भारत ड्रोन शक्ति 2023

 

भारत में पहली ड्रोन शक्ति प्रदर्शनी का आयोजन

भारत ड्रोन शक्ति 2023

यह टॉपिक आईएएस/पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित है

08 सितंबर, 2023

चर्चा में:

  • आगामी दिनों में भारत में पहली ड्रोन शक्ति प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय वायुसेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI), संयुक्त रूप से भारत ड्रोन शक्ति 2023 की सह-मेज़बानी करेंगे।
  • इस कार्यक्रम का आयोजन 25 और 26 सितंबर, 2023 तक हिंडन (ग़ाज़ियाबाद) में एलएएफ के एयरबेस पर किया जाएगा।
  • भारत ड्रोन शक्ति 2023' राष्ट्र के लाभ के लिए इस परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी की पूरी क्षमता का दोहन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इसका उद्देश्य इन मानवरहित प्लेटफार्मों का उपयोग करने में अपने समृद्ध अनुभव का लाभ साझा करना है।
  • इस कार्यक्रम में लगभग 5,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
  • भारतीय ड्रोन उद्योग की पूरी क्षमता के साथ 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शनों की मेज़बानी करेगा।
  • इसमें सर्वेक्षण ड्रोन, कृषि ड्रोन, आग दमन ड्रोन, सामरिक निगरानी ड्रोन, आदि विभिन्न प्रकार के ड्रोन के साथ-साथ 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप व कॉर्पोरेट्स की भागीदारी होगी।
  • यह कार्यक्रम 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनने की भारत की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा।
  • ग़ौरतलब है कि भारत सैन्य और नागरिक दोनों क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग में वृद्धि कर रहा है ।
  • भारतीय वायुसेना खुफिया निगरानी और टोही कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर रिमोट से संचालित विमानों का उपयोग कर रही है।

ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI) के बारे में:

  • ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI) एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग-आधारित निकाय है।
  • यह भारत में एक सुरक्षित और स्केलेबल मानव रहित विमानन उद्योग के निर्माण को बढ़ावा देता है।
  • DFI अपनी विशेषज्ञता साझा करने और देश में एक स्थायी यूएवी उद्योग का निर्माण करने हेतु विचारकों, उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं आदि के साथ जुड़ता है।

ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार की पहलें

  • भारत ड्रोन महोत्सव 2022
  • ड्रोन नियम 2021
  • ड्रोन के लिये पीआईएल योजना
  • ड्रोन शक्ति योजना
  • आई-ड्रोन

ड्रोन के बारे में:

  • ड्रोन मानव रहित विमान (UA) के रूप में एक फ़्लाइंग रोबोट होता है जिसे मानव द्वारा दूर से नियंत्रित किया जाता है।
  • ड्रोन की सभी गतिविधियाँ इसमें लगे सेंसर और LIDAR डिटेक्टरों की  प्रणाली पर निर्भर करती है।

ड्रोन प्रौद्योगिकी का महत्त्व:

  • ड्रोन की मदद से कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का छिड़काव किया जा सकता है।
  • ड्रोन का उपयोग कृषकों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान के लिये सर्वेक्षण में भी किया जा सकता है।
  • ड्रोन सिस्टम को आतंकवादी हमलों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • ड्रोन को राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र प्रणाली में एकीकृत किया जा सकता है।
  • ड्रोन को युद्ध में तैनात किया जा सकता है, दूरदराज़ के इलाकों में संचार स्थापित करने  एवं  काउंटर-ड्रोन समाधान के लिए  उपयोग किया जा सकता है।
  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ड्रोन-आधारित वैक्सीन डिलीवरी मॉडल, आई -ड्रोन तैयार किया है। तेलंगाना और पूर्वोत्तर राज्यों को इस ड्रोन तकनीक के उपयोग की मंज़ूरी दूरदराज़ के इलाकों में टीके पहुंचाने के लिये दे दी गई है।
  • भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना में ड्रोन तकनीक ने एक वर्ष से भी कम समय में घनी आबादी वाले क्षेत्रों का मानचित्रण करके लगभग आधा मिलियन गाँव के निवासियों को उनके संपत्ति कार्ड प्राप्त करने में मदद की है।
  • ड्रोन का उपयोग परिसंपत्तियों और ट्रांसमिशन लाइनों की वास्तविक समय  निगरानी, चोरी की रोकथाम, दृश्य निरीक्षण / रखरखाव, निर्माण योजना और प्रबंधन आदि के लिये किया जा सकता है।
  • ड्रोन का उपयोग अवैध शिकार रोधी कार्यों, जंगलों और वन्यजीवों की निगरानी, प्रदूषण मूल्यांकन तथा साक्ष्य एकत्र करने के लिये किया जा सकता है।
  • ड्रोन कानून प्रवर्तन एजेंसियों, आग की घटना और आपातकालीन सेवाओं के लिये भी महत्त्वपूर्ण हैं, जहाँ मानव हस्तक्षेप और स्वास्थ्य सेवाएँ सुरक्षित नहीं है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलों का उल्लेख कीजिए।