
हवाना सिंड्रोम का दुनियाभर में प्रभाव
हवाना सिंड्रोम का दुनियाभर में प्रभाव
GS-3: स्वास्थ्य
(IAS/UPPCS)
प्रीलिम्स के लिए प्रासंगिक:
हवाना सिंड्रोम, रेडियोफ्रीक्वेंसी, सोनिक अटैक, इंटरमॉड्यूलेशन विरूपण, माइक्रोवेव हथियार, नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (NAS)।
मेंस के लिए प्रासंगिक:हवाना सिंड्रोम, मूल उत्पत्ति, लक्षण,कारण, प्रभाव एवं उत्पत्ति निष्कर्ष।
03/04/2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
प्रसंग:
हालिया वर्षों में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से लेकर चीन तक दुनियाभर में एक रहस्यमयी बीमारी के कई मामले नोटिस किए गए हैं।
- इस बीमारी का सबसे अधिक प्रभाव विभिन्न देशों में मौजूद अमेरिकी दूतावासों के अधिकारियों में पाया गया है। इन अधिकारिओं ने अपने ऊपर ध्वनि तरंगों से हमला करने का आरोप लगाया है, इसके अलावा कनाडा के दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवारों द्वारा भी इस बीमारी की शिकायत की जा चुकी है।
- 2016 से 2021 के दौरान कोलंबिया, उज़्बेकिस्तान और चीन जैसे देशों में भी इस बीमारी के मामले सामने आए हैं।
- अमेरिका ने इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए कानून भी पास किया है। आइए जानते हैं कि आखिर इस बीमारी नाम क्या है? विशेषज्ञों ने इसे हवाना सिंड्रोम का नाम दिया है।
क्या है हवाना सिंड्रोम?
- आम तौर पर 'सिंड्रोम' शब्द का मतलब केवल लक्षणों का एक समूह होता है। यह कोई एक विशेष बीमारी नहीं है, बल्कि यह आमतौर पर एक साथ अनुभव किए जाने वाले लक्षणों का एक समूह है जिनके कारणों की पुष्टि करना अभी तक मुश्किल बना हुआ है।
- वर्तमान में यह मानसिक स्वास्थ्य लक्षणों का एक ऐसा समूह है जिसका प्रभाव विभिन्न देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका के खुफिया और दूतावास के अधिकारियों द्वारा अनुभव किया जाता रहा है।
इसकी मूल उत्पत्ति:
- इस सिंड्रोम को मूलत: वर्ष 2016 के अंत में क्यूबा के हवाना में पाया गया था। इसलिए इसे हवाना सिंड्रोम कहा जाता है।
- 2015 में दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने के एक साल बाद अमेरिका ने राजधानी हवाना में अपना दूतावास खोला।
- कुछ अमेरिकी खुफिया अधिकारियों और दूतावास के कर्मचारियों के दिमाग में अचानक दबाव बढ़ने लगा, जिसके बाद लगातार सिरदर्द, भटकाव और अनिद्रा की भावना पैदा होने लगी।
हवाना सिंड्रोम के लक्षण:
- हवाना सिंड्रोम से पीड़ित ज्यादातर लोगों ने तेज आवाज सुनी और सिर में बहुत तेज दबाव या कंपन महसूस किया है साथ ही उनके कान या सिर में दर्द हुआ है।
- इसके अलावा याददाश्त कमजोर होना, चक्कर आना, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, जी मिचलाना, कानों में घंटी बजना (टिनिटस), नाक से खून आना आदि लक्षणों को भी नोटिस किया गया है।
हवाना सिंड्रोम के कारण:
- वर्तमान समय में सिंड्रोम के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है।
- विशेषज्ञों के अनुसार रेडियोफ्रीक्वेंसी, सोनिक अटैक, इंटरमॉड्यूलेशन विरूपण, कीटनाशकों के संपर्क में आने से हवाना सिंड्रोम की समस्या होती है।
- वर्ष 2020 में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (NAS), US की एक रिपोर्ट में माइक्रोवेव विकिरण (Microwave Radiation) को हवाना सिंड्रोम का संभावित कारण बताया गया था।
हवाना सिंड्रोम का प्रभाव एवं जांच:
- इस बीमारी से अमेरिकी लोग अधिक शिकार हुए हैं।
- क्यूबा की घटना के बाद से, विभिन्न देशों में तैनात अमेरिकी खुफिया और विदेशी मामलों के अधिकारियों ने सिंड्रोम के लक्षणों की सूचना दी है।
- 2018 में चीन में अमेरिकी राजनयिकों द्वारा इसी तरह के आरोप लगाए गए थे।
- सितंबर 2017 में ताशकंद, उज्बेकिस्तान में अमेरिकी दूतावास में एक यूएसएआईडी कर्मचारी द्वारा रिपोर्ट की गई थी।
- अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में उसके अधिकारियों ने दुनिया भर में 130 से ज्यादा ऐसे अनुभव बताए हैं।
