पीएम विश्वकर्मा योजना

पीएम विश्वकर्मा योजना

भारतीय शिल्पकला को नई दिशा देने का प्रयास

मुख्य परीक्षा:सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2

(सामाजिक न्याय)

चर्चा में क्यों:

  • हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को मंजूरी प्रदान की है।

प्रमुख बिंदु:

  • इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त, 2023 को लाल किले से की गई थी।
  • इस योजना के माध्यम से देश के छोटे कामगारों को आर्थिक मदद दी जाएगी।
  • यह योजना 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर शुरू की जाएगी।
  • इस योजना के अंतर्गत छोटे कामगारों को लोन से लेकर ट्रेनिंग, एडवांस टेक्नोलॉजी की जानकारी, स्किल से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
  • इस योजना के लिए वर्ष 2023-24 से 2027-28 के बीच 13,000 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी गई है।
  • इस योजना के तहत शिल्पकारों को एक लाख रुपए तक का लोन 5% की ब्याज पर दिया जाएगा
  • 30 लाख शिल्पकार परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • इस योजना में लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं

पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में:

  • भारतीय संस्कृति में शिल्पकला एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो न केवल कला का प्रतीक होती है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिष्ठा को भी दर्शाती है। भारतीय शिल्पकला के उत्कृष्ट उदाहरण न केवल यहाँ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। परंतु, कई सामाजिक और आर्थिक कारणों से, यह कला धरोहर धीरे-धीरे बिखर रही है।

मुख्य उद्देश्य:

  • शिल्पकला को प्रोत्साहित करना: योजना का प्रमुख उद्देश्य भारतीय शिल्पकला को प्रोत्साहित करना है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कला विभिन्न राज्यों में विशिष्ट शैलियों और पारंपरिक तकनीकों के साथ जुड़ी हुई है, जिन्हें संरक्षित रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • कलाकारों को सहायता: योजना के अंतर्गत, कलाकारों को वित्तीय सहायता और व्यावसायिक ट्रेनिंग की प्राप्ति करने का अवसर प्रदान किया जाता है। इससे कलाकार अपनी कला को आगे बढ़ाने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  • आधुनिकता की दिशा में प्रोत्साहन: योजना के अंतर्गत, कलाकारों को आधुनिक तकनीकों और डिजाइन के साथ अवगत किया जाता है, ताकि उन्हें अपनी कला को आधुनिकता की दिशा में विकसित करने का माध्यम मिल सके।
  • कला के शिक्षा क्षेत्र में सुधार: योजना के तहत, कला के शिक्षा क्षेत्र में भी सुधार किया जाता है ताकि नए पीढ़ियों को बेहतर और आधुनिक शिक्षा प्राप्त हो सके।
  • इस योजना  का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करना है। इस योजना के जरिए बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा।

निष्कर्ष:

  • 'पीएम विश्वकर्मा योजना' एक ऐतिहासिक कदम है जो भारतीय शिल्पकला को उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर करने के लिए उठाया गया है। यह योजना कलाकारों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों और डिजाइन के साथ अवगत कराकर उनकी कला को नए दर्शनियों की दिशा में विकसित करने में भी सहायता प्रदान करेगी। इससे भारतीय शिल्पकला को सांस्कृतिक और आर्थिक मान्यता मिल सकती है और यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत की नवीनतम तकनीकों के साथ मेलकर आगे बढ़ सकती है।
  • इस प्रकार, 'पीएम विश्वकर्मा योजना' ने भारतीय शिल्पकला के विकास में एक नई दिशा प्रदान की है, जिससे यह समृद्धि, सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता के संगम को प्रस्तुत कर सकती है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

पीएम विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिए