एमिशन गैप रिपोर्ट 2023

एमिशन गैप रिपोर्ट 2023

प्रिलिम्स के लिए महत्वपूर्ण:

एमिशन गैप रिपोर्ट 2023, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG), राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC), नेट-ज़ीरो प्रतिज्ञाएं

मेन्स के लिए महत्वपूर्ण:

GS-3: एमिशन गैप रिपोर्ट 2023 के प्रमुख बिंदु, भारत में उत्सर्जन नियंत्रण हेतु प्रमुख पहलें

23नवंबर,2023

खबरों में क्यों:

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा एमिशन गैप रिपोर्ट का 14वाँ संस्करण जारी किया गया।

एमिशन गैप रिपोर्ट 2023

शीर्षक:

  • इस रिपोर्ट का शीर्षक “एमिशन गैप रिपोर्ट 2023: ब्रोकन रिकॉर्ड - टेम्परेचर हिट न्यू हाई यट वर्ल्ड फेल्स टू कट एमिशन (अगेन)” है। 

उद्देश्य:

  • इस रिपोर्ट को जारी करने का उद्देश्य: तापमान वृद्धि की खतरनाक स्थिति से बचने के लिए तत्काल जलवायु कार्रवाई करना।
  • यह रिपोर्ट भविष्य में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित चुनौती के संभावित समाधान हेतु दुनियाभर के जलवायु वैज्ञानिकों एवं संगठनों को जागरूकता प्रदान करती है।

प्रमुख बिंदु:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के बावजूद दुनियाभर के विकसित एवं विकासशील देशों ने विश्व को इस सदी के अंत तक पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2.5-2.9 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ाने की दिशा में अग्रसर किया है।
  • पेरिस समझौता:
    • इस समझौते को COP 21 सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन और इसके नकारात्मक प्रभावों को संबोधित करने के लिये वर्ष 2015 में अपनाया गया था।
    • यह एक ऐतिहासिक पर्यावरण समझौता है जिसे तापमान वृद्धि को 1.5-2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में 28-42% की कटौती करना आवश्यक है।

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन:

  • वर्ष 2022 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHG) का 57.4 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड इक्वेलेंट (GtCO2e) का एक नया रिकॉर्ड सामने आया, जो विगत वर्ष की तुलना में 1.2% अधिक है।
  • 100 वर्ष की ग्लोबल वार्मिंग क्षमता के साथ जीवाश्म CO2 उत्सर्जन वर्तमान GHG उत्सर्जन का लगभग दो-तिहाई है।
  • आंकड़ों के मुताबिक़, वर्ष 2022 में जीवाश्म CO2 उत्सर्जन 0.8-1.5% के बीच बढ़ा जो GHG उत्सर्जन की समग्र वृद्धि में मुख्य योगदानकर्त्ता था।
  • वर्ष 2022 में फ्लोराइडयुक्त गैसों का उत्सर्जन 5.5% बढ़ा, इसके बाद मीथेन 1.8% एवं नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) 0.9% में वृद्धि हुई।
  • वर्तमान में, सामूहिक रूप से वैश्विक उत्सर्जन में G20 देशों का 76% योगदान है।
  • वर्ष 2022 में, G20 देशों के GHG उत्सर्जन में 1.2% की वृद्धि हुई।
  • चीन, भारत, इंडोनेशिया तथा संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि की गयी है, जबकि ब्राज़ील, यूरोपीय संघ एवं रूसी संघ में अपेक्षाकृत उत्सर्जन में कमी आई है।

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GHG उत्सर्जन वाले क्षेत्र:

  • उत्सर्जन में पाँच प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों ने योगदान दिया है जिनमें शामिल हैं: ऊर्जा आपूर्ति, उद्योग, कृषि एवं भूमि उपयोग, भूमि-उपयोग परिवर्तन और वानिकी (Land use, Land-Use Change and Forestry- LULUCF), परिवहन व भवन।

आर्थिक क्षेत्र                           वर्ष 2022 में उत्सर्जन का प्रतिशत

              ऊर्जा आपूर्ति:                               कुल का 36% (उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत)

                         उद्योग:                                    25%                    

                       कृषि तथा LULUCF:                   18%

                        परिवहन:                                 14%

                       भवन:                                       6.7%

चिंताएं:

