वस्त्र क्षेत्र से संबंधित पीएम मित्र योजना

 

वस्त्र क्षेत्र से संबंधित पीएम मित्र योजना

 

मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन-2,3

(कल्याणकारी योजनाएंऔरभारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दे एवं चुनौतियां)

ख़बरोंमें क्यों

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने पीएम मित्र योजना के अंतर्गतदेश में सात नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने कानिर्णयलिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में वर्ष 2026-27 तक एक-एक पार्क की स्थापना की जाएगी।
  • वर्ष 2023-24 के बजट में इस परियोजना हेतु प्रारंभिक तौर पर 200 करोड़ रुपए आवंटितगए थे।
  • लेकिनइन पार्कों के घोषणा के बाद इस पूरी परियोजना के लिएकुल परिव्यय 4,445 करोड़ रुपए का निर्धारण किया गया है।
  • इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार दोनोंकी निगरानी में सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड में एक विशेष प्रयोजन वाहनद्वारा पूराकिया जाएगा।
  • इस योजना के अंतर्गत बनने वाले प्रत्येक ‘मित्र’ पार्क में एक इन्क्यूबेशन सेंटर, कॉमन प्रोसेसिंग हाउस और एक कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट तथा अन्य टेक्सटाइल संबंधी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
  • कामगारों के लिए हॉस्टल व हाउसिंग, लॉजिस्टिक पार्क, वेयरहाउसिंग, मेडिकल, प्रशिक्षण व कौशल विकास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  • कपड़ा मंत्रालय प्रति पार्क कोविकास हेतु 500 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
  • राज्यों की पहचान चुनौती मार्ग के माध्यम से की जाती है और पीएम मित्रा पार्क कपड़ा उद्योग के लिए प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ एक स्थान पर सामूहिक रूप से मौजूद रहने और कपड़ा मूल्य श्रृंखला की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने के लिए सर्वश्रेष्ठ पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा।
  • 2030 के लिए दृष्टि उत्पादन में $250 बिलियन और कपड़ा, परिधान और संबंधित उत्पादों के निर्यात में $100 बिलियन का आर्थिक मूल्य प्राप्त करना है और यह प्राप्त करने योग्य है, भले ही उद्योग को चालू वर्ष में एक छोटे झटके का सामना करना पड़ा हो।

पीएम मित्र योजना के बारे में:

  • पीएम मित्र योजना का पूरा नाम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल योजनाहै
  • यहयोजना 5 एफविजनसे प्रेरित है - फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फैशन
  • यह योजनामेंआत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दृष्टि को पूरा करने और भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की क्षमताहै।

पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क का महत्व : 

  • पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क कपड़ा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा।
  • यह 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर द वर्ल्ड' का एक बेहतरीन उदाहरण होगा।
  • यह रसद लागत को कम करेगा और कपड़ा क्षेत्र की मूल्य शृंखला को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनने हेतु मज़बूत करेगा।
  • इन पार्कों के बनने से लगभग20 लाख लोगों कोरोज़गार मिलनेहोने की उम्मीद है।
  • इनपार्कों के बनने से देश मेंप्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि होगी।
  • अप्रैल 2000 से सितंबर 2020 तक भारत के कपड़ा क्षेत्र में लगभग 20,468.62 (कुल विदेशी निवेश प्रवाह का मात्र 0.69%)करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था।
  • यह क्लस्टर आधारित परियोजना कपड़ा क्षेत्र के बढ़ते अपव्यय को कम करेगी।

वर्तमान में वस्त्र उद्योगक्षेत्र में भारत कीस्थिति:

  • कपड़ा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्णक्षेत्रों में से एक है।
  • यह क्षेत्र भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के 2% से अधिक और विनिर्माण क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद के 12% से अधिक के लिये उत्तरदायी है।
  • भारतीयकपड़ा क्षेत्र में फाइबर से लेकर रेडीमेड कपड़ोंकीअलग-अलग मूल्यों वाली अनेक कैटगरीमौजूदहैं।
  • यह क्षेत्र भारत में कृषि के बाद लोगों को सबसे अधिकरोजगार प्रदान करता है। 
  • उदहारण के तौर पर यह क्षेत्र भारत में लगभग45 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और 60 मिलियन लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगारप्रदान करता है।
  • वैश्विक स्तर पर भारत निर्मित और गैर-निर्मित कपड़ों के निर्यात में छठा सबसे बड़ा निर्यातक देशहै।
  • भारत के वस्त्र उद्योग में कर्मचारियों की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है जिनमें से हथकरघा श्रमिकों की संख्या 35.22 लाख है। 

इस क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां: 

  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के अनुसार, वस्त्रों के उत्पादन में मार्च 2022 से लगातार गिरावट दर्ज की गई है।
  • मार्च 2022 में 118.5 के मुकाबले अक्तूबर 2022 में कपड़े का उत्पादन गिरकर 102.3 हो गया था।
  • भारत का वस्त्र उद्योग आयातक देशों द्वारा लगाए जा रहे भारीशुल्कों से होने वाले नुकसान से काफी प्रभावित होता है।

