भारत में 5 वें विश्व कॉफी सम्मेलन का आयोजन

भारत में 5 वें विश्व कॉफी सम्मेलन का आयोजन

यह टॉपिक प्रारंभिक परीक्षाओं के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन, पेपर-3 के लिए महत्वपूर्ण है।

03 अक्टूबर, 2023

चर्चा में:

  • हाल ही में भारत में 5वें विश्व कॉफी सम्मेलन (World Coffee Conference) का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • यह सम्मेलन बंगलूरू, कर्नाटक में 25 से 28 सितंबर 2023 तक आयोजित किया गया।
  • यह सम्मेलन इंटरनेशनल कॉफी संगठन (ICO) और भारतीय कॉफी बोर्ड, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया।
  • इस सम्मेलन की थीम थी: “चक्रीय अर्थव्यवस्था और पुनर्योजी कृषि के माध्यम से स्थिरता”
  • 5वें विश्व कॉफी सम्मेलन का आधिकारिक शुभंकर कॉफी स्वामी (Coffee Swami) है, जो भारतीय परंपरा का एक प्रतीक है।
  • इस सम्मेलन में भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना को ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया।
  • एशियाई कॉफी उत्पादक देशों में भारत ऐसा पहला देश है जहाँ विश्व कॉफी सम्मेलन का आयोजन पहली बार किया गया है।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य नवाचारिक अवसरों और बाजारों के लिए मार्ग तैयार करना है एवं कॉफी उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कॉफी किसानों को लाभ पहुंचाना है।
  • इस सम्मेलन में विभिन्न गतिविधियों को सम्मिलित किया गया, जिनमें  प्रदर्शनी, कौशल-निर्माण वर्कशॉप, एक सीईओज़ एवं वैश्विक नेताओं के फोरम और ग्रोअर्स कॉन्क्लेव भी शामिल था।
  • विश्व कॉफी सम्मेलन 2023 में 80 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया है।
  • सम्मेलन में चर्चा किए गए प्रमुख विषयों में से एक पुनर्योजी कृषि पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया।
  • विश्व कॉफी सम्मेलन का पहला सम्मेलन इंग्लैंड (2001) में, दूसरा ब्राजील (2005) में, तीसरा   ग्वाटेमाला(2010) में और चौथा इथियोपिया (2016) में आयोजित किया जा चुका है।

पुनर्योजी कृषि के बारे में:

  • पुनर्योजी कृषि एक समग्र कृषि दृष्टिकोण है,जो मिट्टी के स्वास्थ्य, खाद्य गुणवत्ता, जैव विविधता, जल की गुणवत्ता और वायु गुणवत्ता पर जोर देता है।
  • पुनर्योजी कृषि मिट्टी की गड़बड़ी को कम करके, फसलों में विविधता लाकर, कवर फसलों का उपयोग करके एवं  पशुधन को एकीकृत करके मिट्टी के स्वास्थ्य, जैव विविधता के स्थिरता में सुधार करने पर केंद्रित है।
  • पुनर्योजी कृषि का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग को कम करने, खेतों की जुताई में कमी, पशुधन को एकीकृत करने,कवर फसलों का उपयोग करने जैसे तरीकों के माध्यम से मिट्टी के स्वास्थ्य, जैव विविधता में सुधार तथा जल और वायु गुणवत्ता पर केंद्रित है। इसमे संसाधनों को ख़त्म करने के बजाय उन्हें बढ़ाना है।

इंटरनेशनल कॉफी संगठन (ICO) के बारे में:

  • अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन कॉफी व्यापार को बढ़ावा देने, कॉफी उत्पादक और प्रयोग करने वाले राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रमुख अंतर-सरकारी संगठन के रूप में काम करता है।
  • यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के एक निकाय के तौर पर वर्ष 1963 में स्थापित किया गया था।
  • वर्तमान में इंटरनेशनल कॉफी संगठन का मुख्यालय लंदन, यू. के. में है।
  • यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय कॉफी समझौते (International Coffee Agreement) का प्रबंधन करता है।
  • इस संगठन का उद्देश्य कॉफी क्षेत्र को मजबूत करना और ग्लोबल कॉफी वैल्यू चेन (जी-सीवीसी) के सतत विकास को बढ़ावा देना है।
  • यह संगठन कॉफी निर्यातक और आयातक देशों को कॉफी के क्षेत्र में विकास एवं सहयोग हेतु एक मंच प्रदान करता है।
  • यह संगठन विश्व की 93% कॉफी उत्पादन और 63% कॉफी उपभोग का प्रतिनिधित्व करता है।
  • वर्तमान में भारत सहित 43 कॉफी निर्यातक देश और 6 कॉफी आयातक देश इस संगठन के सदस्य हैं।

भारतीय कॉफी बोर्ड के बारे में:

  • यह एक संवैधानिक संगठन है जिसका गठन कॉफी अधिनियम, 1942 के तहत किया गया था।
  • यह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
  • इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित कुल 33 सदस्य शामिल हैं, जो मुख्य कार्यकारी हैं।
  • के.जी. जगदीश वर्तमान में, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया’ के सीईओ हैं।
  • इस बोर्ड का संचालन बंगलूरू, कर्नाटक से होता है।

कॉफी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • स्टेटिस्टा साइट के अनुसार, वर्तमान में ब्राज़ील कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया, इथियोपिया और होंडुरास के बाद भारत दुनिया में कॉफी का छठा सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • भारत के पश्चिमी और पूर्वी घाट कॉफी उत्पादन के लिए पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र हैं।
  • भारत में कुल कॉफी उत्पादन का लगभग 65% से 70% निर्यात किया जाता है और शेष कॉफी का घरेलू स्तर पर उपभोग किया जाता है।
  • भारत के कुल कॉफी उत्पादन का लगभग 70% भाग कर्नाटक में उगाया जाता है।
  • कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश (अराकू घाटी), ओडिशा, मणिपुर, मिज़ोरम और अन्य पूर्वोत्तर राज्य भारत में कॉफी बागान क्षेत्र हैं।
  • भारत में कॉफी की प्रमुख किस्में अरेबिका और रोबस्टा हैं।

इस सम्मेलन का भारत के लिए महत्त्व:

  • वैश्विक कॉफ़ी सम्मेलन से अंतरराष्ट्रीय कॉफ़ी बाज़ारों, घरेलू बाज़ारों में भारत की क्षमता और प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
  • भारत की कॉफ़ी निर्यात की मात्रा और मूल्यों में वृद्धि होगी।

                                           --------------------------------------

मुख्य परीक्षा प्रश्न

भारत में कॉफ़ी उत्पादन हेतु प्रमुख भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए