंधन सरकार।

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण:

बिहार गठबंधन सरकार में नीतीश कुमार की भूमिका, बिहार में गठबंधन सरकार का पुनः आविर्भाव, गठबंधन सरकार के बारे में, गठबंधन सरकार की विशेषताएं, निष्कर्ष।

30जनवरी, 2024

ख़बरों में क्यों:

बिहार में मचे राजनीतिक उठापटक के बीच नीतीश कुमार ने इंडिया महागठबंधन(India-grand alliance)का साथ छोड़कर हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) यानी भाजपा(BJP) के सहयोग से नौवीं बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

  • बिहार के वर्तमान राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें शपथ दिलाई।
  • बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया।
  • बीजेपी के प्रेम कुमार, जेडीयू के विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार, जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी शपथ ली।
  • 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के यू-टर्न का न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर असर पड़ेगा।

बिहार गठबंधन सरकार में नीतीश कुमार की भूमिका :

  • राजनीतिक उपनाम: सुशासन बाबू, पलटूराम
  • नीतीश कुमार एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और सम्प्रति बिहार के मुख्यमंत्री हैं।उन्होंने 3 मार्च 2000 को समतापार्टी और भाजपा के सहयोग से पहली बार मुख्यमंत्री का पद धारण किया था।
  • उसके उपरांत वर्ष 2005 से 2010 तक, 2010 से 2014 तक, फिर वर्ष 2015 में, 2015 से 2017 तक, 2017 से 2020 तक, 2020 से 8 अगस्त, 2022 से 2024 तक और पुनः 2024 में अब 9वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं।
  • 28 जनवरी 2024 को जदयू-भाजपा (एनडीए) गठबंधन से नई सरकार का गठन।
  • वे बिहार के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं।
  • वह जनता दल यू(JDU) राजनीतिक दल के प्रमुख नेताओं में से हैं।
  • उनके छठे कार्यकाल में बिहार जाति आधारित जनगणना 2023 शुरू हुई।
  • वह एक चतुर राजनीतिक संचालक है जो बिहार और राष्ट्रीय राजनीति की उभरती वास्तविकताओं के खिलाफ अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश में सफल रहे हैं।

बिहार में गठबंधन की सरकार की पुनरावृत्ति:

  • बिहार की राजनीति में सत्ता परिवर्तन, जोड़तोड़ और गठबंधन का टूटना और नया आकार लेना परिपाटी बन गई है।
  • पिछले दो दशकों से बिहार में जनता दल यू(JDU), राष्ट्रीय जनता दल(RJD), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम), माकपा, भाकपाऔर भारतीय जनता पार्टी(BJP) के गठबंधन से सरकारें बनती बिगड़ती रही हैं।

गठबंधन सरकार के बारे में:

  • गठबंधन सरकार सरकार का एक रूप है जिसमें राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए सहयोग करते हैं। ऐसी व्यवस्था का सामान्य कारण यह है कि चुनाव के बाद किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है।
  • 'गठबंधन' शब्द लैटिन भाषा के 'कोएलिटियो' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'एक साथ बढ़ना'। इस प्रकार, तकनीकी रूप से, गठबंधन का अर्थ भागों को एक शरीर या संपूर्ण में एकजुट करने का कार्य है। राजनीतिक दृष्टि से गठबंधन का अर्थ विभिन्न राजनीतिक दलों का गठबंधन होता है
  • गठबंधन आम तौर पर आधुनिक संसदों में तब होता है जब कोई भी राजनीतिक दल बहुमत हासिल नहीं कर पाता। दो या दो से अधिक पार्टियाँ, जिनके पास बहुमत बनाने के लिए पर्याप्त निर्वाचित सदस्य हैं, तब एक सामान्य कार्यक्रम पर सहमत होने में सक्षम हो सकती हैं, जिसमें उनकी व्यक्तिगत नीतियों के साथ बहुत अधिक कठोर समझौते की आवश्यकता नहीं होती है और वे सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।

गठबंधन सरकार की विशेषताएं:

  • गठबंधन का गठन इनाम, भौतिक या मानसिक लाभ के लिए किया जाता है।
  • गठबंधन का तात्पर्य कम से कम दो साझेदारों के अस्तित्व से है।
  • गठबंधन प्रणाली का अंतर्निहित सिद्धांत विशिष्ट हितों के अस्थायी संयोजन के सरल तथ्य पर आधारित है।
  • गठबंधन की राजनीति एक स्थिर नहीं बल्कि एक गतिशील मामला है क्योंकि गठबंधन के खिलाड़ी और समूह विघटित हो सकते हैं और नए समूह बना सकते हैं।
  • गठबंधन राजनीति का मूलमंत्र समझौता है और इसमें कठोर हठधर्मिता का कोई स्थान नहीं है।
  • एक गठबंधन एक न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करता है, जो गठबंधन के प्रत्येक भागीदार के लिए आदर्श नहीं हो सकता है।
  • विचारधारा नहीं बल्कि व्यावहारिकता गठबंधन राजनीति की पहचान है। राजनीतिक समायोजन करने में सिद्धांतों को किनारे रखना पड़ सकता है।
  • गठबंधन समायोजन का उद्देश्य सत्ता पर कब्ज़ा करना है।

निष्कर्ष:

  • भारत में चुनाव से पहले या बाद में गठबंधन बनते रहे हैं। चुनाव पूर्व गठबंधन को लाभप्रद माना जाता है क्योंकि यह सभी दलों को संयुक्त घोषणापत्र के आधार पर मतदाताओं को लुभाने के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। चुनाव के बाद के संघ का उद्देश्य घटकों को राजनीतिक शक्ति साझा करने और सरकार चलाने में सक्षम बनाना है।

स्रोतःइंडियनएक्सप्रेस

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

बिहार में गठबंधन सरकार की बदलती प्रवृत्ति के आलोक में गठबंधन सरकार की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।