भारत-अमेरिका के मध्य “टू प्लस टू वार्ता” का पांचवा चरण

 

भारत-अमेरिका के मध्य “टू प्लस टू वार्ता” का पांचवा चरण

प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

टू प्लस टू वार्ता, संयुक्त समुद्री बल (CMF), हिंद महासागर (Indian Ocean), क्वाड

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण:

GS-2: भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता से संबंधित मुद्दे

06 दिसंबर, 2023

ख़बरों में क्यों:

हाल ही में भारत और अमेरिका के मध्य टू प्लस टू वार्ता की मंत्रिस्तरीय बैठक (Ministerial meeting of 2+2 talks) का पांचवा चरण संपन्न हुआ।

  • इस 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत और अमेरिका ने रक्षा, सेमीकंडक्टर, उभरती प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य आदि  द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की।
  • भारत-अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में भारत ने संयुक्त समुद्री बल (CMF) की पूर्ण सदस्यता लेने का निर्णय लिया है।
  • अप्रैल (2022) में आयोजित, भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत ने एक सहयोगी भागीदार के रूप में CMF में शामिल होने की घोषणा की थी।
  • रणनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए भारत का इस संगठन में शामिल होना समय की मांग और एक रणनीतिक जरूरत है।

क्या है संयुक्त समुद्री बल:

  • सीएमएफ दुनिया की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय नौसैनिक साझेदारी है, जिसकी स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी।
  • अमेरिकी नौसेना के वाइस एडमिरल रैंक का अधिकारी सीएमएफ की कमान संभालता है।
  • इसका मुख्यालय बहरीन में स्थित है।

उद्देश्य:

  • अमेरिका के नेतृत्व वाले इस रणनीतिक समुद्री साझेदारी का उद्देश्य 3.2 मिलियन वर्ग के विस्तार वाले अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में अवैध गैर-राज्य का मुकाबला करके नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना है।
  • गैर-राज्य अभिकतार्ओं का मतलब है, वैसे लोग जिनका किसी देश या सरकार से संबंध नहीं है।
  • इस बल का काम उस खुले समुद्र में सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है, जिसमें दुनिया की सबसे महत्त्वपूर्ण शिपिंग लेन शामिल हैं।

इस समूह के प्रमुख कार्य:

  • संयुक्त समुद्री बल का मुख्य काम नशीले पदार्थों की तस्करी रोकना और समुद्री डकैती से निपटना है।
  • इसके अलावा क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना, समग्र सुरक्षा और स्थिरता में सुधार के लिए क्षमताओं को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय और अन्य भागीदारों के साथ जुड़ना।
  • इसके अलावा गैर-कानूनी गैर-राज्य अभिकतार्ओं की गतिविधियों से मुक्त एक सुरक्षित समुद्री वातावरण को बढ़ावा देना है।
  • जरूरत पड़ने पर ये बल पर्यावरण से जुड़े मुद्दों और मानवीय आपदा राहत के लिए भी काम करती है।
  • संयुक्त समुद्री बल के पांच संयुक्त कार्य बल हैं। इनमें से एक टास्क फोर्स अरब की खाड़ी के बाहर समुद्री सुरक्षा का संचालन करती है, जिसमें उसका काम ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर पर केंद्रित है।
  • दूसरी टास्क फोर्स काउंटर-पाइरेसी का काम करती है।
  • तीसरी टास्क फोर्स का कार्य अरब की खाड़ी के अंदर समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और चौथी टास्क फोर्स लाल सागर और अदन की खाड़ी की समुद्री सुरक्षा संभालती है।
  • इसी साल मई में एक पांचवीं टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसका काम समुद्री सुरक्षा प्रशिक्षण देना है।

कैसे काम करता है सीएमएफ:

  • सीएमएफ में शामिल देश व्यापार और वाणिज्य के खुले प्रवाह की रक्षा करके और समुद्री सुरक्षा में सुधार करके समुद्री इलाकों में चल रही गैर-कानूनी गतिविधियों को रोककर नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करते हैं।
  • इस साझेदारी में शामिल हर देश का योगदान इस बात पर निर्भर करता है कि वो जरूरत पड़ने कितने नौसैनिक संसाधन (जहाज, पनडुब्बी) कितने समय में उपलब्ध करवा सकता है।
  • बहरीन में स्थित सीएमएफ की चार कमांड अमेरिकी नौसेना सहायता गतिविधि बहरीन में स्थित हैं।
  • सीएमएफ का डिप्टी कमांडर यूनाइटेड किंगडम रायल नेवी का कमांडर होता है। सीएमएफ के मुख्यालय में अन्य वरिष्ठ कर्मचारी भूमिकाएं सदस्य देशों के कर्मियों द्वारा पूरी की जाती हैं।