- भारत में इस तरह का पहला मामला 2017 में सामने आया था जब सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स के साथ नई दिल्ली की यात्रा कर रहे एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने हवाना सिंड्रोम के लक्षणों की सूचना दी थी।
- इस विषय पर कई शोध किए जा रहे हैं। आने वाले समय में हवाना सिंड्रोम के कारणों का सही पता चल पाएगा।
- हालाँकि, क्यूबा एक ऐसा देश है जो पाँच दशकों से अधिक समय से अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण रहा है, संदेह क्यूबा की खुफिया जानकारी या क्यूबा प्रतिष्ठान के भीतर एक वर्ग पर था जो नहीं चाहता था कि अमेरिका-क्यूबा संबंध सामान्य बने रहें। तब यह अनुमान लगाया गया था कि यह एक " ध्वनि हमला" था।
- हालाँकि, आगे के अध्ययनों से पता चलता है कि वे उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव के संपर्क में आ सकते हैं जो तंत्रिका तंत्र को या तो क्षतिग्रस्त कर देते हैं या उसमें हस्तक्षेप करते हैं।
हवाना सिंड्रोम के मामले:
- वर्ष 2021 में बर्लिन, पेरिस, जिनेवा, वियना, सर्बिया और भारत में देखे गए।
- वाशिंगटन डीसी (2019), चीन(अप्रैल 2018), हनोई-वियतनाम(2002), हवाना-क्यूबा(2016)।
माइक्रोवेव हथियार:
- उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव के अधिक संपर्क से न केवल शरीर के संतुलन की भावना में बाधा आती है, बल्कि याददाश्त पर भी असर पड़ता है और मस्तिष्क को स्थायी क्षति होती है।
- मोबाइल फोन से भी निम्न स्तर के माइक्रोवेव उत्सर्जित होते हैं लेकिन उन्हें लक्षित नहीं किया जाता है।
- यह संदेह था कि उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव की किरणों को एक विशेष गैजेट के माध्यम से भेजा गया था जिसे अमेरिकियों ने तब "माइक्रोवेव हथियार" कहा था।
- ऐसा कहा जाता है कि इससे मस्तिष्क के अंदर दबाव बनता था जिससे ध्वनि सुनाई देने का अहसास होता था।
- प्रति-खुफिया रणनीति के रूप में माइक्रोवेव के उपयोग का प्रयोग शीत युद्ध के बाद से किया गया है और रूस और अमेरिका दोनों ने इसे हथियार बनाने का प्रयास किया है।
माइक्रोवेव हथियार वाले देश:
- माना जाता है कि कई देशों ने मानव और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम दोनों को निशाना बनाने के लिए इन शस्त्रों को विकसित किया है।
- सर्वप्रथम चीन ने वर्ष 2014 में एक एयर शो में पॉली डब्ल्यूबी-1 नामक अपने माइक्रोवेव शस्त्र का प्रदर्शन किया था।
- अमेरिका ने एक प्रोटोटाइप माइक्रोवेव-स्टाइल शस्त्र भी विकसित किया है, जिसे वह "एक्टिव डेनियल सिस्टम" कहता है, जो पहला गैर-घातक, निर्देशित-ऊर्जा, काउंटर-कार्मिक प्रणाली है। इसकी विस्तारित सीमा वर्तमान में गैर-घातक शस्त्रों से अधिक है।
भारत में हवाना सिंड्रोम
- जुलाई 2023 तक, 2021 की घटना भारत में सिंड्रोम की एकमात्र रिपोर्ट की गई घटना थी।
- भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान का दावा है कि उन्हें ऐसी क्षमता वाले किसी भी हथियार के भारतीय एजेंसी के कब्जे में होने की जानकारी नहीं थी।
- भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि भारत द्वारा हवाना सिंड्रोम को अमेरिका के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का कोई कारण नहीं है।
निष्कर्ष:
- हवाना सिंड्रोम दुनियाभर में एक रहस्यात्मक बीमारी के तौर पर चर्चा में है। इस बीमारी के मूल कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। अमेरिका में कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसे सिंड्रोम के तौर पर एक मनोवैज्ञानिक बीमारी बताया है, जो लक्षित होने के व्यापक भय से फैलती है।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न:
दुनिया भर के राजनयिकों और दूतावासों को देशों के बीच शत्रुता के कारण विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ता है। दुनिया भर में हवाना सिंड्रोम की हालिया घटनाओं के आलोक में आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।