भारत एआई मिशन

भारत एआई मिशन

GS-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

(यूपीएससी/राज्य पीएससी)

प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

इंडिया एआई मिशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM), नीति आयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी (GPAI), AIRAWAT।

मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण:

भारत एआई मिशन के बारे में, इंडिया एआई मिशन का महत्त्व ।

11/03/2024

न्यूज़ में क्यों:

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले पांच वर्षों के लिए इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी है।

  • 10,371.92 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ यह मिशन भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत एआई मिशन के बारे में:

  • यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) की एक संयुक्त पहल है।
  • 28 मई 2020 को, इंडिया एआई एक ज्ञान पोर्टल, अनुसंधान संगठन और पारिस्थितिकी तंत्र-निर्माण पहल के तौर इसे लॉन्च किया गया था।
  • इस मिशन का कार्यान्वयन इंडिया एआई मिशन को डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) के तहत 'इंडियाएआई' स्वतंत्र व्यापार प्रभाग (आईबीडी) द्वारा किया जाएगा।
  • इंडिया एआई कंप्यूट क्षमता: पारिस्थितिकी तंत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्मित 10,000 या अधिक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) का एआई कंप्यूट बुनियादी ढांचा शामिल होगा।
  • इसके अलावा, एआई इनोवेटर्स को एक सेवा और पूर्व-प्रशिक्षित मॉडल के रूप में एआई की पेशकश करने के लिए एक एआई मार्केटप्लेस डिजाइन किया जाएगा।

इस मिशन का उद्देश्य:

  • भारत के एआई नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करने के उद्देश्य से सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से भारत एआई मिशन का एक संरचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रणनीतिक कार्यक्रमों और साझेदारी के माध्यम से एआई नवाचार को उत्प्रेरित करने वाला एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना।
  • भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न संस्थाओं को एकजुट करना और उनके साथ सहयोग को बढ़ावा देना।

इंडिया एआई मिशन का महत्त्व:

  • यह एआई नवाचार के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करेगा।
  • इंडिया एआई इनोवेशन सेंटर: यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वदेशी बड़े मल्टीमॉडल मॉडल (LMM)और डोमेन-विशिष्ट मूलभूत मॉडल के विकास और तैनाती का कार्य करेगा।
  • इंडिया एआई डेटासेट प्लेटफ़ॉर्म: प्लेटफ़ॉर्म एआई इनोवेशन के लिए गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक पहुंच को सुव्यवस्थित करेगा।
  • यह मिशन भारत की तकनीकी संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देगा और घरेलू क्षमताओं का निर्माण करेगा।
  • यह देश के जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने के लिए अत्यधिक कुशल रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
  • यह भारत के एआई पारिस्थितिकी तंत्र के जिम्मेदार, समावेशी विकास को बढ़ावा देगा।
  • इंडियाएआई मिशन भारत को दुनिया को यह दिखाने में मदद करेगा कि इस परिवर्तनकारी तकनीक का उपयोग सामाजिक भलाई के लिए कैसे किया जा सकता है और इसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया जा सकता है।
  • भारतीय स्टार्टअप और शोधकर्ताओं को गैर-व्यक्तिगत डेटासेट तक निर्बाध पहुंच के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए एक एकीकृत डेटा प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जाएगा।
  • यह पहल बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने की क्षमता वाले प्रभावशाली एआई समाधानों को अपनाने/विकसित करने/बढ़ाने/बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • इस मिशन की संकल्पना एआई कार्यक्रमों में प्रवेश की बाधाओं को कम करने के लिए की गई है और यह स्नातक, परास्नातक स्तर और पीएचडी में एआई पाठ्यक्रमों को बढ़ाएगी।
  • इंडिया एआई स्टार्टअप फाइनेंसिंग: इसकी संकल्पना डीप-टेक एआई स्टार्टअप को समर्थन और गति देने और उन्हें भविष्य की एआई परियोजनाओं को सक्षम करने के लिए फंडिंग तक सुव्यवस्थित पहुंच प्रदान करने के लिए की गई है।
  • सुरक्षित और विश्वसनीय एआई: सुरक्षित और विश्वसनीय एआई स्तंभ जिम्मेदार एआई परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सक्षम करेगा जिसमें स्वदेशी उपकरण और ढांचे का विकास, नवप्रवर्तकों के लिए स्व-मूल्यांकन चेकलिस्ट और अन्य दिशानिर्देश और शासन ढांचे शामिल हैं।

इंडिया AI मिशन के विकस हेतु भारत की पहल:

नीति आयोग का योगदान:

  • नीति आयोग ने 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए राष्ट्रीय रणनीति' पर चर्चा को प्रस्तुत किया है जो निजी क्षेत्र के सहयोग के माध्यम से देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आईसीटीएआई) के साथ उपकरणों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की स्थापना पर केंद्रित है।
  • नीति आयोग भारत का पहला AI-विशिष्ट क्लाउड कंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करेगा जिसे AIRAWAT कहा जाएगा।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, एनालिटिक्स और नॉलेज एसिमिलेशन (AIRAWAT) नामक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक साझेदारी (GPAI):

  • वर्ष 2020 में, भारत उभरती प्रौद्योगिकियों के निर्माण एवं उपयोग के लिए जीपीएआई के लिए 15 अन्य देशों के साथ शामिल हुआ है।
  • जनवरी 2024 में, नई दिल्ली में आयोजित  जीपीएआई शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता भारत द्वारा की गयी थी।
  • जीपीएआई 28 देशों का गठबंधन है; यूरोपीय संघ ने जीपीएआई की 'नई दिल्ली घोषणा' को अपनाया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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मुख्य परीक्षा प्रश्न:

भारत एआई मिशन और इसके महत्त्व पर चर्चा कीजिए।