
भारत में रूसी बैंको के वोस्ट्रो खातों की बढ़ोत्तरी
भारत में रूसी बैंको के वोस्ट्रो खातों की बढ़ोत्तरी
मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन : पेपर III
(विदेशी बैंकों से संबंधित आर्थिक गतिविधियां)
चर्चा में क्यों:
- हाल ही में रोसबैंक, टिंकॉफ बैंक, सेंट्रो क्रेडिट बैंक और क्रेडिट बैंक ऑफ मॉस्को सहित 20 रूसी बैंकों ने भारत में भागीदार बैंकों के साथ स्पेशल रूपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (एसआरवीए) खोले हैं।
प्रमुख बिंदु:
- हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड और कैनरा बैंक लिमिटेड को रूस के साथ व्यापार करने के लिए एक विशेष "वोस्ट्रो खाता" खोलने की अनुमति दी।
- जुलाई 2022 में भारत और रूस के बीच व्यापार हेतु रुपए में भुगतान करने के लिये दो भारतीय बैंकों (यूको बैंक और इंडसइंड बैंक) में नौ विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गयी थी।
- रूस के दो सबसे बड़े बैंक ‘स्बेर बैंक’ और ‘वीटीबी’ बैंक ऐसे पहले विदेशी ऋणदाता बैंक हैं जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक लेन-देन करने की मंजूरी दी गयी है।
- भारत में अधिकृत बैंकों को विदेशी बैंकों से व्यापार का अनुमोदन केंद्रीय बैंक से लेना होता है।
क्या होते हैं स्पेशल रूपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (एसआरवीए):
वोस्ट्रो खाता:
- वोस्ट्रो एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है "आपका", इसलिए, एक वोस्ट्रो खाते का अर्थ है कि यह "आपका खाता" है।
- वोस्ट्रो खाता नोस्ट्रो खाता का एक अन्य नाम है। यह एक बैंक द्वारा नियोजित खाता है जो ग्राहकों को दूसरे बैंक की ओर से पैसा जमा करने की सुविधा प्रदान करता है।
- उदाहरण के तौर पर, यदि कोई अमेरिकी जीवन बीमा कंपनी किसी भारतीय बैंक से उसकी ओर से धन का प्रबंधन करने के लिए कहती है, तो यह वोस्ट्रो खाते का एक उदाहरण होगा।
- इस तरह के खाते का एक उदाहरण HSBC वोस्ट्रो खाता भारत में SBI द्वारा संचालित किया जाता है।
- वोस्ट्रो खाते के माध्यम से घरेलू बैंक, विदेशी बैंकों के ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।
- वोस्ट्रो खाते से निम्नलिखित आर्थिक गतिविधियां निष्पादित की जाती हैं:
- वायर ट्रांसफर निष्पादित करना
- विदेशी विनिमय करना
- जमा और निकासी करना
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना
- यह खाता विदेशी लेन-देन या विदेशी व्यापार के निपटान में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
- भारत में आरबीआई द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, वोस्ट्रो खाते पर कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ केवल तभी विदेशी बैंक दिया जाता है जब इसकी विशेष रूप से मंजूरी दी गयी हो।
नोस्ट्रो खाता:
- नोस्ट्रो एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है "हमारा", इसलिए, एक नोस्ट्रो खाते का अर्थ है कि यह "हमारा खाता" है।
- नोस्ट्रो खाता से अभिप्राय एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक में खोले गए खाता से है। इससे ग्राहकों को किसी दूसरे बैंक के खाते में पैसा जमा करने की सुविधा मिलती है । इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी बैंक की विदेश में कोई शाखा नहीं होती है।
- खाता खोलने वाले बैंक के लिए नोस्ट्रो खाता ही एक वोस्ट्रो खाता होता है।
- जब कोई व्यक्ति वोस्ट्रो खाते में रुपए जमा करता है तब उसके रुपए को खाताधारक के बैंक में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
