भारत में पर्यटन क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां

भारत में पर्यटन क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3

(भारतीय अर्थव्यवस्था: पर्यटन क्षेत्र संबंधी मुद्दे)

15 जून, 2023

भूमिका:

  • भारत का पर्यटन उद्योग कोविड के निराशाजनक दौर से निकल कर लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन ‘भारत पर्यटन सांख्यिकी रिपोर्ट 2022’ सहित अन्य रिपोर्टों के अनुसार, भारत का पर्यटन उद्योग वर्तमान में भी दुनिया के छोटे-छोटे देशों से बहुत पीछे है।

भारत का पर्यटन क्षेत्र:

  • भारत के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो देश में पर्यटन के विभिन्न आयामों को आगे बढ़ाते दिख रहे हैं।
  • विविधताओं से भरे भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की संस्कृति, संगीत, हस्तकला, खानपान से लेकर नैसर्गिक सुंदरता हमेशा से देसी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही हैं।
  • देश में विभिन्न पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इनमें समुद्र तट पर्यटन, हिमालय पर्यटन, साहसिक पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, विरासत पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, विवाह स्थल पर्यटन, खेल पर्यटन, रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट, गांधी सर्किट पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत पर्यटन, जिओ-हेरिटेज पर्यटन, योग, आयुर्वेद और चिकित्सा पर्यटन आदि प्रमुख हैं।

वर्तमान में भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति:

  • वैश्विक पर्यटन सूचकांक, 2022 में भारत का स्थान 54 वां है। दुनियाभर के कुल पर्यटकों में से लगभग 1.64 फीसद विदेशी पर्यटक ही भारत आते हैं।
  • गौरतलब है कि विश्व आर्थिक मंच ने इस सूचकांक में सुरक्षा के मामले में भारत को 114वें स्थान पर रखा गया है।
  • वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के नवीनीकरण के बाद पिछले साल पर्यटकों की संख्या सात करोड़ से अधिक दर्ज हुई।
  • केदारनाथ घाटी में पुनर्निर्माण से पहले यहां आने वाले 4-5 लाख तीर्थयात्रियों की तुलना में पिछले साल 15 लाख श्रद्धालु आए हैं।
  • ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण पूरा होने के एक साल के भीतर 27 लाख पर्यटकों ने यहां भ्रमण किया है।
  • जनवरी,2022 में आए दो लाख पर्यटकों की तुलना में जनवरी, 2023 में आठ लाख विदेशी पर्यटक भारत आए।
  • भारत आने वाले विदेशी पर्यटक औसतन सत्रह सौ डालर खर्च करते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्री अमेरिका में औसतन ढाई हजार डालर और आस्ट्रेलिया में लगभग पांच हजार डालर खर्च करते हैं।

भारत के पर्यटन क्षेत्र में पिछड़ने के कारण एवं चुनौतियां:

वर्तमान में भारत को दुनिया का प्रमुखतम पर्यटन देश होना चाहिए था, लेकिन वह पीछे है। इसके कई कारण हैं:

  • देश के कई हिस्सों के साथ संपर्क और आवश्यक पर्यटन सुविधाओं की कमी होना। इन बुनियादी ढांचों की कमी के कारण कई बार पर्यटकों को वांछित पर्यटन स्थानों पर पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसके परिणामस्वरूप भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या बहुत कम रहती है।
  • देश में ऐसे कई अच्छे पर्यटन स्थल मौजूद हैं, जो सर्वेक्षणों, अवसंरचना और संपर्क की कमी के कारण अभी भी लोगों की पर्यटन जानकारी से दूर हैं।
  • चूंकि पर्यटन उद्योग की ऊंचाई नए पर्यटन पाठ्यक्रमों से सुसज्जित युवाओं के कौशल पर निर्भर है और इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन अब तक देश के कोने-कोने में प्रशिक्षित पर्यटक मार्गदर्शकों की उपलब्धता की कमी है।
  • पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित व्यक्तियों की कम संख्या भारत के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी चुनौती है।
  • ऐसे में देशभर में स्थित पर्यटन सूचना केंद्रों को सही ढंग से प्रबंधित न किए जाने के कारण घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करना काफी मुश्किल हो जाता है। देश में ई-वीजा सुविधा जरूर शुरू की गई है, पर इसके बावजूद अब भी भारत में आने वाले अधिकांश पर्यटक और आगंतुक वीजा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को काफी जटिल मानते हैं।
  • भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों को भी जिस तरह कई बार लूट और चोरी आदि का सामना करना पड़ता है और उसका प्रचार-प्रसार दुनिया भर में हो जाता है, जिसके कारण पर्यटकों के मन में देश की कानून-व्यवस्था को लेकर एक नकारात्मक छवि उत्पन्न होती है।
  • भारतीय पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती यह भी है कि पर्यटन क्षेत्र में बहु-व्यंजन रेस्तरां, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं, सार्वजनिक परिवहन और स्वच्छता संबंधी कई कमियां भी हैं।
  • हालांकि, बीते कुछ वर्षों में भारत ने अपने पर्यटन क्षेत्र के प्रचार में काफी वृद्धि की है, पर अब भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत के पर्यटन स्थलों को लेकर प्रचार और जागरूकता की कमी स्पष्ट दिखाई दे रही है।

पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु भारत सरकार की पहलें:

  • पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2023-24 के केंद्रीय बजट में 1742 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
  • केंद्र सरकार ने सीमा के पास स्थित गांवों के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ शुरू की है और गांवों के अनुकूल छोटे होटल और रेस्तरां जैसे व्यवसायों को सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है
  • भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ दर्शन के माध्यम से संपूर्ण विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है। यह दर्शन बहुपक्षवाद में भारत के अटूट विश्वास को परिलक्षित करता है।
  • भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए व्यंजन पर्यटन (Cuisine Tourism) की एक बेजोड़ विविधता भारत के ‘सॉफ्ट पावर’ को बढ़ाने और विदेशी राजस्व को आकर्षित करने का एक माध्यम बनती है।
  • टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 50 डेस्टिनेशन को चुना गया है, जहां सरकारी मदद दी जाएगी। इसके अलावा स्वदेश दर्शन स्कीम को बॉर्डर और गांव के टूरिज्म के लिए सेटअप किया जाएगा।
  • देश में पर्यटन सर्किट के विकास हेतु ‘स्वदेश दर्शन योजना’, विरासत स्थलों के विकास हेतु ‘हृदय’ योजना तथा धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास हेतु ‘प्रसाद’ योजना लाई गई है।
  • विदेशी पर्यटकों के आगमन को सरल बनाने पर बल देते हुए सरकार ने 166 देशों के लिए ई-वीजा व्यवस्था की शुरूआत की है। 
  • पर्यटन मंत्रालय विदेशियों को आकर्षित करने के लिए पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्रों का भी इस प्रकार से विकास कर रहा है कि वे सुगम, सुरक्षित और आकर्षक स्थल बन सकें।
  • वहीं ‘धरोहर गोद लो’ योजना के द्वारा किसी विरासत को कॉर्पोरेट  जगत आदि को गोद दिया गया है। इसका उद्देश्य लोगों में अपनी विरासत के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को विकसित करके उन्हें इनसे जोड़ना है।
  • साथ ही सरकार द्वारा इस दिशा में अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा प्रदाता प्रमाणपत्र (Incredible India Tourist Facilitator Certification&IITFC) पोर्टल लॉन्च किया गया है। 
     

पर्यटन क्षेत्र का महत्व:

  • नागरिक सुविधाओं, अच्छी डिजिटल संपर्क, अच्छे होटल और अस्पतालों, साफ-सफाई और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे के माध्यम से भारत का पर्यटन क्षेत्र कई गुना बढ़ सकता है।
  • पर्यटन क्षेत्र की चुनौतियों के कारगर समाधान से भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत बन सकेगा।
  • इस समय जब भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और जनवरी 2023 से जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ दुनिया के विभिन्न देशों के अतिथि भी भारत में जी-20 की कार्य समूह की बैठकों में सहभागिता के साथ जिस तरह विभिन्न प्रदेशों के पर्यटन स्थलों में रुचि दिखा रहे हैं, उससे दुनिया में भारत के पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा।
  • देश में पर्यटन संबंधी प्रमुख समस्याओं के निराकरण से भारत का पर्यटन क्षेत्र वर्ष 2030 तक ढाई सौ अरब डालर तक की आमदनी प्राप्त करता दिखाई देगा। साथ ही दुनिया के अधिक देशों से अधिक विदेशी पर्यटकों को भारत में पर्यटन के लिए आकर्षित किया जा सकेगा।
  • भारत सरकार ने समावेशी विकास के माध्यम से 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिए 56 अरब डालर विदेशी मुद्रा अर्जित करने और लगभग 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह साकार होता दिखाई देगा।
  • सरकार ने स्वतंत्रता के सौवें साल तक भारत को एक लाख करोड़ डालर की पर्यटन अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने का जो लक्ष्य रखा है, वह पूरा किया जा सकेगा।

आगे की राह:

  • पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हेतु प्रत्येक राज्य को अपनी पर्यटन नीति में परिवर्तन करने की जरूरत है।
  • वर्तमान में भारत में पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निर्धारित तरीके से हट कर सोचने और आगे की योजना बनाने की आवश्यकता है।
  • ताजा बजट के अनुसार, पचास ऐसे पर्यटन स्थलों को विकसित करना होगा, जहां दुनिया का हर पर्यटक भारत आने को आकर्षित हो।
  • संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध सभी भाषाओं में भारतीय पर्यटन स्थलों के लिए ऐप भी विकसित करना होगा, ताकि पर्यटक ऐप के माध्यम से सटीक जानकारी प्राप्त करके पर्यटन स्थलों तक पहुँच सके।

स्रोत- जनसत्ता

                                                 ------------------------------

पीसीएस एवं आईएएस की मुख्य परीक्षाओं हेतु प्रश्न

  1. भारतीय पर्यटन क्षेत्र के समक्ष विभिन्न चुनौतियों की विवेचना कीजिए।
  2. पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।