
हरित विकास बनाम जलवायु परिवर्तन
हरित विकास बनाम जलवायु परिवर्तन
मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन:3
(हरित विकास हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलें)
22 सितंबर, 2023
भूमिका:
- हरित विकास और जलवायु परिवर्तन दोनों ही ग्लोबल समस्याएँ हैं, जिनका समाधान वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक है।
हरित विकास:
- हरित विकास का मतलब होता है ऐसे विकास का प्रतिनिधित्व, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण और सावधानीपूर्ण उपयोग होता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए साधुनता बना रह सके। हरित विकास का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था की विकास को सुनिश्चित करना है और समाज के सभी वर्गों को इसके फायदों का अधिक से अधिक लाभ दिलाना है।
जलवायु परिवर्तन:
- जलवायु परिवर्तन दुनियाभर के लिए एक बड़ा खतरा बनके उभरा है। इससे भूकंप, सुनामी, तूफान, बाढ़, सूखा, और अधिकतम तापमान की वृद्धि जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
हरित विकास बनाम जलवायु परिवर्तन:
- विकास के प्राथमिक लक्ष्य: हरित विकास के अवसरों को बढ़ाते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जलवायु परिवर्तन के असरों को मिनिमाइज किया जा सकता है। हमें उन उपायों को पसंद करने चाहिए जो प्रदूषण को कम करें, निवारण की ओर बढ़ें, और वित्तीय संसाधनों को पुनर्चक्रण करें।
- शिक्षा और जागरूकता: लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में शिक्षित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जागरूकता के साथ, लोग अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन कर सकते हैं जो जलवायु परिवर्तन को धीमा कर सकता है।
- नई तकनीक: साफ ऊर्जा स्रोतों की तकनीक और समृद्धि को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों के विकास का समर्थन करना हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति हमारे संविदानिक संकल्प को अधिक शक्तिशाली बना सकता है।
- गणराज्य की भूमिका: सरकारों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। वे कठिन नियमों को लागू करने, सफाई के प्राधिकृत्य को बढ़ाने, और सबसे महत्वपूर्ण ग्लोबल समझौतों में भाग लेने का काम कर सकते हैं।
हरित विकास हेतु भारत सरकार की विविध योजनाएं/पहलें
- हरित विकास से संबंधित ये योजनाएं भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की आधारशिला हैं और उसके लिए मार्ग प्रशस्त करेंगी।
- इथेनॉल ब्लेंडिंग
- भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है
- देश 2030 के बजाय 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करेगा।
- पीएम कुसुम योजना
- इस योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा दी गयी है। इस योजना के अंतर्गत सोलर पंप लगाने में आने वाले खर्चे की कुल लागत का 90 प्रतिशत व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 10 प्रतिशत लागत का भुगतान स्वयं किसानों द्वारा किया जाएगा।
- सोलर पंप किसानों की आय का साधन बनेगा।
- रूफटॉप सोलर स्कीम
- इस योजना में सोलर पैनल स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से 40 % सब्सिडी दी जाती है।
- कोयला गैसीकरण और बैटरी स्टोरेज जैसे उपायों की घोषणाएं
- भारत को अगले 6-7 वर्षों में अपनी बैटरी भंडारण क्षमता को 125-गीगावाट घंटे तक बढ़ाना है।
- किसानों के लिए पीएम प्रणाम योजना
- यह योजना, भूमि सुधार, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए चलाए जाने वाला एक कार्यक्रम है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना और रसायनों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना है, ताकि हरित विकास को बढ़ावा मिल सके और पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।
- गांवों के लिए गोबर-धन योजना
- यह योजना भारत की जैव ईंधन रणनीति का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- भारत में गोबर से 10 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर बायोगैस और 1.5 लाख क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन करने की क्षमता है जो देश में सिटी गैस वितरण में 8 प्रतिशत तक योगदान कर सकती है।
- सरकार ने गोबर-धन योजना के तहत 500 नए संयंत्र स्थापित करने की योजना की घोषणा की है।