- नोस्ट्रो और वोस्ट्रो दोनों खाते हमेशा विदेशी मूल्य वर्ग में ही खोले जाते हैं।
- घरेलू मुद्रा में वोस्ट्रो खातों को बनाए रखा जाता है, जबकि विदेशी मुद्रा में नोस्ट्रो खाते।
लोरो खाता:
- एक लोरो खाता एक चालू खाता है जो एक घरेलू बैंक द्वारा किसी अन्य घरेलू बैंक के लिए किसी तीसरे पक्ष के खाते के रूप में बनाए रखा जाता है, जो कि नोस्ट्रो और वोस्ट्रो के विपरीत होता है। यह एक प्रकार का द्विपक्षीय पत्राचार है।
रुपया भुगतान प्रणाली:
- भारत में अधिकृत बैंकों को ही स्पेशल रूपी वोस्ट्रो अकाउंट्स (एसआरवीए) खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से जारी रखता है)।
- इस भुगतान प्रणाली के माध्यम से भारतीय आयातक भारतीय रुपए में भुगतान करते हैं, इसमें विदेशी विक्रेता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये चालान भागीदार देश के अधिकृत बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाता है।
- इस भुगतान प्रणाली के मध्ययम से भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के अधिकृत बैंक के नामित विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा शेष राशि से निर्यात का भुगतान भारतीय रुपए में किया जाता है।
- इस भुगतान प्रणाली के माध्यम भारतीय निर्यातक विदेशी आयातकों से भारतीय रुपए में निर्यात के लिए अग्रिम भुगतान भी प्राप्त कर सकते हैं।
- निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान की ऐसी किसी भी प्राप्ति की अनुमति देने से पहले भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन खातों में उपलब्ध धनराशि का उपयोग पहले से ही निष्पादित विशेष भुगतान दायित्वों के लिए ही किया जाता है।
- विशेष वोस्ट्रो खातों में जमा शेष राशि का उपयोग निम्नलिखित आर्थिक गतिविधियों के लिए ही किया जा सकता है:
- परियोजनाओं और निवेशों हेतु भुगतान,
- निर्यात/आयात अग्रिम प्रवाह प्रबंधन,
- सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश आदि।
मौजूदा रुपया भुगतान प्रणाली:
- वर्तमान में भारत नेपाल और भूटान जैसे देशों को छोड़कर अन्य देशों से निर्यात या आयात का लेन-देन हमेशा एक विदेशी मुद्रा में ही करता है।
- वर्तमान में भारत को आयात के मामले में विदेशी कंपनियों को विदेशी मुद्रा में ही भुगतान करना पड़ता है। भारत को विदेशी कंपनियों को भुगतान करने हेतु पर्याप्त विदेशी मुद्रा का भंडार रखना पड़ता है।
- यह विदेशी मुद्रा भंडार भारतीय कंपनियों को विदेशी मुद्रा जैसे डॉलर, यूरो, पाउंड, येन आदि के रूप में वस्तुओं के निर्यात से प्राप्त होता रहता है।
मौजूदा रुपया भुगतान प्रणाली के लाभ :
- विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- वैश्विक व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- प्रतिबंध भुगतान संबंधी मुद्दों को हल करना आसान हो जाएगा।
- विदेशी मुद्रा में उतार चढ़ाव के जोखिम को कम किया जा सकेगा।
- रुपए-मूल्य की गिरावट को रोका जा सकेगा।
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प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:
मुद्रा भुगतान प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- भारत में अधिकृत बैंकों को विदेशी बैंकों से व्यापार का अनुमोदन केंद्रीय बैंक से लेना होता है।
- नोस्ट्रो और वोस्ट्रो दोनों खाते विदेशी मूल्य वर्ग में खोले जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: विकल्प C
मुख्य परीक्षा प्रश्न:
भारत की विदेशी मुद्रा भुगतान प्रणाली के बारे में लिखिए।