
इजराइल-हमास संघर्ष
इजराइल-हमास संघर्ष
प्रारंभिक परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण:
सिनाई प्रायद्वीप, गाज़ा पट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम, गोलन हाइट्स, ऑपरेशन: अल-अक्सा फ्लड, सोर्ड्स ऑफ आयरन
मुख्य परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण :
अरब-इज़रायल युद्ध (1948), हमास-इज़रायल संघर्ष
10 अक्टूबर, 2023
चर्चा में क्यों:
- हाल ही में फिलिस्तीनी लड़ाकों ने गाजा पट्टी पार कर दक्षिणी इजराइल पर आत्मघाती हमले शुरू किए हैं इन हमलों से पश्चिम एशियाई और पश्चिमी देशों के मध्य युद्ध की आशंका बनती नजर आ रही है।
- हमास द्वारा इजराइल के खिलाफ शुरू किए गए इस ऑपरेशन का नाम 'अल-अक्सा फ्लड' है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया है।
- वर्तमान में इजराइल के समर्थक देश हैं: यूएसए, यमन, यूरोपीय संघ, जर्मनी, भारत, यूक्रेन ओर फ्रांस आदि।
- वहीं फिलिस्तीन के समर्थक देश हैं: तुर्किये, कतर, सऊदी अरब, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान आदि।
इजराइल-फिलिस्तीन विवाद
पृष्ठभूमि
- इजरायल- फिलिस्तीन विवाद दुनिया के सबसे जटिल और संवेदनशील मुद्दों में से एक है। इस विवाद की वजह से दोनों पक्षों को हिंसा, विस्थापन और पीड़ा का सामना करना पड़ा। इजरायली और फलस्तीन दोनों के इस भूमि से गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं और दोनों की ही अपनी शिकायतें भी हैं।
- यह विवाद लगभग 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य को हराने के बाद ब्रिटेन ने पश्चिम एशिया के इस हिस्से पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था, जिसे फिलिस्तीन के नाम से जाना जाता है। उस समय इजरायल का कोई अस्तित्व नहीं था और वेस्ट लैंड से लेकर गाजा पट्टी तक का क्षेत्र फिलिस्तीन का हिस्सा था। यह पूरा क्षेत्र यहूदी और अरबों के अधिकार में था।
- वर्ष 1948 में ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र कर दिया था। इस वर्ष यहूदी नेताओं ने इजरायल की स्थापना का एलान किया। जिसका फिलिस्तीनियों और पड़ोसी अरब देशों ने जमकर विरोध किया।
- इसी क्रम में 14 मई, 1948 को इजराइल की स्थापना हो गई। इजराइल के गठन के साथ ही एक स्थानीय तनाव क्षेत्रीय विवाद में बदल गया। अगले ही दिन मिस्र, जार्डन, सीरिया और इराक ने इस क्षेत्र पर हमला कर दिया। यह पहला अरब-इजराइल संघर्ष था। यह युद्ध 1949 में इजराइल की जीत के साथ समाप्त हुआ। इस क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया था: यहूदी इजराइल, अरब पश्चिमी तट और गाजा पट्टी।
- वर्तमान में मिडिल ईस्ट के इस क्षेत्र में वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे क्षेत्रों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन क्षेत्रों सहित पूर्वी यरुशलम पर दावा करता है। वहीं, इजराइल यरुशलम पर अपना अधिकार मानता है।
वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स के बारे में:
वेस्ट बैंक:
- वेस्ट बैंक, इज़रायल और जॉर्डन के बीच स्थित है।
- वेस्ट बैंक पश्चिम एशिया में एक भूमि आबद्ध क्षेत्र है। इसमें पश्चिमी मृत सागर का एक महत्त्वपूर्ण भाग भी शामिल है। वर्तमान में इस पर इज़रायल का नियंत्रण है।
- इसके प्रमुख शहरों में से एक रामल्लाह है जो फिलिस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी भी है।
- वर्तमान में वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के साथ इज़रायली बस्तियां हैं।
- मासाफर यट्टा, वेस्ट बैंक क्षेत्र का 60% क्षेत्र है, जहां इजराइलियों का कब्ज़ा है।
गाजा पट्टी:
- गाजा पट्टी इजराइल के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक 6-10 किमी चौड़ा और 45 किमी लम्बा क्षेत्र है। यह इज़राइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच बसा एक छोटा सा क्षेत्र है, जिसे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी जाना जाता है
- इसके तीन ओर इजराइल का नियन्त्रण है और दक्षिण में मिस्र है। हालाँकि जमीन के सिर्फ दो तरफ इसरायल है पर पश्चिम की दिशा में भूमध्यसागर में इसकी जलीय सीमा इजराइल द्वारा नियन्त्रित होती है।
- वर्ष 2007 से गाजा पट्टी पर उग्रवादी इस्लामी समूह हमास का शासन है।
गोलन हाइट्स:
- गोलन हाइट्स 1,800 वर्ग किमी का एक चट्टानी पठार है, जो दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में इजराइल और सीरिया के बीच सीमा पर स्थिति है। यह क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वर्तमान में इस पर इजराइल का नियंत्रण है।
हमास संगठन के बारे में:
- ‘हमास’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है: उत्साह
- हमास का पूरा नाम है: हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (इस्लामिक प्रतिरोध आन्दोलन)
- हमास फिलिस्तीन का इस्लामिक चरमपंथी समूह है, जो गाजा पट्टी से अपने ऑपरेशन संचालित करता है।
- दिसंबर 1987 में, गाजा में मुसलिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा के रूप में इस संगठन की स्थापना हुई थी।
- इस संगठन का तत्कालीन उद्देश्य: फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद(पीआईजे) का मुकाबला करना था।
- वर्तमान में इस संगठन का प्रमुख है: इस्माइल हनियेह (वर्ष 2017 से)।
- 1988 के चार्टर के तहत इसका लक्ष्य: वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र इस्लामी राज्य की स्थापना करना।
- हमास को तुर्किये, कतर, सऊदी अरब, ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों से फंडिंग और हथियार मिलते हैं।
- आतंकी हमलों में हमास की मदद लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह द्वारा की जाती है।
- हमास द्वारा पहला आत्मघाती बम विस्फोट 1993 में किया गया था।
- 1997 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने हमास को एक विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था।
संघर्ष के प्रमुख कारण:
- राजनीतिक कारण: फिलिस्तीन, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना करना चाहता है।
- सांस्कृतिक एवं धार्मिक कारण: मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा मस्जिद तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। ये हरम अल-शरीफ (टेम्पल माउंट) के परिसर में बना है। ये दुनिया की दूसरी सबसे पुरानी मस्जिद है। इस मस्जिद में 4 लाख लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं। यह मस्जिद हमेशा से विवादित रही है, क्योंकि यहूदी लोग इसे अपना मंदिर होने का दावा करते हैं।
संघर्ष का प्रभाव:
वैश्विक
- पश्चिम एशिया की राजनीति में अस्थिरता उत्पन्न होने से वहाँ की आम जनता को बलात्कार, चोरी, भुखमरी और हत्या जैसी जघन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- पश्चिम एशियाई क्षेत्र में हिंसक गतिविधियाँ अत्यधिक बढ़ रही हैं और इससे भविष्य में नए आतंकवादी संगठनों के बनने की आशंका बढ़ रही है।
- पश्चिम एशियाई क्षेत्र में शरणार्थियों का संकट भी उत्पन्न हुआ है। इस शरणार्थी संकट से ये दोनों देश ही नहीं, बल्कि आस पास के अन्य देश भी दुष्प्रभावित हुए हैं।
- यह संघर्ष न केवल मानव अधिकारों के उल्लंघन को इंगित करता है, बल्कि यह बेरोजगारी, सामाजिक अस्थिरता इत्यादि को भी बढ़ावा दे रहा है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हिंसक संघर्ष के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबाजी बढ़ने की आशंका बढ़ रही है।
- इस संघर्ष को रोकने में अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे संयुक्त राष्ट्र संगठन और आईएमएफ निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं।
भारत
- वर्तमान में इजरायल के लिए भारत एशिया में तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। भारत और इजरायल के बीच केवल राजनैतिक संबंध ही अच्छे नहीं है, बल्कि दोनों के व्यापारिक संबंध भी काफी मजबूत है। दीर्घकालिक युद्ध की स्थिति में इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जारी युद्ध का नकारात्मक प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पड़ सकता है।
निवेश:
- इजरायल की कंपनियों का भारत में कई गुना निवेश है। इजरायल में भारतीय कारोबारियों ने बड़े निवेश कर रखे हैं। कभी भारतीय कंपनियां इजरायल में कारोबार करती है। भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी का वहां बड़ा निवेश है। इजरायल के सबसे बड़े पोर्ट हाइफा पोर्ट को लेकर अडानी पोर्ट और गडोट के बीच 1.18 अरब डॉलर की डील हुई है।
आयात-निर्यात:
- भारत के साथ इजरायल का व्यापार 10 बिलियन डॉलर से भी अधिक का है। निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर का तो आयात 2.3 बिलियन डॉलर है।
- भारत इजरायल से मोती, हीरे-ज्वैलरी, फर्टिलाइजर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट और क्रूड ऑयल खरीदता है। वहीं भारत हीरे, ज्लैवरी, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग बेचता है। भारत का आयात-निर्यात प्रभावित होगा।
कच्चे तेल की आपूर्ति:
- इस युद्ध का सबसे बड़ा प्रभाव कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति पर पड़ सकता है। कच्चे तेल की सप्लाई बाधित होने से और देश में तेल के दाम बढ़ने लगेंगे।
- इजराइल से हथियार खरीदने वाले देशों में सबसे बड़ा खरीदार भारत है।
आगे की राह:
- इजरायल और फिलिस्तीन को विश्व के प्रमुख देशों के साथ मिलकर इस समस्या के समाधान हेतु उचित कदम उठाने चाहिए।
- विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के मानवाधिकार की रक्षा करने और उन्हें एक बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए इस संघर्ष को रोकने के प्रयास करने चाहिए।
- विश्व की विभिन्न बड़ी शक्तियों को इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे मुद्दों पर राजनीति करने से अंतिम रूप से मानवता का ही नाश होता है।
- इजरायल और फिलिस्तीन को यह समझना चाहिए कि हिंसा और आतंकवाद किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकते हैं। इस संघर्ष से संबंधित सभी पक्षों को यह ध्यान रखना चाहिए कि विश्व की जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान भी शांति वार्ता के माध्यम से निकाला जा सकता है, इसलिए दोनों पक्षों को बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण समाधान की तरफ आगे बढ़ना चाहिए।
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मुख्य परीक्षा प्रश्न
इजराइल-हमास संघर्ष के विभिन्न पहुलुओं को उजागर करते हुए इसके समाधान हेतु उपायों को लिखिए।