- शहरों के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति
- सरकार ने केन्द्र और राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले 15 साल से पुराने लगभग 3 लाख वाहनों को स्क्रैप करने के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिनमें पुलिस वाहन, एंबुलेंस और बसें शामिल हैं।
- यह नीति देश की सर्कुलर इकोनॉमी को नई ताकत देगी और भारत के युवाओं को सर्कुलर इकोनॉमी के विभिन्न माध्यमों से लाभ मिलेगा।
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
- इस मिशन के तहत, भारत ने वर्ष 2030 तक 5 एमएमटी हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
- देश में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में हाइड्रोजन प्लांट बनाने की मंजूरी दी है।
- यह देश में बनने वाला पहला हाइड्रोजन प्लांट है।
- यह प्लांट ‘द ग्रीन बिलियन्स लिमिटेड कंपनी’ द्वारा पुणे, महाराष्ट्र मे स्थापित किया जाएगा।
- पर्यावरण के लिए अनुकूल समाधान उपलब्ध कराने हेतु इस प्लांट में कचरे द्वारा हाइड्रोजन गैस बनाई जाएगी।
- ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम
- यह कार्यक्रम लोगों को पारम्परिक वन भूमि के बाहर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- मिष्टी
- मिष्ठी योजना का मुख्य उद्देश्य समुद्र तट के किनारे “मैंग्रोव वनों का संरक्षण एवं वृक्षारोपण” करना है।
- अमृत धारोहर योजना
- इस योजना का उद्देश्य आर्द्रभूमियों के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देकर उनका संरक्षण करना है।
- तटीय नौवहन और वाहन प्रतिस्थापन।
- भारत में जल-आधारित परिवहन के लिए एक विशाल क्षेत्र है।
- भारत वर्तमान में अपने तटीय मार्ग से केवल 5 प्रतिशत कार्गो का परिवहन करता है जबकि अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से भारत में केवल 2 प्रतिशत कार्गो का परिवहन किया जाता है।
- भारत में जलमार्ग का विकास इस क्षेत्र में सभी हितधारकों के लिए अनेक अवसरों को जन्म देगा।
- इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 19 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
- इलेक्ट्रोलाइजर,ग्रीन स्टील और लंबी अवधि वाले ईंधन सेल के निर्माण हेतु निजी क्षेत्रों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करना।
हरित विकास का भारत के लिए महत्व:
- नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी स्थिति दुनिया में एक अनुकूल परिवर्तन सुनिश्चित करेगी। हरित विकास वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को एक अगुआ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- ऊर्जा जगत के प्रत्येक हितधारक को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करेगा।
- ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला के विविधीकरण की दिशा में चल रहे वैश्विक स्तर के प्रयासों सफलता मिलेगी।
- प्रत्येक हरित ऊर्जा निवेशक को भारत में निवेश करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।
- यह इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगा।
- हरित विकास भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य की आधारशिला तैयार करेगा।
- हरित विकास वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को एक अगुआ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- इनसे बड़ी संख्या में हरित रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
निष्कर्ष:
- भारत 2014 के बाद से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तेज गति से बढ़ाने के मामले में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे रहा है।
- भारत में सौर, पवन और बायोगैस की क्षमता निजी क्षेत्र के लिए किसी सोने की खान या तेल क्षेत्र से कम नहीं है।
- हरित विकास न केवल एक अवसर है, बल्कि इसमें भविष्य की सुरक्षा की गारंटी भी है।
- हरित विकास वर्तमान चुनौतियों का समाधान खोजने के साथ-साथ नए युग के सुधारों को आगे बढ़ाने का काम करेगा।
- फिर भी सरकार को देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और धारणीय विकास को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 में सुधार करना चाहिए।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न: हरित विकास को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार की प्रमुख पहलों का उल्लेख कीजिए।
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