
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन-3
(कल्याणकारी योजनाएंऔरभारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दे एवं चुनौतियां)
ख़बरों में क्यों ?
- हाल ही में भारत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देशबनाहै।
प्रमुख बिंदु:
- केंद्र सरकार देश में तटीय समुदाय के लोगों विशेषकर समुद्री मछुआरों के जीवन की गुणवत्ता और आर्थिक कल्याण में सुधार लाने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।
- भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है और विश्व का आठ प्रतिशत मछली उत्पादन भारत में होता है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत के बाद से देश में मछली उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।
- देश में 2021-22 में मछली उत्पादन 162 लाख टन से अधिक रहा जो 2019-20 में लगभग 141 लाख टन था।
- इसी अवधि में मूल्य की दृष्टि से मछली का निर्यात 46 हजार 662 करोड़ रुपये बढ़कर 57 हजार 586 करोड़ रुपये हो गया।
- मत्स्य पालन स्थायी आजीविका प्रदान करने में सक्षमजैसा कि भारत विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ता है और विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है, भारतीय मत्स्य क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
- भारत पहले ही तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक और मछली और मत्स्य उत्पादन का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।
- इसने वित्त वर्ष 2021-22 में 10.34% की दो अंकों की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है और निकट भविष्य में और अधिक वृद्धि के साथ 162.48 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन तक पहुंच गया है।
- यह क्षेत्र 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को स्थायी आजीविका प्रदान करता है जो ज्यादातर हाशिए पर और कमजोर समुदायों के भीतर हैं और गरीबों और दलितों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों में स्थायी सुधार लाने में सहायक रहे हैं।
- बजट में विशेष प्रावधान2022-23 के दौरान मत्स्य पालन विभाग के लिए 1624.18 करोड़ रुपये और 2021-22 के दौरान 1360 करोड़ रुपये के मुकाबले 2248.77 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट की तुलना में 38.45% की समग्र वृद्धि को दर्शाता है और यह विभाग के लिए अब तक के सबसे अधिक वार्षिक बजटीय सहयोग में से एक है।
- इसके अलावा इसयोजना के तहत मत्स्य पालन के लिए 6,000 करोड़ रुपये का लक्षित निवेश है, जिसका उद्देश्य मछुआरे, मछली विक्रेता और मत्स्य क्षेत्र में लगे सूक्ष्म और लघु उद्यमी की आय को और बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के बारे में:
- यहमत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक सतत विकास योजना है, जिसे 5 वर्ष की अवधि के दौरानवर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक के लिया 10 सितंबर 2020 कोशुरू किया गया था।
- इस योजना का मुख्य आदर्श वाक्य मत्स्य पालन क्षेत्र में 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' है।
- इस योजना को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जाना है।
- इस योजना के तहत 2024-25 तक 55 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
- इस योजना के अंतर्गत 20,050 करोड़ रुपए का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे अधिक निवेश है।
- इस योजना के तहत मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा का लाभ भी प्रदान किया जाता है।
उद्देश्य:
- ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तीव्र गति प्रदान करना।
- मूल और विस्तृत बुनियादी ढाँचा का विस्तार करना।
- मछली पकड़ने के बंदरगाहों और लैंडिंग केंद्रों को बढ़ावा देना।
- पोस्ट हारवेस्ट हानि को कम करने के लिएपोस्ट हारवेस्ट सुविधाओं का प्रावधान करना।
- कोल्ड चेन की सुविधा का विस्तार करना।
- स्वच्छ मछली बाजारों का विकास करना।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनाका प्रभाव
- इस स्कीम के माध्यम से वर्ष 2018-19 में होनें वाले मत्स्य उत्पादन 137.58 लाख मीट्रिक टन को बढाकर 2024-25 तक 220 लाख मीट्रिक टन करने में सहायता मिलेगी।
- पीएमएमएसवाई मत्स्य उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि को बनाए रखनें में मदद मिलेगी।
- पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के अंतर्गत मछली पालन क्षेत्र के जीवीए के कृषि जीवीए में योगदान को 2018-19 की अपेक्षा 7.28% से बढ़कर वर्ष 2024-25 तक लगभग 9 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी।
- वर्ष 2018-19 में मत्स्य निर्यात आय 46,589 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2024-25 तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपये करनें में मदद मिलेगी।
- वर्तमान समय में जलीय कृषि में उत्पादकता औसत 3 टन से बढ़ाकर लगभग 5 टन प्रति हेक्टेयर कर देगी।
- इस योजना के माध्यम से फसलों के नुकसान को रिपोर्ट किए गए 20-25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 10 प्रतिशत कर देगी।
- इस स्कीम द्वारा घरेलू मछली की खपत लगभग 5 से 6 किलोग्राम से बढ़ाकर लगभग 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करने में मदद मिलेगी।
मत्स्य क्षेत्र हेतु भारत सरकार के प्रयास:
- केंद्र सरकार के प्रयासकेंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के अलावा समुद्री अर्थव्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं। ऐसे में तटीय इकोसिस्टम के संरक्षण और समृद्धि के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
- केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नीली क्रांति, आर्थिक क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है और लाखों लोगों के लिए रोजगार, उत्पादन और निर्यात का जरिया बन रही है।
- इसके साथ ही केंद्र सरकार मछली पालन के काम में लगे लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दे रही है ताकि पूंजी की कमी से किसी भी तरह का व्यवधान पैदा न हो।
- वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने पहली बार आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत लक्षित मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने के लिए उद्यमियों द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देना शुरू किया है।
आगे की राह:
- मत्स्य पालन और मछली किसानों के हितों के लिए देश में मौजूदजलाशयों और प्राकृतिक संसाधनों कीवास्तविक क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए
- प्रौद्योगिकी व सार्वजनिक भंडारण तथा नदी एवं समुद्री पशुपालन कार्यक्रम द्वारा जल निकायों को बेहतर बनाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा मील सके।
- उत्पादकता के मामले में भारत को दुनियाभरमें शीर्ष पर लाने के लिएमत्स्य पालन में वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों को अपनाना चाहिए।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना क्या है? मत्स्य क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों के समाधान हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलों की चर्चा कीजिए।