AI: जोखिम और भविष्य

AI: जोखिम और भविष्य

प्रिलिम्स हेतु महत्वपूर्ण

पहला अंतर्राष्ट्रीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन, बैलेचली घोषणा पत्र, एआई, ‘एआई इन इंडिया' एंड मेक एआई वर्क फॉर इंडिया'

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता, इसके फायदे-नुकसान और चुनौतियों

8 नवंबर, 2023

संदर्भ:

हाल ही में पहला अंतरराष्ट्रीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन, ब्रिटेन में आयोजित किया गया, जिसमें एआई जोखिमों जैसे मानवाधिकारों की सुरक्षा, पारदर्शिता, व्याख्यात्मकता, निष्पक्षता, जवाबदेही, विनियमन, सुरक्षा, नैतिकता, पूर्वाग्रह, गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के महत्व पर चर्चा हुई।

पहला अंतरराष्ट्रीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन

  • पहला वैश्विक एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन 1 से 2 नवंबर तक ब्रिटेन के ब्लेचली पार्क में आयोजित किया गया, जिसमें "ब्लेचली घोषणा-पत्र" जारी किया गया।

"ब्लेचली घोषणा-पत्र"

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता में मानव कल्याण, शांति और समृद्धि को बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही, इसमें संभावित जोखिम भी हैं।
  • एआई के संभावित जोखिमों का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सबसे अच्छा समाधान किया जा सकता है।
  • गौरतलब है कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, चीन और भारत सहित अनेक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

परिणाम:

  • शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देश और क्षेत्र "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समावेशी" अत्याधुनिक एआई सुरक्षा अनुसंधान नेटवर्क बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

परिचय:

  • AI यानी Artificial Intelligence को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं, जिसका मतलब है बनावटी यानी कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर साइंस की एक एडवांस्ड शाखा है। इसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वो इंसानों की तरह सोच-समझ सके और निर्णय ले सके।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास होता है जिसके आधार पर एक मानव का मस्तिष्क काम करता है।

AI का इतिहास

  • AI की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, लेकिन इसे वास्तविक पहचान 1980 के दशक की शुरुआत में मिली। 1981 में जापान ने इस तकनीक के विकास हेतु Fifth Generation नाम की एक योजना की शुरु की जो कि सुपर-कम्प्यूटर के विकास के लिए एक 10-वर्षीय कार्यक्रम था।
  • जापान के बाद ब्रिटेन ने इसके लिये 'एल्वी' नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।
  • यूरोपीय यूनियन के देशों ने भी 'एस्प्रिट' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
  • इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संस्था ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक अमेरिका के कम्प्यूटर साइंटिस्ट जॉन मैकार्थी को माना जाता है। मैकार्थी ने 1956 में आयोजित डॉर्टमाउथ कॉन्फ्रेंस में पहली बार AI के कॉन्सेप्ट और संभावनाओं पर चर्चा की थी। जॉन मैकार्थी के मुताबिक, AI बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है.जिसका मतलब है मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस।

ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग

  • वर्तमान में AI का उपयोग Chat Bot के रूप में ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं देने के लिए किया जा रहा है।    

Healthcare Sector:

  • PathAI: यह कैंसर से पीड़ित मरीजों की देखभाल करने के अलावा उनका सटीक इलाज ढूंढने में मदद करता है।
  • AI-माइक्रोस्कोप की मदद से जानलेवा रक्त रोगों (Fatal Blood Diseases) का भी सटीक डेटा मिल सकता है।
  • AI Algorithm का उपयोग मेडिकल इमेजिंग जैसे- एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन में हो रहा है।
  • इनके अलावा स्वास्थ्य से संबंधी सेवाओं में कस्टमर सर्विस चैटबोट, वर्चुअल हेल्थ असिस्टेंट, मेडिकल रिकॉर्ड के मैनेजमेंट, सर्जरी, ड्रग डिस्कवरी और डेवलपमेंट समेत कई सारी मेडिकल सेवाओं में AI बहुत उपयोगी है।

Education Sector:

