“फंगा” अभियान

क्या है?

फंगाअभियान

यह टॉपिक आईएएस/पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के करेंट अफेयर और मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 के जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित है 

04 सितंबर, 2023

चर्चा में:

  • हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता ने कवक के संरक्षण हेतु एक फंगा अभियान शुरू किया है

फंगा अभियान से संबंधित प्रमुख बिंदु:  

  • यह अभियान दुनियाभर से कवक के महत्व पर जोर देने के लिए “वनस्पतियों और जीवों”(फ्लोरा और फौना) के साथ-साथ “कवक” (‘फंगा’) शब्द को शामिल करने का आग्रह करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता के अनुसार, कवक पृथ्वी पर जीवन का अभिन्न अंग हैं, जो अपघटन, वन पुनर्जनन और पोषक चक्रण जैसी प्रक्रियाओं का समर्थन करते हैं।
  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) भी कवक के संरक्षण हेतु “माइकोलॉजिकली इनक्लूसिव” भाषा का समर्थन का चुका है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य

  • पारिस्थितिक तंत्र में कवक की आवश्यक भूमिका को पहचानते हुए, संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य संरक्षण प्रयासों में पौधों और जानवरों के समान कवक के महत्व को बढ़ाना है।

कवक के बारे में:

  • कवक या कवक यूकेरियोटिक सूक्ष्मजीवों या स्थूल जीवों का एक विविध समूह है जो पौधों, जानवरों और बैक्टीरिया से अलग, अपने स्वयं के जैविक समूह से संबंधित हैं ।
  • ब्रेड (डबल रोटी) के टुकड़े पर रोएँ या रुई के धागों के समान जैसी संरचना को कवक या फंजाई कहते हैं।
  • इनकी पोषण प्रणाली अथवा पोषण विधि भिन्न प्रकार की होती है। ये मृत एवं विघटनकारी (सड़नेवाली) वस्तुओं (जैव पदार्थों) की सतह पर कुछ पाचक रसों का स्राव करते हैं तथा उसे साधारण व विलेय के रूप में परिवर्तित कर देते हैं।
  • तत्पश्चात् वे इस विलयन का भोजन के रूप में अवशोषण करते हैं। इस प्रकार की पोषण प्रणाली को जिसमें जीव किसी मृत एवं विघटित जैविक पदार्थों से पोषक तत्त्व प्राप्त करते हैं, मृतजीवी पोषण कहलाती है। मृतजीवी पोषण प्रणाली का उपयोग करने वाले जीव मृतजीवी कहलाते हैं।
  • कवक (फंजाई) अचार, चमड़े, कपड़े,पेड़-पौधे  एवं अन्य पदार्थों पर उगते हैं। ये उन स्थानों में भी उगते हैं, जो नम एवं उष्ण हों।
  • कवकों की वृद्धि के लिए वर्षा ऋतु सबसे अच्छी परिस्थितियाँ प्रदान करती हैं। इसी कारण वर्षा ऋतु के दौरान अनेक वस्तुएँ कवकों की वृद्धि के कारण नष्ट अथवा अनुपयोगी हो जाती हैं।

विशेषताएँ:

  • यूकेरियोटिक: पौधों, जानवरों और प्रोटिस्टों की तरह, कवक में जटिल, झिल्ली से बंधे कोशिका अंग और एक सच्चा केंद्रक होता है।
  • हेटरोट्रॉफ़िक: कवक मुख्य रूप से डीकंपोजर या सैप्रोफाइट्स होते हैं , जिसका अर्थ है कि वे अपने आसपास से कार्बनिक पदार्थों को अवशोषित करके पोषक तत्व प्राप्त करते हैं।
  • एंजाइमों का स्राव: कवक जटिल कार्बनिक यौगिकों को सरल पदार्थों में तोड़ने के लिए एंजाइमों का स्राव करते हैं, जिन्हें वे फिर अवशोषित कर सकते हैं।

कवक से पारिस्थितिकी लाभ:

  • कवक सहजीविता के कारण अपना आवास एवं पोषक तत्त्व एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं। वृक्षों की जड़ों में रहने वाले कवक वृक्षों को पोषण प्रदान करते हैं, बदले में उन्हें जल एवं पोषकों के अवशोषण में सहायता मिलती है। वृक्ष के लिए इस संबंध का विशेष महत्व है।
  • लाइकेन कहे जाने वाले कुछ जीवों में दो भागीदार होते हैं। इनमें से एक शैवाल होता है तथा दूसरा कवक। शैवाल में क्लोरोफ़िल उपस्थित होता है जबकि कवक में क्लोरोफ़िल नहीं होता।
  • कवक शैवाल को रहने का स्थान (आवास), जल एवं पोषक तत्त्व उपलब्ध कराता है तथा बदले में शैवाल प्रकाश संश्लेषण द्वारा संश्लेषित खाद्य कवक को देता है।
  • कवक विभिन्न पारिस्थितिक प्रक्रियाओं जैसे अपघटन, वन पुनर्जनन और पोषक चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • कवकों को संरक्षण रणनीतियों में शामिल करने से पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के लिए अधिक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित होता है।

कवक के हानिकारक प्रभाव:

  • कवक मनुष्यों और जानवरों में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए भी उत्तरदायी होते हैं। एथलीट फुट (डर्माटोफाइट्स के कारण), दाद , हिस्टोप्लाज्मोसिस और एस्परगिलोसिस आदि रोग कवक के कारण होते हैं।
  • कुछ कवक मायकोटॉक्सिन नामक विषैले यौगिकों का उत्पादन करते हैं, जो भोजन को दूषित कर सकते हैं और उपभोग करने पर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
  • फंगल रोग फसलों और पौधों को संक्रमित और नुकसान पहुंचाते हैं। जंग, ख़स्ता फफूंदी और विभिन्न प्रकार के फंगल ब्लाइट रोग फसलों में कवक के कारण हो जाते हैं।
  • कवक बीजाणुओं के संपर्क में आने से, विशेष रूप से उच्च आर्द्रता वाले इनडोर वातावरण में , कुछ व्यक्तियों में एलर्जी और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर देते हैं।
  • एलर्जिक राइनाइटिस और एलर्जिक ब्रोंकोपुलमोनरी एस्परगिलोसिस जैसी स्थितियां फंगल एलर्जी के कारण ही पैदा होती हैं।
  • संरक्षण के आभाव में कवक कपड़ा, चमड़ा और कागज जैसी सामग्रियों को क्षति पहुंचाते देते हैं।

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

कवक (Fungus) क्या है? पारिस्थितिक तंत्र में इनके महत्वपूर्ण एवं गैर-महत्वपूर्ण प्रभावों पर चर्चा कीजिए?