सदी के अंत तक ग्लोबल वार्मिंग पूर्व-औद्योगिक स्तर से 3 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुँचने की आशंका है।

विकसित एवं विकासशील देशों द्वारा शुद्ध-शून्य उत्सर्जन की सीमाओं को लागू करने के बावजूद, अपने लक्ष्य के अनुरूप उत्सर्जन में कमी न करना एक बड़ी चिंता है।

वर्तमान उत्सर्जन परिदृश्य में तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने की संभावना केवल 14% है।

एमिशन गैप रिपोर्ट के बारे में:

  • एमिशन गैप रिपोर्ट यानी उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट, UNEP की वार्षिक जलवायु शिखर वार्ता से पहले प्रत्येक वर्ष लॉन्च की जाने वाली स्पॉटलाइट रिपोर्ट है।
  • यह रिपोर्ट प्रतिवर्ष वैश्विक उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के स्तर के बीच अंतर को ट्रैक करती है।

भारत में उत्सर्जन नियंत्रण हेतु प्रमुख पहलें :

  • राष्ट्रीय सौर मिशन
  • पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम)
  • राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति
  • राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति
  • राष्ट्रीय जलविद्युत नीति
  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन
  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
  • भारत स्टेज-IV (BS-IV) से भारत स्टेज-VI (BS-VI) उत्सर्जन मानदंड
  • उजाला योजना
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
  • जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC)
  • वर्ष 2025 तक भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण
  • भारत द्वारा अपने NDC का अद्यतन

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)

के बारे में:

  • यह पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र की एक अग्रणी वैश्विक संस्था है जो पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम करती है।
  • UNEP की स्थापना 1972 में कनाडा के व्यवसायी और परोपकारी मौरिस स्ट्रॉन्ग ने की थी, जो इसके पहले निदेशक थे।
  • UNEP का लक्ष्य दुनिया को 17 सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करना है।
  • वर्तमान में भारत सहित इस संस्था के 193 सदस्य देश हैं और इसका मुख्यालय नैरोबी, केन्या में है।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय यूएनईपी के साथ भारत की भागीदारी से निपटने वाला नोडल मंत्रालय है।
  • इसके द्वारा जारी रिपोर्ट्स हैं: उत्सर्जन गैप रिपोर्ट, वैश्विक पर्यावरण आउटलुक, इन्वेस्ट इनटू हेल्थी प्लेनेट रिपोर्ट
  • इसके द्वारा लांच प्रमुख अभियान हैं: ‘बीट पॉल्यूशन’, ‘UN75’, विश्व पर्यावरण दिवस, वाइल्ड फॉर लाइफ

आगे की राह:

  • पेरिस समझौते के बाद से नीतिगत प्रयासों एवं विशिष्ट कार्य योजनाओं द्वारा उत्सर्जन अंतर को कम किया गया है जो वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।
  • दुनियाभर के नौ देशों ने अपने NDC कार्यक्रम को  अपडेट किया है, जिससे संभावित रूप से वर्ष 2030 तक उत्सर्जन में लगभग 9% सालाना की कमी आने की संभावना है।
  • हालाँकि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने हेतु कम-से-कम लागत के लिए और कटौती करना आवश्यक है।
  • बिना शर्त राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) को लागू करने से उत्सर्जन वृद्धि को 2.9 डिग्री सेल्सियस और सशर्त NDC इसे 2.5 डिग्री सेल्सियस तक पर सीमित किया जा सकता है।
  • अधिक उत्सर्जन कर्ता देशों द्वारा विकासशील देशों को पारिस्थितिक राहत हेतु वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि उनके सतत विकास प्रभावित न हो।
  • भविष्य में कार्बन डाइऑक्साइड हटाने के लिए नवीन तकनीकी विकसित करने की आवश्यकता होगी।
  • भविष्य को ध्यान में रखते हुए, सभी देशों को अपर्याप्त कार्रवाई के  ढाँचे से बाहर निकलकर उत्सर्जन, हरित और न्यायसंगत बदलाव तथा जलवायु वित्त पर नए रिकॉर्ड स्थापित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस   

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

एमिशन गैप रिपोर्ट के आलोक में उत्सर्जन के स्तर पर नियंत्रण हेतु भारत की प्रमुख पहलों का उल्लेख कीजिए।