  • AI छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।
  • एआई-संचालित असिस्टेंट 'अमेजॉन एलेक्सा' की मदद से छात्र अब शिक्षकों से संपर्क किए बिना शैक्षिक संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • Personalized Learning Experience उपलब्ध कराने के लिए AI Algorithm का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे हर एक स्टूडेंट के लिए कस्टमाइज पाठ्यक्रम और Learning Pace प्रोवाइड किया जा रहा है।

Agricultural Industry:

  • AI, कृषि उद्योग में क्षमता, उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाकर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। Precision Farming यानी परिशुद्ध खेती में एआई सेंसर, ड्रोन और उपग्रहों से डेटा का विश्लेषण करके किसानों को वास्तविक समय के आंकड़ों के आधार पर पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के इस्तेमाल की सही जानकारी देता है।
  • AI Algorithm फसलों की कमजोरी, बीमारी के प्रकोप या पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर सकता है, जिससे किसान समय पर कार्रवाई करके बर्बादी को कम कर सकते है।

Finance Sector:

  • AI, वित्तीय लेनदेन में फ्रॉड की जांच और रोकथाम, Algorithmic Trading, Credit Scoring और जोखिम मूल्यांकन के लिए उपयोग किया जाता है। एआई से संचालित चैटबॉट कस्टमर सेवा में तेजी से और सटीक जवाब देने के लिए इस्तेमाल होते हैं।

Marketing & Advertising Sector

  • AI, वैयक्तिकृत विज्ञापन (Personalized Ads) देने के लिए यूजर की प्राथमिकताओं और व्यवहार का विश्लेषण करके टारगेटेड विज्ञापन में मदद करता है।
  • Natural Language Processing Algorithm ग्राहकों की पसंद-नापसंद को समझने और ब्रांड इमेज में सुधार करने के लिए सोशल मीडिया डेटा का विश्लेषण करता है।

Transportation Sector

  •  AI Algorithm नेविगेशन और यातायात प्रबंधन में मदद करते हैं। ये वाहनों के रखरखाव, डाउनटाइम को कम करने और सुरक्षा बढ़ाने में भी सक्षम हैं।

Cyber Security 

  • AI नेटवर्क ट्रैफिक पैटर्न में User Authentication और धोखाधड़ी का पता लगाने में मदद करता है।

Defense Sector

  • AI बहुत तेजी से सैन्य अभियानों की क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है। सेना के अलग-अलग एक्सरसाइज में ऑटोमैटिक गाड़ियां, ड्रोन और रोबोट विकसित करने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। ये सिस्टम इंसानों के डायरेक्ट हस्तक्षेप के बिना सैन्य प्रशिक्षण, निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति और यहां तक कि युद्ध संचालन जैसे कार्य भी कर सकता है।

AI के फायदे

  • वर्तमान में AI का संचार, परिवहन, उपभोक्ता उत्पादों और सेवा उद्योगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।

स्वचालन (Automation):

  • एआई की सबसे बड़ी खासियत Automation है। स्वचालन (Automation) से न केवल इन क्षेत्रों में उत्पादकता में वृद्धि होती है, बल्कि कच्चे माल का अधिक कुशल उपयोग, बेहतर उत्पाद की गुणवत्ता, कम लीड समय और बेहतर सुरक्षा भी मिलती है।
  • स्वचालन उन संसाधनों को मुक्त करने में मदद कर सकता है जिनका उपयोग अधिक महत्वपूर्ण चीजों के लिए किया जा सकता है।

निर्णयन क्षमता (Decision Making Capacity):

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हमेशा बेहतर फैसले लेने के लिए किया जाता रहा है.
  • एआई तकनीक, डेटा डिलिवरी का समन्वय कर सकती है, रुझानों का विश्लेषण कर सकती है, पूर्वानुमान प्रदान कर सकती है और सबसे बेस्ट फैसले लेने के लिए अनिश्चितताओं की संख्या बता सकती है. जब तक एआई को मानवीय भावनाओं की नकल करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया जाता है, तब तक यह मामले पर निष्पक्ष रहेगा और व्यावसायिक दक्षता (Professional Competence) का समर्थन करने के लिए सही फैसला लेने में मदद करेगा.

