सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में भारत का विकास

सेमीकंडक्टर्स के क्षेत्र में भारत का विकास

 

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन:2,3

(भारतीय प्रशासन तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी)

चर्चा में क्यों? 

उद्देश्य:

  • इस समझौते का उद्देश्य भारत और अमेरिका दोनों देशों की चीन और ताइवान जैसे खिलाड़ियों पर निर्भरता को भी कम करना है।
  • भारतकाअगलाउद्देश्यएकमजबूतसेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण करना।
  • देश में सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने के लिए एक सहयोगी तंत्र स्थापित करना। 

इस समझौते का भारत के लिए महत्व:

  • इस समझौते तहत अमेरिका भारत को सेमीकंडक्टर टेक्‍नोलॉजी देने में मदद करेगा।
  • यह भारत को व्यापार हेतु स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराएगा।
  • यह इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की आपूर्ति शृंखला में भारत की दुनियाभर में प्रमुख पहचान करने में मदद करेगा।
  • यह समझौता सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए लगभग 85 हजार प्रशिक्षित और उत्पादन के लिए तैयार कार्यबल बनाने में मदद करेगा।

भारत के समक्ष चुनौतियां:

  • भारी निवेशकों की कमी।
  • बहुत ही जटिल औरउच्च जोखिमवाली विनिर्माण प्रक्रिया
  • निरंतर निवेश की आवश्यकता
  • तीव्रता से बदलती प्रौद्योगिकी।
  • फैब्रिकेशन क्षमताओं काअभाव
  • सरकार से न्यूनतम वित्तीय सहायता प्राप्त होना।
  • प्रशिक्षित कार्मिकों का अभाव ।
  • ढांचागत सुविधाओं का अभाव
  • अच्छी चिप डिज़ाइन प्रतिभा का अभाव।
  • वर्तमान में भारत में सरकारी और निजी स्वामित्त्व वाली सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयांकेवलमोहाली, पंजाब में स्थित हैं।

सेमीकंडक्टर के मामले में भारत की स्थिति:

  • वर्तमान में भारतसभी प्रकार के चिप्स का आयात करता है और वर्ष 2025 तक इस बाज़ार के 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
  • हाल मेंभारत द्वारासेमीकंडक्टर चिप के घरेलू निर्माण हेतु निम्नलिखितपहलें शुरू की हैं:
  • केंद्र सरकारने वर्ष 2021 में 'सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र' के विकास और चिप निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहित करनेहेतु76,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
  • भारत ने सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के लिए‘स्कीम फॉर मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स’ शुरू की है।
  • वर्ष 2021 में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर चिप निर्माता 20 घरेलू कंपनियों को शिक्षित करने के लिएडिजाइनलिंक्ड इंसेंटिव योजना  शुरू की थी।
  • सेमीकंडक्टर चिप उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार द्वारा इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना की गई थी
  • यह मिशन भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया है।
  • भारत कोवर्ष 2026 तक 80 बिलियन अमेरिकी डॉलरऔर वर्ष 2030 तक 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर केसेमीकंडक्टर्सकी आवश्यकता होगी। 
  • गुजरात पहला राज्यगुजरात सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उत्पादन क्षेत्र में सहायता के लिए नीति घोषित करने वाला पहला राज्य है।
  • केंद्र सरकार की इस पहल के अंतर्गत गुजरात में चिप उत्पादन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए गुजरात सरकार ने सबसे पहले अपने राज्य में सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की थी।
  • भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग का वैश्विक हब बनाने के विजन के साथ केंद्र सरकार ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की।
  • इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत पिछले साल इजराइल के ISMC एनालॉग फैब ने सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाला संयंत्र स्थापित करने के लिए कर्नाटक में $3 बिलियन का निवेश करने की घोषणा की थी।
  • इसके बाद ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फॉक्सकॉन और स्थानीय समूह वेदांत द्वारा 19.5 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा भी की गई।
  • दोनों कंपनियों की भारत में चिप्स बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने की योजना है।

क्या है सेमीकंडक्टर और कहां प्रयोग होता है?

  • सेमीकंडक्टरएक चिप होती है और इसका प्रयोग मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, फ्रिज, टीवी व वॉशिंग मशीन व एसयूवी कार के पार्ट्स जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान में किया जाता है।

शीर्षसेमीकंडक्टर्स निर्माता देश:

  • ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन

आगे की राह  

  • इन सेमीकंडक्टरों और चिप्स का निर्माण हिस्सा एक बहुस्तरीय प्रक्रिया है।
  • इसमें आपूर्ति-श्रृंखला नेटवर्क, कच्चा माल, डिजाइनिंग, आईपी अधिकार, असेंबली, हाथ से काम और उपचार से संबंधित कई चरण शामिल हैं।
  • यह सब अकेले एक देश के लिए शुरू करना और वितरित करना संभव नहीं है।
  • इस दृष्टि से भारत ने अमेरिका के साथ जिस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, वह वैश्विक सेमीकंडक्टर केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षाओं में एक बहुत ही सकारात्मक पहल विकास है।
  • दुनिया में कुछ ही देश हैं जो इस चिप का निर्माण करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और नीदरलैंड इसके अग्रणी निर्माता और निर्यातक हैं। अतः भारत को भी इस अवसर का ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठाना चाहिए। 

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

हालहीमें भारत ने सेमीकंडक्टरआपूर्ति हेतु अमेरिका के साथ समझौता किया है।सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत की प्रमुख पहलों का उल्लेख कीजिए।