सीएमएफ के सदस्य देश:

  • भारत द्वारा सीएमएफ की पूर्ण सदस्यता लेने के बाद, वर्तमान में इसके 38 सदस्य हैं।
  • इसके अन्य सदस्य देशों में आस्ट्रेलिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, डेनमार्क, जिबूती, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इराक, इटली, जापान, जार्डन, केन्या, कोरिया गणराज्य, कुवैत, मलेशिया, नीदरलैंड , न्यूजीलैंड, नार्वे, ओमान, पाकिस्तान, फिलिपींस, पुर्तगाल, कतर, सऊदी अरब, सेशेल्स, सिंगापुर, स्पेन, थाईलैंड, तुर्किये, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यमन शामिल हैं।

संयुक्त अरब अमीरात(UAE) का सीएमएफ अलग होने का निर्णय  

  • हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात(UAE) ने इसी वर्ष मई, 2023 में सीएमएफ से अलग होने की घोषणा की है।
  • संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय के अनुसार, UAE ने सभी साझेदारों के साथ प्रभावी सुरक्षा सहयोग के मूल्यांकन के बाद सीएमएफ से अपनी भागीदारी वापस लेने का निर्णय लिया है।
  • महत्त्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों पर अपनी रणनीतिक स्थिति की वजह से संयुक्त अरब अमीरात सीएमएफ गठबंधन का एक सक्रिय भागीदार था।

महत्त्व:

  • भारत की संयुक्त समुद्री बल (सीएमएफ) की पूर्ण सदस्यता से भारत और अमेरिका की समुद्री सुरक्षा और अधिक मजबूत होगी।
  •  पिछले वर्षों में प्रमुख रक्षा साझेदारी के निर्माण से हिंद महासागर रीजन में सदस्य देशों के प्रभाव में रणनीतिक तौर वृद्धि हुई है और इससे शांति और स्थिरता के लिए और भी अधिक योगदान देने में मदद मिलेगी।
  • इस समझौते के माध्यम से रक्षा एवं उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भारत-अमेरिका व्यापार तथा तकनीकी सहयोग को और भी सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

‘टू प्लस टू वार्ता’ के बारे में:

  • ‘टू प्लस टू वार्ता’ एक मंत्रिस्तरीय वार्ता है जो दो देशों के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के मध्य आयोजित की जाती है।
  • यह वार्ता उच्चतम स्तर के एक संस्थागत तंत्र के माध्यम से दो देशों को सुरक्षा, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा के लिए मंच प्रदान करती है।

भारत के 2+2 वार्ता के भागीदार:

  • अमेरिका, भारत का सबसे पुराना वर्ष 2018 से सबसे प्रमुख 2+2 वार्ता भागीदार रहा है।
  • 2+2 वार्ता से संबंधित भारत के अन्य भागीदार देशों में ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूनाइटेड किंगडम और रूस शामिल हैं।

आगे की राह:

  • रक्षा का मुद्दा भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों का सबसे महत्त्वपूर्ण स्तंभों में से एक है।
  • विभिन्न उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद भारत को महत्त्वपूर्ण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है।
  • वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देशों को अपने विचारों का आदान-प्रदान करते रहना चाहिए।
  • हिंद महासागर क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता की बहाली के लिए दोनों देशों द्वारा समान लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए।

स्रोत: पी.आई.बी.

मुख्य परीक्षा प्रश्न

भारत और अमेरिका की टू प्लस टू वार्ता के आलोक में भारत की संयुक्त समुद्री बल (CMF)में पूर्ण सदस्यता पर चर्चा कीजिए।  

संयुक्त समुद्री बल (CMF) की हिन्द महासागर में चीन के प्रभुत्व को कम करने में प्रमुख भूमिका की समीक्षा कीजिए।