इसक्षेत्र से संबंधित भारत सरकार के अन्य कार्यक्रम/योजनाएं: 

  • वस्त्र मंत्रालय ने भारतीय वस्त्र उद्योग के आधुनिकीकरण एवं उससे संबंधित प्रौद्योगिकी के उन्नयन, व्यापार को आसान बनाने, रोजगार पैदा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के रूप में 1999 में प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (टीयूएफएस) की शुरुआत की थी।
  • वस्त्र क्षेत्र की बाधाओं को दूर करने के लिए इस योजना को 10 वीं पंचवर्षीययोजना के दौरान शुरू किया गया था
  • इस योजना के तहत पहला वस्त्र पार्क राजस्थान के वागारु में स्थापित किया गया था
  • कपड़ा क्षेत्र को क्षमतावान बनाने के उद्देश्य से इस योजना को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू किया गया था 
  • पावर-टेक्स इंडिया
  • यह योजना पावरलूम टेक्सटाइल में नए अनुसंधान और विकास, नए बाज़ार, ब्रांडिंग, सब्सिडी और श्रमिकों को लाभ देने के लिए शुरू की गयी थी।
  • रेशम समग्र योजना
  • यह योजना घरेलू रेशम की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधारके उद्देश्य से शुरू की गयी थी
  • जूट-आईसीएआरई
  • वर्ष2015 में जूट के लिए बेहतर खेती और उन्नत रिटिंग एक्सरसाइज के लिए जूट- आईसीएआरई शुरू किया गया था
  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन 
  • इसमिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक भारत को तकनीकी वस्त्रों में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना।

 कपड़ा और परिधान उद्योग के विकास हेतु सुझाव:

  • परिधान निर्माण और प्रसंस्करण के दौरान होने वाली त्रुटियों से बचाव हेतुसुरक्षित उपाय तलाशे जाने चाहिए।
  • वस्त्रों के आयात-निर्यात के मामले में भारत कोअंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को लागू करना चाहिए।
  • अच्छी गुणवत्ता वाले कपड़े के उत्पादन के लिए उत्पादन प्रक्रिया की कुशल और निरंतर ऑनलाइन निगरानी की जानी चाहिए।
  • परिधानों पर विभिन्न प्रकार के लेबल मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुरक्षा देने के लिहाज से मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।
  • यह देखा जाना चाहिए कि सभी डिलीवरी समय सीमा को पूरा कर रही हैं ताकि लौटाए गए माल की लागत कम से कम हो।
  • रसायनों और रंगों के सर्वोत्तम उपयोग के आधार पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले कपड़े और परिधान का उत्पादन करना। कपड़े की गुणवत्ता को GOTS आवश्यकताओं और विभिन्न अन्य निर्दिष्ट प्रमाणपत्रों को पूरा करना चाहिए।
  • महीने में कम से कम एक बार एम/सीएस का रखरखाव करना। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बहिःस्रावों का अच्छी तरह से उपचार किया जाता है ताकि पर्यावरण प्रदूषण कम हो।
  • नौकरी पर प्रशिक्षण प्रबंधन के निम्नतम और उच्चतम स्तर तक समान रूप से जाना चाहिए। तभी संगठन आगे बढ़ सकता है।
  • कपड़ा उद्योग में नवीनतम तकनीकों कोअपनाना चाहिए।
  • निम्नतम से उच्चतम क्रम तक कुल संगठनात्मक कार्यबल समान रूप से गुणवत्ता सुधार के लिए जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता साझा करता है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और चीनी और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से बढ़ती चुनौतियों के साथ, हमारे परिधान निर्यात उद्योग को वैज्ञानिक समाधान की आवश्यकता है।
  • कपड़ा इकाइयों में पर्यवेक्षकों की वैध और वास्तविक समस्याओं को दूर करने के लिए प्रबंधन को त्वरित और तत्पर होना चाहिए। खरीदार की गुणवत्ता की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें अनियोजित पर्यवेक्षण के बजाय अधिक परिपक्व नेतृत्व की आवश्यकता है।
  • नौकरी छूटने के डर को खत्म किया जाना चाहिए और नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए।
  • लोगों को अधिक कपड़े पहनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

निष्कर्ष:

  • भारतीय कपड़ा उद्योग और परिधान उद्योग के विकास के लिए और आज के प्रतिस्पर्धी विश्व बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए मानक मानदंडों का सख्ती से पालन करना चाहिए। उचित निर्यात आय अर्जित करने के लिए, और खरीदारों की मांगों को पूरा करने के लिए गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन और समय पर डिलीवरी सफलता की कुंजी है।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

पीएम मित्र योजना क्या है? वस्त्र उद्योग से संबंधित चुनौतियों के समाधान हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलों की चर्चा कीजिए।