नई खोजें (New discoveries)

  • इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में नए-नए खोजों में मदद करना, रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने से लेकर AI कई मायनों में काफी उपयोगी है।

AI के नुकसान

  • नौकरियां खत्म होने का खतरा: एआई के उपयोग से लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और बेरोजगारी पैदा हो सकती है।
  • पूर्वाग्रह और निष्पक्षता (Bias and Fairness):  भेद-भाव से डिजाइन के गए AI System से मानवीय मूल्यों और भावनाओं का को खतरा होने की आशंका ज्यादा है।
  • निजी सुरक्षा (Privacy) पर खतरा: एआई सिस्टम का उपयोग निजी सुरक्षा को नुकसान भी पहुंचा सकता है क्योंकि पूरा एआई सिस्टम डेटा पर निर्भर होगा, इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों की प्राइवेसी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
  • AI में मानवीय संवेदनाएं नहीं होंगी, इसलिए इस तरह के मामलों में इसका इस्तेमाल करना घातक साबित हो सकता है साथ ही इस पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना भी नुकसानदेह हो सकता है। ये इंसान को आलसी बना सकता है, जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ सकता है।

AI की चुनौतियां

  • अत्यधिक लागत:  AI आधारित मशीनों के नवीनीकरण, संशोधीकरण, मरम्मत एवं रखरखाव में एक चुनौतीपूर्ण लागत आती है।
  • परिशुद्धता का अभाव: सटीक डेटा के अभाव में एआई मशीनों द्वारा गलतियां करने की आशंका बढ़ जाती है।
  • रक्षा क्षेत्र में एआई का उपयोग सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।
  • वर्तमान में दुनिया के कई देश AI Based Soldier यानी Soldier Robot बनाने की कोशिश में हैं ताकि मानवीय क्षति को कम किया जा सके।

भारत में एआई की संभावनाएं

  • भारत में एआई के विकास की अपार संभावनाए है।
  • यूपी सरकार एआई आधारित Face Recognition सॉफ्टवेयर की मदद एक नकल-विहीन परीक्षाएं करवा रही है।
  • सरकार ने उद्योग जगत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिए एक मॉडल बनाने में सहयोग की अपील भी की है।
  • सरकार इस दिशा में एक अथॉरिटी बनाने के प्रयास में है जो इसके नियम-कायदे तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 में एआई जैसी उभरती हुई तकनीक के लिए कई विकास पहलों की घोषणा की है।
  • घोषणा के अनुसार  'AI In India' और 'Make AI work for India' के विजन को साकार करने में मदद करने के लिए, देश भर के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence) स्थापित किए जाएंगे।
  • विशेषज्ञों और उद्योग जगत ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि इससे अर्थव्यवस्था और भारत के विकास को गति मिलेगी।
  • सरकार ने AI के क्षेत्र में काम करने के लिए 7-सूत्री रणनीति भी बनाई है, जो इसका उपयोग करने के लिए स्ट्रेटजी तैयार करती है:
    • मानव-मशीन की बातचीत के लिये विकासशील तरीके बनाना।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और R&D के साथ एक सक्षम कार्यबल का निर्माण करना।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक, कानूनी और सामाजिक पहुलओं को समझना और उन पर काम करना।
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को मानक मानकर और बेंचमार्क के माध्यम से मापन का मूल्यांकन करना।

निष्कर्ष:

इस प्रकार से, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जहाँ मानव के लिए एक बेहतर साधन साबित हो रहा है, वहीँ इसमें बहुत-से नुकसान और चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं।  इससे जुड़ी विसंगतियों से निपटने के लिए पूरी दुनिया को रणनीतिक तौर पर जागरुक रहने की आवश्यकता है।

स्रोत: संसद टीवी

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मुख्य परीक्षा प्रश्न

"ब्लेचली घोषणा-पत्र" क्या है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की आवश्यकता, इसके फायदे-नुकसान और चुनौतियों पर चर्चा कीजिए