कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता फ्रेमवर्क

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता फ्रेमवर्क

प्रिलिम्स के लिए महत्वपूर्ण

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF), जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर अंतर सरकारी विज्ञान-नीति मंच (IPBES), जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (IPCC-AR 6), COP-15, जैव-विविधता पर कन्वेंशन (CBD)

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण

पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण पर कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता अवसंरचना का प्रभाव एवं प्रासंगिकता

26 अक्टूबर, 2023

चर्चा में क्यों:

  • हाल ही में, नैरोबी, केन्या में वैज्ञानिक, तकनीकी और तकनीकी सलाह पर सहायक निकाय (SBSTTA-25) की 25 वीं बैठक में कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क से संबंधित महत्वपूर्ण सिफारिशों को अपनाया गया।
  • ये सिफारिशें जैव-विविधता हानि, जलवायु परिवर्तन, महासागरीय अम्लीकरण, मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण, आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ और प्रदूषण संकट से संबंधित हैं।

सिफारिशें:

  • इन चुनौतियों को सुसंगत और प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिये समूह ने जैविक विविधता पर अभिसमय  (CBD) के 16वें सम्मेलन(COP16) में प्रस्तुति के लिये 15 प्रमुख बिंदुओं को अंतिम रूप दिया।
  • यह दृष्टिकोण अभिसमय, कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता फ्रेमवर्क और अन्य वैश्विक पहल, जैसे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क अभिसमय तथा सतत् विकास लक्ष्य 2030, के साथ संरेखित है।
  • इसके अलावा बैठक में “कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता फ्रेमवर्क” को लागू करने में वैज्ञानिक और तकनीकी मार्गदर्शन बढ़ाने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा खाद्य एवं कृषि संगठन सहित अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया।

वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रावैधिकी सलाह पर सहायक निकाय (SBSTTA):

  • जैव-विविधता पर कन्वेंशन का अनुच्छेद 25 बिना किसी निश्चित अवधि वाली एक अंतर-सरकारी वैज्ञानिक सलाहकार निकाय की स्थापना करता है जिसे वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रावैधिकी सलाह पर सहायक निकाय (SBSTTA) के रूप में जाना जाता है।
  • इसका उद्देश्य पार्टियों के सम्मेलन (COP) और इसके अन्य सहायक निकायों को कन्वेंशन के कार्यान्वयन के संबंध में समय पर सलाह प्रदान करना है।

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव-विविधता फ्रेमवर्क(जीबीएफ)

बारे में:

  • यह एक ऐतिहासिक समझौता है जो जैविक विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (CBD) के पक्षकारों द्वारा 15वें कॉप सम्मेलन (COP15) में 19 दिसंबर, 2022 को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढांचा (GBF) के तौर पर अपनाया गया था।
  • COP15 चीन की अध्यक्षता और कनाडा की मेजबानी में संपन्न हुआ था।
  • यह फ्रेमवर्क, पिछली रणनीतिक योजनाओं पर आधारित, सतत् विकास लक्ष्यों की उपलब्धि का समर्थन करता है और वर्ष 2050 तक प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने वाले विश्व के लिए एक महत्त्वाकांक्षी मार्ग निर्धारित करता है।
  • जीबीएफ का लक्ष्य जैव विविधता के नुकसान को संबोधित करना, पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना और स्वदेशी अधिकारों की रक्षा करना है।

30x30 लक्ष्य:

  • COP15 में '30x30' लक्ष्य की अवधारणा को प्रस्तुत किया गया, जो वर्ष 2030 तक पृथ्वी पर भूमि और महासागरों की संरक्षित स्थिति का 30% वहन करेगा। इस अवधारणा में प्रकृति के नुकसान को रोकने और ख़राब पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षण में रखना शामिल है।

मुख्य लक्ष्य:

फ्रेमवर्क में वर्ष 2050 के लिये चार लक्ष्य और वर्ष 2030 के लिये 23 लक्ष्य शामिल हैं।

जीबीएफ में प्रकृति की रक्षा के लिए चार व्यापक वैश्विक लक्ष्य शामिल हैं:

  • खतरे में पड़ी प्रजातियों के मानव-प्रेरित विलुप्त होने को रोकना और 2050 तक सभी प्रजातियों के विलुप्त होने की दर को दस गुना कम करना;
  • यह सुनिश्चित करने के लिए जैव विविधता का सतत उपयोग और प्रबंधन कि लोगों के लिए प्रकृति के योगदान को महत्व दिया जाए, बनाए रखा जाए और बढ़ाया जाए;
  • आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों का उचित साझाकरण, और आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम जानकारी;
  • और जीबीएफ को लागू करने के पर्याप्त साधन सभी पक्षों, विशेष रूप से अल्प विकसित देशों और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों के लिए सुलभ हों।

जीबीएफ में 2030 तक हासिल करने के लिए 23 लक्ष्य भी शामिल हैं:

  • विश्व की कम से कम 30 प्रतिशत भूमि, तटीय क्षेत्रों और महासागरों का प्रभावी संरक्षण और प्रबंधन करना।
  • वर्तमान में, 17 प्रतिशत भूमि और 8 प्रतिशत समुद्री क्षेत्र संरक्षण में हैं।
  • स्थलीय और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के 30 प्रतिशत की बहाली करना।
  • उच्च जैव विविधता महत्व और उच्च पारिस्थितिक अखंडता वाले क्षेत्रों के नुकसान को लगभग शून्य तक कम करना।
  • वैश्विक खाद्य बर्बादी को आधा करना।
  • जैव विविधता को कम से कम $500 बिलियन प्रति वर्ष नुकसान पहुंचाने वाली सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना या उसमें सुधार करना, साथ ही जैव विविधता संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के लिए सकारात्मक प्रोत्साहन बढ़ाना।
  • जैव विविधता से संबंधित वित्त पोषण के लिए सार्वजनिक और निजी स्रोतों से प्रति वर्ष कम से कम $200 बिलियन जुटाना।
  • विकसित से विकासशील देशों में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह को कम से कम 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष तक बढ़ाना।
  • अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को अपने संचालन, पोर्टफोलियो, आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाओं के माध्यम से जैव विविधता पर जोखिमों और प्रभावों की निगरानी, ​​​​आकलन और पारदर्शी रूप से खुलासा करने की आवश्यकता है।

कुनमिंग जैव-विविधता कोष:

  • विकासशील देशों में जैव-विविधता संरक्षण चीन द्वारा 233 मिलियन अमेरिकी डॉलर के नए कोष के गठन का समर्थन किया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक पर्यावरण सुविधा (Global Environment Facility- GEF) पहले से ही विकासशील देशों को हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहायता करती है।

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मुख्य परीक्षा

पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण पर कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क का प्रभाव एवं प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए।