
भारत-ईएफटीए समूह में करार
भारत-ईएफटीए समूह में करार
GS-2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध
(यूपीएससी/राज्य पीएससी)
प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:
ईएफटीए समूह, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI), इंडिया टीईपीए (TEPA)।
मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण:
ईएफटीए(EFTA) के बारे में, ईएफटीए-इंडिया टीईपीए (TEPA) समझौते के निहितार्थ, निष्कर्ष।
11/03/2024
न्यूज़ में क्यों:
हाल ही में, भारत और ईएफटीए समूह ने निवेश और वस्तुओं व सेवाओं के दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
ईएफटीए(EFTA) समझौते से संबंधित अन्य बिंदु:
- यह चार यूरोपीय देशों के साथ भारत का पहला एफटीए है जिसमें भारत ने निवेश और रोजगार में संभावनाओं को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
- ईएफटीए समूह के देश फार्मास्यूटिकल्स, विशेष रूप से चिकित्सा उपकरणों, कुछ रसायनों, खाद्य प्रसंस्करण और इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे क्षेत्रों में संयुक्त उद्यमों में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं।
- इसके तहत ईएफटीए समूह ने अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डालर के निवेश की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
- आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI)’ के अनुसार, भारत ने पिछले लगभग 10 वर्षों में स्विट्जरलैंड बेस्ड उत्पादों पर शुल्क हटाया है। गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के कुछ प्रसिद्ध घड़ी ‘ब्रांड’ में रोलेक्स, ओमेगा और कार्टियर हैं। स्विट्जरलैंड का ही ‘ब्रांड’ नेस्ले भारतीय FMCG (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुएं) बाजार की प्रमुख कंपनी और चाकलेट निर्माता है। यह भारतीय FMCG क्षेत्र में तीसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है।
महत्त्व:
- इस समझौते से दोनों देशों के मध्य निवेश प्रवाह, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ाने देने में मदद मिलेगी।
- इससे घरेलू ग्राहकों को कम कीमत पर इस समूह के देशों के उत्पादों तक पहुंच मिलेगी।
ईएफटीए(EFTA) के बारे में:
- अंतरसरकारी संगठन: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ एक अंतरसरकारी संगठन है जो यूरोप के भीतर और वैश्विक स्तर पर अपने सदस्यों के बीच मुक्त व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है।
- उद्देश्य: एक सामान्य सीमा शुल्क संघ सहित इसके सदस्यों के बीच गहरा आर्थिक एकीकरण।
- सदस्य राज्य: इसके चार सदस्य देश हैं: आइसलैंड, लीश्टेनस्टाईन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड।
- ये सभी देश खुली, प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाएं हैं जो बहुराष्ट्रीय क्षेत्र के साथ-साथ मुक्त व्यापार समझौतों में व्यापार के प्रगतिशील उदारीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ईएफटीए(EFTA) की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- ईएफटीए की स्थापना स्टॉकहोम कन्वेंशन द्वारा 1960 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय (EEC), यूरोपीय संघ (EU) के अग्रदूत के विकल्प के रूप में की गई थी।
- सलाहकार निकाय: ईएफटीए संसदीय समिति (PC) और ईएफटीए सलाहकार समिति (CC) ईएफटीए परिषद के दो महत्वपूर्ण निकाय हैं।
ईएफटीए-इंडिया टीईपीए (TEPA) के बारे में:
- TEPA का मतलब व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ को कम करने के साथ-साथ निवेश और सहयोग को बढ़ावा देकर दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना है।
- EFTA परिषद: यह EFTA की सर्वोच्च शासी निकाय है। परिषद की आम तौर पर राजदूत स्तर पर साल में आठ बार और मंत्री स्तर पर साल में दो बार बैठक होती है।
- ईएफटीए सचिवालय: जिनेवा में मुख्यालय गैर-ईयू देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के प्रबंधन और बातचीत से संबंधित है, और ईएफटीए परिषद को सहायता प्रदान करता है।
ईएफटीए-इंडिया टीईपीए (TEPA) समझौते के निहितार्थ:
- व्यापार में वृद्धि: वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ और कोटा कम होने से भारत और ईएफटीए देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
- निवेश के अवसर: यह समझौता ईएफटीए देशों से भारत में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित कर सकता है जिससे भारत में नए व्यवसायों का निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
- प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते से अगले 15 वर्षों में चार देशों के समूह से भारत में 100 अरब डॉलर के निवेश का प्रवाह होने की उम्मीद है, जिससे अनुमानित दस लाख नौकरियां पैदा होंगी।
- बेहतर दक्षता: सुव्यवस्थित सीमा शुल्क प्रक्रियाएं और नियम भारत और ईएफटीए देशों के बीच व्यापार को अधिक कुशल और कम समय लेने वाला बना सकते हैं, जिससे दोनों पक्षों के व्यवसायों को लाभ होगा।
- व्यापार घाटे में कमी लाना: ईएफटीए के साथ व्यापार समझौते से इस गुट के साथ भारत के भारी व्यापार घाटे में भी कमी आने की संभावना है।
- 2023 में ईएफटीए ब्लॉक में भारत का निर्यात 1.87 बिलियन डॉलर था, जिसमें रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, परिधान और मोती और कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों जैसी वस्तुएं निर्यात के आधार पर हावी थीं।
- दूसरी ओर, इसने 2023 में ईएफटीए से $20.45 बिलियन का सामान आयात किया, जिसमें मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, कीमती धातुएं और सिक्के शामिल थे, जिनकी कीमत 16.7 बिलियन डॉलर थी।
- अन्य देशों के साथ भारत एफटीए वार्ता: भारत-एफटीए टीईपीए पर हस्ताक्षर से यूरोपीय संघ और यूके जैसे अन्य भागीदारों के साथ भारत की चल रही एफटीए वार्ता को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
निष्कर्ष:
भारत ईएफटीए के साथ व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता (TEPA) पर काम करता रहा है। टीईपीए बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और लॉजिस्ट्क्सि, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और बीमा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके "मेक इन इंडिया" और आत्मनिर्भर भारत को गति देगा।
स्रोत: द हिंदू
---------------------------------------
मुख्य परीक्षा प्रश्न:
ईएफटीए(EFTA) क्या है? ईएफटीए-इंडिया टीईपीए (TEPA) समझौते के निहितार्थों पर चर्चा कीजिए।